Hapur News: हापुड़ में दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए लचर व्यवस्था: लंबा इंतजार, अधूरी सुविधाएं
हापुड़ सीएचसी में सोमवार को आयोजित होने वाली दिव्यांग बोर्ड की बैठक में चिकित्सकों की देरी और अपर्याप्त संसाधनों ने आवेदकों का हाल बेहाल कर रखा है। बोर्ड में शामिल चिकित्स...
By INA News Hapur.
हापुड़ : हापुड़ जिले की गढ़मुक्तेश्वर, धौलाना और हापुड़ तहसीलों में दिव्यांग प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदक गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील त्यागी के निर्देशानुसार, जिले में दिव्यांग प्रमाण पत्र केवल प्रत्येक सोमवार को हापुड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया के तहत आवेदकों को ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद निर्धारित दिन सीएचसी पहुंचना होता है। लेकिन, व्यवस्थागत खामियों के कारण सुबह से पहुंचने वाले दिव्यांग व्यक्तियों को दोपहर तक चिकित्सकों का इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ रही है।
लंबा इंतजार, अपर्याप्त व्यवस्था
हापुड़ सीएचसी में सोमवार को आयोजित होने वाली दिव्यांग बोर्ड की बैठक में चिकित्सकों की देरी और अपर्याप्त संसाधनों ने आवेदकों का हाल बेहाल कर रखा है। बोर्ड में शामिल चिकित्सकों के अनुसार, सीएमओ के निर्देश हैं कि वे पहले ओपीडी में मरीजों को देखें और फिर दोपहर 12 बजे के बाद ही बोर्ड की कार्यवाही शुरू करें। लेकिन, बोर्ड की प्रभारी डॉ. स्वाति सिंह ने बताया कि वह अकेली मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ हैं और एकमात्र चिकित्सक होने के कारण सभी मरीजों को समय पर देख पाना उनके लिए संभव नहीं है। इस बीच, बोर्ड के कर्मचारी पवन पाल ने जानकारी दी कि हर सोमवार को औसतन 25 प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं, और चिकित्सकों के आने तक वे आवेदनों का सत्यापन करते हैं।
दिव्यांगों की शिकायत: सुविधाओं का अभाव
सुबह से लाइन में लगे आवेदक, जैसे प्रिंसी, मोमीन, असीम, बानो और रविकुमार, ने व्यवस्थाओं को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि बोर्ड की बैठक में देरी और सुबह से चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है।
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गर्मी के मौसम में बैठने की समुचित व्यवस्था न होने और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है। आवेदकों ने मांग की है कि प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सुगम करने के लिए सुबह से ही पर्याप्त चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए, ताकि अनावश्यक इंतजार से बचा जा सके।
जिला चिकित्सालय में व्यवस्था की मांग
बोर्ड की प्रभारी डॉ. स्वाति सिंह ने सुझाव दिया कि नियमानुसार दिव्यांग प्रमाण पत्र का कार्य जिला चिकित्सालय में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि यह प्रक्रिया जिला चिकित्सालय में स्थानांतरित की जाए, तो वहां बेहतर संसाधनों और चिकित्सकों की उपलब्धता के कारण कार्य सुचारु रूप से हो सकेगा। इससे न केवल दिव्यांगों की परेशानी कम होगी, बल्कि प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया भी तेज होगी। बोर्ड में शामिल अन्य तीन चिकित्सकों ने भी डॉ. स्वाति की इस राय का समर्थन किया।
नागरिकों की मांग और समाधान की जरूरत
दिव्यांग प्रमाण पत्र न केवल सामाजिक योजनाओं का लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और सुविधाओं का आधार भी है। लेकिन, वर्तमान व्यवस्था में हो रही देरी और अव्यवस्था से आवेदकों का विश्वास टूट रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाए। साथ ही, सीएचसी में पर्याप्त चिकित्सकों की तैनाती और बुनियादी सुविधाओं, जैसे बैठने की व्यवस्था, पेयजल और शौचालय, का इंतजाम किया जाए।
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