Barabanki News: बाराबंकी में जल जीवन मिशन में कथित घोटाला: भाजपा नेता की फर्म पर अनियमितता का आरोप, जांच की मांग
मनीष मेहरोत्रा ने अपने पत्र में दावा किया है कि बाराबंकी जिले में जल जीवन मिशन के तहत जल टंकी, पाइपलाइन और घरेलू कनेक्शन का कार्य भाजपा नेता प्रदीप कुमार जै...

By INA News Barabanki.
बाराबंकी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2019 को लाल किले से शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना था। यह महत्वाकांक्षी योजना ग्रामीण भारत की जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने का वादा करती है। हालांकि, बाराबंकी जिले में इस योजना के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक सेवक मनीष मेहरोत्रा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, जिसमें स्थानीय स्तर पर अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का दावा किया गया है।
आरोप: भाजपा नेता की फर्म को ठेका, कार्य कागजों तक सीमित
मनीष मेहरोत्रा ने अपने पत्र में दावा किया है कि बाराबंकी जिले में जल जीवन मिशन के तहत जल टंकी, पाइपलाइन और घरेलू कनेक्शन का कार्य भाजपा नेता प्रदीप कुमार जैन से जुड़ी कंपनी पीएनसी इन्फ्राटेक लिमिटेड को आवंटित किया गया है। इस कंपनी को उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत अरबों रुपये के ठेके मिले हैं। हालांकि, आरोप है कि पीएनसी इन्फ्राटेक ने कार्य को अन्य छोटी फर्मों को हस्तांतरित कर दिया, और ये फर्में भी कार्य को तीसरी फर्मों को सौंप रही हैं। नतीजतन, पीएनसी इन्फ्राटेक का नाम केवल कागजी दस्तावेजों तक सीमित रह गया है, जबकि भुगतान उनके खाते में आ रहा है। मेहरोत्रा का आरोप है कि इस प्रक्रिया में स्थानीय अधिकारी कमीशनखोरी में लिप्त हैं, जिसके कारण योजना का कार्य अधूरा और गुणवत्ताहीन है।
अधूरे और अनियमित कार्यों की शिकायत
मनीष मेहरोत्रा ने अपने पत्र में जिले के कई गांवों में जल जीवन मिशन के तहत अधूरे और अनियमित कार्यों का जिक्र किया है। उनके अनुसार, कई स्थानों पर पाइपलाइन बिछाने और जल टंकी निर्माण का कार्य या तो शुरू ही नहीं हुआ है या फिर आधा-अधूरा छोड़ दिया गया है।
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ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा देने का वादा कागजों पर ही सिमट कर रह गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ठेकेदारों द्वारा निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे योजना का उद्देश्य प्रभावित हो रहा है। इन अनियमितताओं के कारण ग्रामीणों को अब तक स्वच्छ पेयजल की सुविधा नहीं मिल पाई है, और योजना एक "सफेद हाथी" बनकर रह गई है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
मनीष मेहरोत्रा ने प्रधानमंत्री से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस योजना में भारी मात्रा में सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है, और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जांच में यह पता लगाया जाए कि पीएनसी इन्फ्राटेक को ठेके आवंटन में किन मानकों का पालन किया गया और कार्य को अन्य फर्मों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई या नहीं।
जल जीवन मिशन की स्थिति
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक नल से जल पहुंचाना है। उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत कई कंपनियों को ठेके आवंटित किए गए हैं, जिनमें पीएनसी इन्फ्राटेक लिमिटेड भी शामिल है। हालांकि, बाराबंकी में इस योजना के कार्यान्वयन में सामने आई कथित अनियमितताएं इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रही हैं।
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