Jaipur : रतन खंगारोत को भोपाल में राष्ट्रीय महादेवी वर्मा पुष्पेंद्र कविता शिखर सम्मान 2025 से सम्मानित
रतन खंगारोत ने अपनी रचनाओं में नारी सशक्तीकरण, पर्यावरण, और सामाजिक जागरूकता जैसे विषयों को प्रमुखता से उठाया है। उनकी कविताएँ और कहानियाँ पाठकों को न के
Jaipur : राजस्थान के जयपुर की उभरती लेखिका रतन खंगारोत को साहित्य के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए भोपाल में निर्दलीय प्रकाशन समूह के 52वें वार्षिकोत्सव में राष्ट्रीय महादेवी वर्मा पुष्पेंद्र कविता शिखर सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। इस समारोह में उन्हें दुपट्टा, श्रीफल, और प्रतीक चिह्न भेंट किया गया। रतन खंगारोत पिछले पाँच वर्षों से साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनके काव्य संग्रह, कहानियाँ, गद्य-पद्य, और स्वतंत्र लेखन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते हैं। इस समारोह में देश के 15 राज्यों के साथ-साथ नेपाल के साहित्यकारों और कवियों ने भी हिस्सा लिया। रतन खंगारोत की इस उपलब्धि पर कई व्यक्तियों और संस्थाओं ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
रतन खंगारोत, जो एडवोकेट विक्रम सिंह राठौड़ की पत्नी हैं, ने पिछले पाँच वर्षों में साहित्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कविता, कहानी, गद्य, और पद्य में अपने लेखन के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है। उनकी रचनाएँ सामाजिक मुद्दों, भावनाओं, और मानवीय संवेदनाओं को गहराई से प्रस्तुत करती हैं, जिसके कारण उनकी लेखनी को पाठकों और साहित्य प्रेमियों ने खूब सराहा है। उनकी रचनाएँ विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती हैं, जो उनकी लेखन प्रतिभा का प्रमाण है।
रतन खंगारोत ने अपनी रचनाओं में नारी सशक्तीकरण, पर्यावरण, और सामाजिक जागरूकता जैसे विषयों को प्रमुखता से उठाया है। उनकी कविताएँ और कहानियाँ पाठकों को न केवल भावनात्मक रूप से जोड़ती हैं, बल्कि सोचने और समाज में बदलाव लाने के लिए भी प्रेरित करती हैं। उनकी लेखन शैली सरल लेकिन प्रभावशाली है, जो आम पाठकों के साथ-साथ साहित्यिक हलकों में भी लोकप्रिय है।
राष्ट्रीय महादेवी वर्मा पुष्पेंद्र कविता शिखर सम्मान एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। यह सम्मान हिंदी साहित्य की महान कवयित्री महादेवी वर्मा की स्मृति में स्थापित किया गया है, जिन्हें उनकी रचनाओं जैसे 'नीहार', 'रश्मि', और 'यामा' के लिए जाना जाता है। यह पुरस्कार उन लेखकों और कवियों को समर्पित है जो अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य को समृद्ध करते हैं।
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