सुरेश गोपी ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे की इच्छा जताई: आय में कमी का हवाला देकर सदानंदन मास्टर को सिफारिश। 

मलयालम सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और भाजपा के सांसद सुरेश गोपी ने 12 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की। वे पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस तथा पर्यटन

Oct 14, 2025 - 10:30
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सुरेश गोपी ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे की इच्छा जताई: आय में कमी का हवाला देकर सदानंदन मास्टर को सिफारिश। 
सुरेश गोपी ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे की इच्छा जताई: आय में कमी का हवाला देकर सदानंदन मास्टर को सिफारिश। 

मलयालम सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और भाजपा के सांसद सुरेश गोपी ने 12 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की। वे पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस तथा पर्यटन राज्य मंत्री हैं। केरल के कन्नूर जिले में एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान गोपी ने कहा कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन वे कभी फिल्मी करियर छोड़कर मंत्री बनना नहीं चाहते थे। उन्होंने अपनी आय में भारी कमी होने का जिक्र किया और कहा कि अब वे एक्टिंग पर लौटना चाहते हैं। गोपी ने भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य सी. सदानंदन मास्टर को अपनी जगह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिश की। सदानंदन मास्टर कन्नूर के वरिष्ठ नेता हैं, जो राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए हैं। गोपी का यह बयान केरल की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष ने इसे भाजपा की आंतरिक कलह बताया, जबकि पार्टी नेताओं ने गोपी की ईमानदारी की तारीफ की। यह घटना केरल में भाजपा की बढ़ती पैठ को दर्शाती है, जहां गोपी 2024 के लोकसभा चुनाव में थ्रिसूर से पहली बार पार्टी को जीत दिलाने वाले सांसद बने थे।

सुरेश गोपी का राजनीतिक सफर दिलचस्प रहा है। वे मूल रूप से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार हैं। 1980 के दशक में 'अनुभव' जैसी फिल्मों से डेब्यू करने वाले गोपी ने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उनकी अभिनय शैली के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। लेकिन 2016 में उन्होंने भाजपा जॉइन की। तब से वे पार्टी के लिए प्रचार करते रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे थ्रिसूर से हारे, लेकिन 2024 में 1.71 लाख वोटों से जीते। यह केरल में भाजपा की पहली लोकसभा सीट थी। जीत के बाद जून 2024 में उन्हें मोदी कैबिनेट 3.0 में राज्य मंत्री बनाया गया। गोपी ने कहा कि यह जनादेश का सम्मान था। लेकिन अब वे कहते हैं कि मंत्री पद ने उनके फिल्मी अवसरों को प्रभावित किया। कन्नूर कार्यक्रम में गोपी ने कहा, 'मैं वाकई एक्टिंग जारी रखना चाहता हूं। मुझे ज्यादा कमाई की जरूरत है, मेरी आय पूरी तरह रुक चुकी है।' उन्होंने जोड़ा कि चुनाव से एक दिन पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि वे मंत्री नहीं बनना चाहते, बस एक्टिंग करना चाहते हैं। गोपी ने सदानंदन मास्टर की तारीफ की। कहा कि मास्टर का राज्यसभा में चुना जाना कन्नूर राजनीति के लिए बड़ा ब्रेकथ्रू है। 'मैं ईमानदारी से कहता हूं कि मुझे हटाकर सदानंदन मास्टर को मंत्री बनाया जाए। इससे केरल की राजनीति में नया अध्याय बनेगा।' गोपी ने मास्टर के एमपी कार्यालय को जल्द मंत्री कार्यालय में बदलने की प्रार्थना भी की।

सी. सदानंदन मास्टर भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं। 1994 में कन्नूर के पेरिंचेरी गांव में सीपीआई(एम) कार्यकर्ताओं के कथित हमले में वे गंभीर रूप से घायल हुए। हमले में उनके दोनों पैर कट गए। तब से वे व्हीलचेयर पर हैं, लेकिन राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे। मास्टर ने कन्नूर में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। जुलाई 2025 में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया। यह केरल से पार्टी का दूसरा राज्यसभा सदस्य था। गोपी का सुझाव मास्टर के लिए सम्मानजनक कदम माना जा रहा है। कन्नूर सीपीआई(एम) का गढ़ है। वहां राजनीतिक हिंसा के कई मामले हुए हैं। मास्टर का मंत्री बनना भाजपा के लिए प्रतीकात्मक जीत होगा। गोपी ने कहा कि मास्टर जैसे नेता को ऊंचा पद मिलना पार्टी के लिए प्रेरणा बनेगा। विपक्षी दल सीपीआई(एम) ने गोपी के बयान पर तंज कसा। कहा कि भाजपा में आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है। एक नेता ने कहा कि गोपी का इस्तीफा प्रस्ताव दिखाता है कि पार्टी में टिकट व पद के लिए मारामारी है। लेकिन भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष ने गोपी की भावनाओं का सम्मान किया। कहा कि यह पार्टी के लिए सकारात्मक है।

