Sambhal: ऐंचोड़ा कंबोह में मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई पर सम्भल सांसद जियाउर्रहमान बर्क का विरोध, बोले पुराने मामलों को उखाड़कर नुकसान पहुँचाना उचित नहीं।
जनपद सम्भल के ऐंचोड़ा कंबोह इलाके में मस्जिद पर हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सम्भल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति

उवैस दानिश, सम्भल
जनपद सम्भल के ऐंचोड़ा कंबोह इलाके में मस्जिद पर हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सम्भल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि पुराने मामलों को उखाड़कर धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई करना समाज में तनाव फैलाने वाला कदम है।
सांसद बर्क ने कहा कि अगर किसी जमीन को लेकर विवाद है, तो प्रशासन को वैकल्पिक समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि विवादित जमीन के बदले दूसरी जमीन दी जा सकती है, ताकि धार्मिक स्थल सुरक्षित रहे और लोगों की भावनाएँ आहत न हों। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का काम नुकसान पहुँचाना नहीं, बल्कि जनता के बीच सौहार्द बनाए रखना है। बर्क ने प्रशासन से अपील की कि किसी भी कार्रवाई से पहले पूरी जांच पड़ताल की जाए और क्षेत्र की सामाजिक स्थिति को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जल्दबाज़ी से लिया गया निर्णय समाज के अमन-चैन को प्रभावित कर सकता है।
सांसद ने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं अवैध निर्माण हुआ है, तो भी उसे तोड़ने की बजाय बातचीत और आपसी सहमति से समाधान निकालना अधिक उचित रहेगा। बर्क ने इस घटना को प्रशासनिक असंवेदनशीलता का उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्ट नीति बनाए। उन्होंने कहा कि धर्मस्थलों को विवादों में घसीटना देश की एकता के लिए खतरनाक है, और ऐसे कदमों से जनता के बीच अविश्वास का माहौल बनता है। इसी दौरान सांसद ने घोटाले को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर आरोप तय किए जाने की कार्रवाई चुनावी मौसम में राजनीतिक हथकंडा है। बर्क के अनुसार, विपक्षी नेताओं को बदनाम करने और जनसमर्थन को प्रभावित करने के लिए इस तरह के मामलों को सामने लाया जाता है। सांसद ने कहा कि जनता अब इन रणनीतियों को समझ चुकी है और सच्चाई के साथ खड़ी है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखे और संस्थाओं का इस्तेमाल राजनीति के लिए न करे।
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