पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को संसद में 'सेल्समैन' बुलाकर दी गई बेइज्जती
आसिम मुनीर पाकिस्तान के 11वें सेना प्रमुख हैं। उनका जन्म 1968 में रावलपिंडी में हुआ। वे पहली बार ऐसे सेना प्रमुख हैं जिन्होंने सैन्य खुफिया और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस दोनों
दो अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को संसद में एक सांसद ने 'सेल्समैन' कहकर ललकारा। यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दुर्लभ खनिजों का नमूना भेंट करने वाली तस्वीर के बाद आई। सीनेटर ऐमल वाली खान ने संसद में कहा कि मुनीर सेल्समैन की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मैनेजर की तरह खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं। यह घटना पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में सेना की बढ़ती भूमिका पर सवाल खड़े कर रही है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है और सेना प्रमुख का विदेश नीति में हस्तक्षेप विवादास्पद हो गया है। आइए इस घटना की पूरी पृष्ठभूमि, कारण और प्रभाव को समझें।
आसिम मुनीर पाकिस्तान के 11वें सेना प्रमुख हैं। उनका जन्म 1968 में रावलपिंडी में हुआ। वे पहली बार ऐसे सेना प्रमुख हैं जिन्होंने सैन्य खुफिया और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस दोनों का नेतृत्व किया। 2022 में वे सेना प्रमुख बने। नवंबर 2024 में उनकी नियुक्ति तीन से पांच वर्ष के लिए बढ़ा दी गई। मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद उन्हें फील्ड मार्शल का पदोन्नति मिली, जो पाकिस्तान के इतिहास में दूसरा ऐसा मामला है। अयूब खान के बाद वे दूसरे हैं। यह पदोन्नति सेना की ताकत का प्रतीक बनी। मुनीर ने इमरान खान के समर्थकों पर सख्त कार्रवाई की। मई 2023 के दंगों के बाद कई लोगों को सैन्य अदालतों में सौंपा। पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज हामिद को गिरफ्तार कराया। इन कदमों से उनकी साख मजबूत हुई, लेकिन विपक्ष ने तानाशाही का आरोप लगाया।
इस घटना की शुरुआत सितंबर 2025 में हुई। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ वाशिंगटन गए। वहां ओवल ऑफिस में ट्रंप से मुलाकात हुई। आसिम मुनीर भी साथ थे। यह उनकी पांच महीनों में तीसरी अमेरिका यात्रा थी। व्हाइट हाउस की एक तस्वीर वायरल हो गई, जिसमें मुनीर ट्रंप को एक लकड़ी का डिब्बा भेंट कर रहे थे। डिब्बे में पाकिस्तान के दुर्लभ खनिजों के नमूने थे। ये खनिज रक्षा और प्रौद्योगिकी के लिए महत्वपूर्ण हैं। ट्रंप ने इन्हें ध्यान से देखा, जबकि शरीफ पृष्ठभूमि में मुस्कुरा रहे थे। यह तस्वीर पाकिस्तान में तूफान ला दी। विपक्ष ने कहा कि सेना प्रमुख क्या विदेश नीति चला रहे हैं।
पाकिस्तान के दुर्लभ खनिजों का महत्व बढ़ रहा है। बालोचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में इनकी प्रचुरता है। अमेरिका को चीन पर निर्भरता कम करने के लिए ये जरूरी हैं। इसी सप्ताह फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन नामक पाकिस्तानी सैन्य निर्माण कंपनी ने अमेरिकी स्ट्रैटेजिक मेटल्स के साथ समझौता किया। इससे पाकिस्तान में खनिजों की खोज और निर्यात होगा। अमेरिका 500 मिलियन डॉलर निवेश करेगा। ट्रंप ने शरीफ और मुनीर की तारीफ की। कहा कि वे गाजा शांति योजना के समर्थक हैं। पाकिस्तान ने ट्रंप के 20-सूत्री गाजा प्रस्ताव का साथ दिया। सऊदी अरब, जॉर्डन और अन्य मुस्लिम देशों ने भी स्वागत किया। लेकिन घरेलू स्तर पर यह तस्वीर सेना की हस्तक्षेप का प्रतीक बनी।
एक अक्टूबर को पाकिस्तानी सीनेट में बहस हुई। आवामी नेशनल पार्टी के सीनेटर ऐमल वाली खान ने जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुनीर सेल्समैन की तरह लग रहे हैं, जो किसी को सामान बेच रहे हैं। शरीफ मैनेजर की तरह तमाशा देख रहे हैं। खान ने सवाल किया कि मुनीर किस हैसियत से दुर्लभ खनिज ट्रंप को दिखा रहे हैं। किस कानून के तहत। यह संविधान का मजाक है। संसद का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है। संसद में स्पष्टीकरण मांगा। सऊदी अरब के साथ रक्षा सौदे का विवरण मांगा। ट्रंप के गाजा प्लान पर पाकिस्तान का रुख स्पष्ट करने को कहा। खान ने संयुक्त संसदीय सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सेना विदेश यात्राएं कर रही है, कूटनीतिक बैठकें कर रही है। यह देश का मजाक उड़ा रहा है।
