Shahjahanpur : जे पी कुटीर: सेवा का केंद्र, जहां आश्रम स्थापना से गांव का वातावरण आध्यात्मिक हो जाता है
जमनालाल बजाज पुरस्कार में मिली पांच लाख रुपये की राशि से पैतृक गांव छीतेपुर में पितृ ऋण मुक्ति के लिए कल्याण कार्य शुरू किए गए। इसका नाम जे पी कुटीर रखा

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर नगर से सीतापुर की ओर 11 किलोमीटर दूर बरतारा गांव स्थित विनोबा सेवा आश्रम को सेवा कार्यों के लिए चार दशक से अधिक समय हो चुका है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पांचवें पुत्र कहे जाने वाले जमनालाल बजाज की स्मृति में रचनात्मक क्षेत्र का सर्वाधिक प्रसिद्ध जमनालाल बजाज पुरस्कार 2011 में संत मोरारी बापू के हाथों रमेश भइया और विमला बहन को प्रदान किया गया। यह सम्मान आश्रम परिवार के लिए गौरव का विषय था। इससे पहले आश्रम को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार, जागृति अवार्ड, महिला शिरोमणि अवार्ड, स्वयंसिद्धा अवार्ड, जनपद रत्न, रुहेलखंड गौरव, प्रदेश रत्न, स्वयं सहायता समूह प्रथम पुरस्कार, यशभारती सम्मान, राष्ट्रीय मानवता पुरस्कार, राष्ट्रीय विनोबा पुरस्कार, प्रकृति रत्न आदि प्राप्त हो चुके थे।जमनालाल बजाज पुरस्कार में मिली पांच लाख रुपये की राशि से पैतृक गांव छीतेपुर में पितृ ऋण मुक्ति के लिए कल्याण कार्य शुरू किए गए। इसका नाम जे पी कुटीर रखा गया, जो पूर्वजों जगदीश प्रसाद, जगदंबा प्रसाद, जगधर प्रसाद और जागेश्वर प्रसाद का भी प्रतीक है। 2011 में ही तत्कालीन विधायक और कैबिनेट मंत्री अवधेश कुमार वर्मा ने भूमिपूजन किया। निर्माण पूरा होने पर 2014 में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने भ्रमण कर आशीर्वाद दिया।
2022 की गांधी जयंती पर एक विशेष अवसर आया, जब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ग्राम स्वराज समारोह के लिए छीतेपुर पहुंचीं। उनके साथ वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद भी थे। राज्यपाल ने विनोबा भावे द्वारा बताई गईं पांच सेवाओं के आधार पर जे पी कुटीर को सेवाधाम का नाम दिया। इसके बाद सेवा कार्यों का कारवां लगातार बढ़ता गया।
वर्तमान में बच्चों के लिए बाल अखाड़ा, विद्यालय क्रीड़ा क्षेत्र, बाल संस्कार केंद्र और बाल शिक्षण केंद्र चल रहे हैं। बुजुर्गों के लिए वृद्ध दिवस देखभाल केंद्र शुरू किया गया है, जहां विश्राम, पोषण और बीमारी की देखभाल की व्यवस्था है। युवाओं के लिए कंप्यूटर केंद्र, लड़कियों के लिए सिलाई केंद्र और बीमारियों से मुक्ति के लिए स्वास्थ्य केंद्र की योजना है। आश्रम के लिए सब्जी उत्पादन कार्यक्रम चल रहा है, ताकि बाहर से सब्जी न खरीदनी पड़े। पड़ोस के जे पी सेवा ट्रस्ट के खेत में जैविक गेहूं और धान उगाया जाता है, जो साल भर के लिए पर्याप्त है। पहले गोबर गैस संयंत्र लगाया गया था, लेकिन गोबर की कमी से बंद हो गया। अब कुकिंग गैस और चूल्हे का उपयोग होता है।जे पी कुटीर केवल छीतेपुर के लिए नहीं, बल्कि आसपास के गांवों के लिए भी सेवा केंद्र बन गया है। स्वास्थ्य शिविर, नेत्र परीक्षण शिविर आदि से 30 गांव लाभान्वित हो रहे हैं। प्रशासन के सहयोग से वृद्धों, विकलांगों और विधवाओं की पेंशन के लिए शिविर लगाए जाते हैं। परिसर में बाबा रामेश्वर नाथ मंदिर बनने से बृजेंद्र अवस्थी के मार्गदर्शन में दोनों समय पूजा होती है, जिसमें ग्रामीण भाग लेते हैं। भजन-कीर्तन, सुबह शाम की प्रार्थना और गीता प्रवचन या स्वाध्याय वर्ग भी चलते हैं। सुबह पांच बजे और शाम छह बजे ग्रामीण शामिल होते हैं।
जे पी कुटीर में बृजेंद्र अवस्थी प्रबंधक, शिशुपाल सिलाई शिक्षक, आस्था बहन शिक्षिका, अमन इंतसाम कंप्यूटर शिक्षक, अंशु दृष्टिहीन प्रार्थना प्रभारी, रघुबीर खेती प्रबंधक और डोरीलाल व्यवस्था प्रभारी हैं। रमेश भइया कहते हैं कि आश्रम स्थापना से गांव का वातावरण आध्यात्मिक हो जाता है।
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