Amethi Murder: शांत हुए गांव के गलियारे, अब भी हर जुबान पर हादसे की कहानी, अब बस यादों में रह गया सुनील
पूनम टूट गई थी तो चंदन ने संबल दिया और फिर बात जीने-मरने तक आ गई। शिक्षक के गांव में अब ग्रामीण धीरे-धीरे ही सही चंदन और पूनम कैसे नजदीक आए इस पर चर्चा करने लगे हैं।
चंदन और पूनम के संबंधों पर गांव और परिवार की दबी जुबान हो रही चर्चा
Rae Bareilly News INA.
अमेठी में हुए हत्याकांड में शिक्षक का पूरा परिवार खत्म हो गया। सुदामापुर गांव मंगलवार को शांत रहा। कहीं कोई हलचल नहीं हुई। गांव के गलियारों में खामोशी छाई रही। अब हालात सामान्य हैं लोग अब अपने काम के लिए जाने लगे हैं लेकिन ग्रामीण और परिवार के सदस्यों की जुबां पर चंदन और पूनम के बीच की निकटता की सुगबुगाहट तेज है। खासकर महिलाएं धीरे-धीरे खुलकर बोलने लगी हैं। चर्चाओं से यह बात सामने आ रही है कि चंदन और पूनम की निकटता एक हादसे के बाद बढ़ी। पूनम टूट गई थी तो चंदन ने संबल दिया और फिर बात जीने-मरने तक आ गई। शिक्षक के गांव में अब ग्रामीण धीरे-धीरे ही सही चंदन और पूनम कैसे नजदीक आए इस पर चर्चा करने लगे हैं। दोनों एक हादसे के कारण नजदीक आए और फिर बात जीने-मरने तक आ गई।शिक्षक और उसके परिवार के सदस्यों की जिंदगी खत्म हो चुकी है। परिवार के सदस्य यादों के झरोखे में जाने पर सुबक पड़ते हैं।
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शिक्षक सुनील जब कुछ जानने के बाद भी घुटता रहा। इस पर चर्चा न केवल परिवार के बीच होती रही, बल्कि ग्रामीण भी अपने घरों में इस पर दबी जुबां से बात कर रहे हैं। ग्रामीण अब खुल के बोलने लगे हैं लोग कहते हैं की इस गुनाह का दोषी कोई भी हो लेकिन इतना जरूर है कि एक हादसे ने पूनम को चंदन की तरफ मोड़ दिया। शिक्षक सुनील की शादी उतरपारा निवासी पूनम से 2016 में हुई थी। उस दौरान सुनील भट्ठे में मुनीम का काम करने के साथ फेरी लगाते थे। उनकी मेहनत रंग लाई और सुनील पहले पुलिस और फिर शिक्षक बन गया। इसी के साथ सुनील और पूनम की जिंदगी में बदलाव भी आया। 2018 में उनके जुड़वा बच्चे हुए। एक बेटी जिसकी नाम समीक्षा था और एक बेटा लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। पैदा होने के बाद बेटा बीमार पड़ा गया। उस दौरान पूनम शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। चंदन वहीं पर लैब टेक्नीशियन का काम करता था। पूनम को देखकर चंदन के मन में साहनुभूति जागी और उसने पूनम और सुनील की मदद की।
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अस्पताल में दिन भर रोया करती थी पूनम बहुत कोशिश के बाद भी सुनील के जुड़वा बेटे की मौत हो गई। यह पूनम के लिए बड़ा सदमा था। वह अस्पताल में खुद को सम्हाल नही पा रही थी और रोती रहती थी। इसी बीच चंदन ने उसे सहारा दिया। चर्चा यह भी रही की चंदन ने पूनम को जो सहारा दिया। उसी के सहारे उन दोनों में बाते आगे बढ़ती गईं। अपने पति सुनील के विषय में सोच पूनम इस रिश्ते को आगे नही बढ़ाना चाहती थी। शायद इन्हीं सब कारणों को लेकर 18 अगस्त को पूनम के साथ चंदन ने बदसलूकी की और सुनील को पीटा। दोनों अनजान रिश्ते धीरे-धीरे किसी बड़ी घटना की तरफ बढ़ चले और नतीजा यह रहा कि चंदन ने पूरे परिवार का सफाया कर दिया।
सुदामापुर के घर भी आ चुका था चंदन
लोग बताते हैं कि चंदन सुदामापुर गांव चार माह पहले जुलाई में आया था। उस दौरान सुनील और पूनम तथा बच्चे गांव में थे। जब चंदन आया तो परिवार के लोग अचरज में पड़ गए। पूनम पर अंगुली उठी लेकिन सुनील की वजह से सब शांत हो गए और गांव में इसकी चर्चा किसी से नहीं की गई। गांव वाले भी यह नहीं जानते थे कि घर पर आए अजनबी की जान पहचान पूनम से है। जब हत्याकांड हुआ और चंदन का चेहरा न्यूज पेपरों में दिखा तब गांव के लोगों को पूनम और चंदन के बीच की जानकारी हो सकी। उसके बाद से हर कान सुगबुगाहट से जुड़ा हुआ है। परिवार के लोगों का कहना है कि पूनम की वजह से ही चंदन इतने आगे बढ़ गया था। सुनील ने शहर में अपना घर बनवाने के लिए दो विस्वा जमीन ली थी। इसमें चंदन को गवाह बनाया था। नवरात्र में जमीन पर भूमि पूजन होना था। जब चंदन को यह बात पता लगी कि सुनील अब स्थाई रूप से रायबरेली रहने लगेगा तो शायद उसके मंसूबे सफल नहीं होंगे। खैर कुछ भी हो अब गांव में सुनील एक कहानी बन के रह गया है। कोई भी हो किसी ने सुनील की कोई भी बुराई नही की वह इतना नेक था की अपनी बहनोई के इलाज का खर्च भी पांच साल से खुद उठा रहा था। जो भी उसने परिवार के लिए किया शायद ही कोई करता।
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