गोपी का यह बयान पहली बार नहीं है। जून 2024 में कैबिनेट विस्तार के समय उन्होंने इस्तीफे की इच्छा जताई थी। कहा था कि वे फिल्मों पर लौटना चाहते हैं। लेकिन पार्टी ने उन्हें मनाया। अब फिर से आय की कमी का मुद्दा उठा। गोपी ने कहा कि मंत्री बनने से फिल्मी प्रोजेक्ट्स रुक गए। मलयालम सिनेमा में वे व्यस्त रहते थे। अब आय रुकने से परिवार पर बोझ बढ़ा। गोपी ने परिवार की जिम्मेदारियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे सबसे युवा भाजपा सदस्यों में से एक हैं। 2016 में पार्टी जॉइन की। लोकसभा जीत का श्रेय पार्टी को दिया। लेकिन अब वे कहते हैं कि मंत्री पद अनिच्छा से लिया। कार्यक्रम में गोपी ने एक उदाहरण दिया। कहा कि सफाई कर्मचारियों को पहले मैनुअल स्कैवेंजर कहा जाता था, अब सैनिटेशन इंजीनियर। इसी तरह 'प्रजा' शब्द का इस्तेमाल क्यों अलग है। यह उनके भाषण का हिस्सा था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। गोपी का ट्विटर हैंडल @TheSureshGopi पर फैंस ने समर्थन दिया। कई ने कहा कि वे एक्टिंग में वापसी करें।

यह घटना केरल में भाजपा की रणनीति को उजागर करती है। राज्य में पार्टी का वोट शेयर 2024 में 19 प्रतिशत पहुंचा। थ्रिसूर जैसी सीटें जीतीं। लेकिन विधानसभा में अभी कोई सीट नहीं। गोपी को पार्टी का चेहरा माना जाता है। उनका इस्तीफा यदि स्वीकार हुआ तो सदानंदन मास्टर को फायदा। मास्टर का कन्नूर से मजबूत आधार है। वे हिंसा का शिकार होने से सहानुभूति पाते हैं। भाजपा का दक्षिण भारत में विस्तार लक्ष्य है। केरल में आरएसएस की मजबूत पकड़ है। मास्टर का मंत्री बनना उत्तरी केरल को मजबूत संदेश देगा। केंद्रीय नेतृत्व ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन स्रोतों के अनुसार, गोपी के बयान पर विचार हो रहा है। यदि स्वीकार किया गया तो कैबिनेट में बदलाव होगा। गोपी की वापसी से मलयालम सिनेमा में नया जोश आएगा। वे कई प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू कर सकते हैं।

केरल की राजनीति में यह बयान विपक्ष के लिए हथियार बनेगा। लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने कहा कि भाजपा में पद के लिए लालच है। कांग्रेस ने चुप्पी साधी। लेकिन सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। SureshGopiResign ट्रेंड कर रहा। फैंस दो भागों में बंटे। कुछ कहते हैं कि गोपी को राजनीति में रहना चाहिए, कुछ एक्टिंग में। गोपी ने कहा कि वे पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे। मंत्री पद छोड़कर भी प्रचार करेंगे। सदानंदन मास्टर ने गोपी की सराहना की। कहा कि यह बड़ा त्याग है। मास्टर ने कहा कि वे सेवा के लिए तैयार हैं। यह घटना दिखाती है कि सेलिब्रिटी पॉलिटिशियन के लिए संतुलन बनाना मुश्किल है। गोपी ने पहले भी कहा था कि राजनीति सेवा है, लेकिन परिवार की जरूरतें अलग।

सुरेश गोपी का परिवार भी राजनीति से जुड़ा। उनकी पत्नी भाग्यलक्ष्मी सामाजिक कार्य करती हैं। बेटे ध्रुव और अक्षय फिल्मों में हैं। गोपी ने परिवार को प्राथमिकता दी। कहा कि आय रुकने से घर का खर्च प्रभावित हो रहा। मंत्री वेतन पर्याप्त है, लेकिन फिल्मों से अतिरिक्त कमाई थी। अब प्रोजेक्ट्स रद्द हो गए। गोपी की फिल्में जैसे 'लूसीजम', 'काला' सफल रहीं। वे एक्शन हीरो के रूप में जाने जाते हैं। राजनीति में वे भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को बढ़ावा देते रहे। थ्रिसूर जीत में ईसाई वोटों का योगदान था। अब उनका फोकस एक्टिंग पर। पार्टी ने कहा कि गोपी का निर्णय सम्मानजनक है। यदि इस्तीफा स्वीकार हुआ तो जल्द फैसला आएगा।

यह बयान केरल में भाजपा के भविष्य को प्रभावित करेगा। पार्टी 2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही। गोपी की लोकप्रियता उपयोगी है। सदानंदन मास्टर का मंत्री बनना कन्नूर को मजबूत करेगा। सीपीआई(एम) वहां डर रहा। गोपी का कदम पार्टी एकता का संदेश देता है। विपक्ष इसे कमजोरी बताएगा। लेकिन जनता गोपी की ईमानदारी पसंद करेगी। मलयालम सिनेमा में उनकी वापसी स्वागतयोग्य होगी। फैंस इंतजार कर रहे। गोपी ने कहा कि वे राजनीति छोड़ेंगे नहीं, बस पद। यह संतुलन का प्रयास है।

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