ऐमल वाली खान पेशावर से सांसद हैं। वे पख्तून तहफ्फुज मूवमेंट के भी प्रमुख हैं। खान ने पहले भी सेना की आलोचना की। वे इमरान खान के समर्थक नहीं, लेकिन सेना के हस्तक्षेप के खिलाफ हैं। उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कई पाकिस्तानी पत्रकारों ने इसे सेना की बढ़ती ताकत का प्रमाण बताया। एक विश्लेषक ने कहा कि तस्वीर सेना प्रमुख को खनिज बेचते हुए दिखाती है, जबकि नागरिक सरकार साक्षी बनी है। यह पाकिस्तान की संस्थाओं का उलटा रूप है। विपक्षी दलों ने समर्थन दिया। पीटीआई ने कहा कि सेना अर्थव्यवस्था पर कब्जा कर रही है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है। महंगाई 25 प्रतिशत से ऊपर है। विदेशी कर्ज 130 अरब डॉलर है। ऐसे में खनिज निर्यात से राहत मिल सकती है, लेकिन सेना का नेतृत्व विवादास्पद है।
आसिम मुनीर की अमेरिका यात्राएं पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में बदलाव दिखाती हैं। जनवरी 2025 में ट्रंप के सत्ता में आने के बाद संबंध गर्म हुए। मई 2025 के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अमेरिका ने मध्यस्थता की। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने युद्ध रोका। अगस्त 2025 में अमेरिका ने बालोच विद्रोहियों को आतंकवादी घोषित किया। इससे पाकिस्तान को लाभ हुआ। सितंबर में खनिज समझौता हुआ। मुनीर ने ट्रंप को चापलूसी की। कहा कि पाकिस्तान अमेरिका का पुराना साथी है। लेकिन घर में यह छवि उल्टी पड़ी। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल से बयान दिया। कहा कि मोहसिन नकवी क्रिकेट को बर्बाद कर रहे हैं, जैसे मुनीर पाकिस्तान को। नकवी पीसीबी चेयरमैन हैं। एशिया कप में भारत से हार के बाद विवाद बढ़ा।
पाकिस्तान की संसद में यह बहस सेना-नागरिक संबंधों पर केंद्रित रही। पाकिस्तान में सेना का इतिहास विवादास्पद है। अयूब खान, याह्या खान, जिया उल हक ने तख्तापलट किए। परवेज मुशर्रफ ने 1999 में सत्ता हथिया ली। मुनीर का कार्यकाल भी सवालों के घेरे में है। विपक्ष कहता है कि चुनावों में हेरफेर हुआ। इमरान खान को जेल में डाला गया। सेना ने शहबाज शरीफ को समर्थन दिया। खान की टिप्पणी ने आग में घी डाला। उन्होंने कहा कि सेना संसद को कमजोर कर रही है। संसद को मजबूत करने की जरूरत है। लेकिन सरकार ने खान के बयान को खारिज किया। कहा कि खनिज समझौता आर्थिक प्रगति के लिए है।
इस विवाद से पाकिस्तान की छवि प्रभावित हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे प्रमुखता दी। टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि पाक सांसद ने मुनीर को सेल्समैन कहा। एनडीटीवी ने तस्वीर को राजनीतिक शर्मिंदगी बताया। फर्स्टपोस्ट ने कहा कि यह संसद का अपमान है। हिंदुस्तान टाइम्स ने इसे मजाक कहा। इंडिया टुडे ने मुनीर की अमेरिका यात्राओं पर सवाल उठाए। न्यूज18 ने विशेष रिपोर्ट में खान के बयान को हाइलाइट किया। मनीकंट्रोल ने इसे ओवल ऑफिस का सेल्समैन कहा। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने तस्वीर पर मजाक उड़ाया। कहा कि पाकिस्तान के खनिज बिक रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र नहीं।
आसिम मुनीर ने इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। लेकिन पाकिस्तानी सेना ने बयान जारी किया। कहा कि खनिज भेंट राष्ट्रीय हित में है। अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ेगा। इससे नौकरियां आएंगी। लेकिन विपक्ष शांत नहीं हुआ। ऐमल वाली खान ने कहा कि संसद को जवाब दो। सऊदी सौदे का विवरण दो। गाजा प्लान पर पाकिस्तान का रुख स्पष्ट करो। यह विवाद पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति को उजागर करता है। सेना की ताकत बढ़ रही है, जबकि नागरिक सरकार कमजोर। अर्थव्यवस्था संकट में है। आईएमएफ से 7 अरब डॉलर का कर्ज लिया। लेकिन खनिज निर्यात से उम्मीद है।
यह घटना भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है। मुनीर ने अप्रैल 2025 में कश्मीर पर भड़काऊ बयान दिया। कहा कि कश्मीर पाकिस्तान की जुगुलर वेन है। भारत ने इसे जिम्मेदार परमाणु राज्य का उल्लंघन कहा। मई के संघर्ष में पाकिस्तान ने परमाणु धमकी दी। भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की। अमेरिका ने मध्यस्थता की। अब पाकिस्तान अमेरिका के करीब आ रहा है। भारत को सतर्क रहना होगा। ट्रंप का गाजा प्लान मध्य पूर्व को प्रभावित करेगा। पाकिस्तान का समर्थन अमेरिका को मजबूत बनाएगा।
पाकिस्तान को इस विवाद से सबक लेना चाहिए। सेना और नागरिक सरकार के बीच संतुलन जरूरी है। संसद मजबूत हो। खनिज संसाधनों का उपयोग पारदर्शी हो। ऐमल वाली खान की टिप्पणी ने बहस छेड़ दी। यह लोकतंत्र की मांग है। पाकिस्तान की जनता बदलाव चाहती है। सेना प्रमुख को जवाबदेह बनाना होगा। यह घटना पाकिस्तान के भविष्य को प्रभावित करेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान कमजोर दिख रहा है। लेकिन अमेरिका के साथ सौदे से आर्थिक राहत मिल सकती है। विवाद सुलझे, तो पाकिस्तान मजबूत बनेगा। अन्यथा आंतरिक कलह बढ़ेगा।
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