हरियाणा पुलिस में दो सांसों का अंत: आईजीएस पुरन कुमार और एएसआई संदीप लठर की संदिग्ध मौतों ने खोला भ्रष्टाचार व जातिवाद का काला अध्याय।
हरियाणा पुलिस विभाग में दो हृदयविदारक घटनाएं हुईं, जिन्होंने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। पहले 7 अक्टूबर को रोहतक रेंज के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस वाई पुरन कुमार ने
हरियाणा पुलिस विभाग में दो हृदयविदारक घटनाएं हुईं, जिन्होंने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। पहले 7 अक्टूबर को रोहतक रेंज के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस वाई पुरन कुमार ने चंडीगढ़ में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उनके साथ मिला नौ पेज का सुसाइड नोट वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाता था। फिर 14 अक्टूबर को रोहतक के ही एक सहायक उप निरीक्षक संदीप कुमार लठर ने खुद को गोली मार ली। उनके तीन पेज के सुसाइड नोट और दस मिनट के वीडियो में उन्होंने पुरन कुमार पर ही भ्रष्टाचार और सिस्टम को जातिवाद से बर्बाद करने के आरोप लगाए। ये दो मौतें एक हफ्ते के अंतराल पर हुईं, दोनों में सिर में गोली, कोई गवाह नहीं और सुसाइड नोट। परिवारों ने पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया। एक तरफ दलित अधिकारी की मौत पर एससी-एसटी एक्ट जोर पकड़ रहा, दूसरी तरफ जाट समुदाय के एएसआई की मौत ने भ्रष्टाचार की जांच को नई दिशा दी। हरियाणा सरकार ने डीजीपी को लिव पर भेजा, एसपी बदले, लेकिन रहस्य गहरा हो गया। क्या ये सच्ची आत्महत्याएं हैं या कुछ और? जांच चल रही है, लेकिन आरोपों का सच सामने लाने की मांग तेज हो गई।
वाई पुरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। वे रोहतक रेंज के आईजी थे। दलित समुदाय से आने वाले पुरन ने कड़ी मेहनत से ऊंचे पद तक पहुंच बनाई। लेकिन 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के अपने फ्लैट में उनका शव मिला। सिर में गोली लगी हुई थी। सेवा रिवॉल्वर पास पड़ी थी। जेब से नौ पेज का सुसाइड नोट निकला। इसमें उन्होंने हरियाणा डीजीपी सत्यजित कपूर, तत्कालीन रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया और अन्य सात वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया। लिखा कि उन्हें मानसिक रूप से तोड़ा गया। पोस्टिंग में आरक्षण का दुरुपयोग, अपमान और उत्पीड़न झेला। एक घटना में बताया कि रोहतक एसपी ने उन्हें गंदे शब्दों से पुकारा। भ्रष्टाचार रोकने पर दबाव डाला। पुरन ने लिखा कि सिस्टम दलितों को कुचलता है। उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वे जापान में सीएम के डेलिगेशन के साथ थीं। लौटकर उन्होंने कहा कि पति को फंसाया गया। रोहतक में एक शराब ठेकेदार से दो लाख रुपये रिश्वत लेने का केस दर्ज हुआ था। इसमें पुरन का नाम आया। लेकिन पुरन ने दावा किया कि यह साजिश थी। उनके गनमैन सुषील कुमार को गिरफ्तार किया गया। पुरन ने डीजीपी और एसपी से फोन पर मदद मांगी। लेकिन कोई सहारा न मिला। परिवार ने पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया। न्याय तक शव नहीं सौंपेंगे। चंडीगढ़ पुलिस ने एसआईटी बनाई। एफआईआर में एससी-एसटी एक्ट जोड़ा गया। अमनीत ने पत्र लिखकर मांग की। जांच में पुरन के लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच लंबित है। नोट उसी पर टाइप हुआ था।
पुरन की मौत ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी और सीएम नायब सिंह सैनी पर निशाना साधा। कहा कि दलित अधिकारी की मौत पर कोई कार्रवाई नहीं। गलत संदेश जा रहा। पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने हाईकोर्ट जज से जांच की मांग की। आईएनएलडी के अभय सिंह चौटाला ने भी समर्थन दिया। कहा कि दोनों मौतों की निष्पक्ष जांच हो। भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ा। डीजीपी सत्यजित कपूर को छुट्टी पर भेज दिया गया। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया को हटा दिया। नए एसपी सूरेंद्र सिंह भोरिया बने। पुरन को मरणोपरांत शहीद का दर्जा देने की मांग उठी। बस्ती में सांत्वना दी गई। लेकिन जातिगत तनाव बढ़ा। हरियाणा में जाट और दलित समुदायों का संतुलन बिगड़ा। पुरन की मौत ने पुलिस में आरक्षण और भेदभाव के मुद्दे को उछाल दिया। वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि पुरन ईमानदार थे। लेकिन सिस्टम में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी। शराब माफिया से साठगांठ आम। पुरन ने इसे चुनौती दी, तो फंस गए।
फिर आया दूसरा झटका। 14 अक्टूबर को रोहतक के लधोत गांव के खेत के पास एक कमरे में संदीप कुमार लठर का शव मिला। सिर में गोली। सफेद शर्ट और नीली जींस पहने थे। सेवा रिवॉल्वर पास। वे साइबर सेल में एएसआई थे। जाट समुदाय से। तीन पेज का सुसाइड नोट और दस मिनट का वीडियो मिला। इसमें पुरन कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप। कहा कि पुरन ने सिस्टम पर कब्जा कर लिया। पचास करोड़ की डील की। जातिवाद का सहारा लिया। ईमानदार अधिकारियों को सताया। संदीप ने लिखा कि वे सच्चाई के लिए जान दे रहे। पुरन की मौत अपमान से हुई, जाति से नहीं। उन्होंने पूर्व एसपी बिजरनिया की तारीफ की। कहा कि वे ईमानदार। संदीप सुषील कुमार की गिरफ्तारी में शामिल थे। जो पुरन के गनमैन थे। संदीप को धमकियां मिल रही थीं। परिवार ने कहा कि राजनीतिक साजिश का डर था। पोस्टमॉर्टम से इनकार। शव फ्रीजर में रखा। सीएम सैनी ने गांव जाकर सांत्वना दी। वादा किया कि न्याय होगा। उसी दिन सदर थाने में एफआईआर दर्ज हुई। धारा 108 और 61 के तहत। अमनीत पी कुमार, उनके भाई अमित रतन (पंजाब के आप विधायक), सुषील कुमार और सुनील (आईजी ऑफिस के कांस्टेबल) नामजद। साजिश और उकसाने का आरोप। अमनीत ने इनकार किया। कहा कि झूठा प्रचार। पुरन निर्दोष थे।
संदीप के परिवार ने कहा कि एफआईआर से संतुष्ट। अब पोस्टमॉर्टम होगा। उनके पिता दयानंद इंस्पेक्टर रिटायर्ड थे। पत्नी, दो बेटियां और बेटा बचे। भाई जसबीर ने कहा कि नोट और वीडियो के आधार पर कार्रवाई हो। रोहतक एसपी सूरेंद्र भोरिया ने कहा कि संदीप मेहनती थे। जांच प्रारंभिक चरण में। फॉरेंसिक टीम बुलाई। हथियार बरामद। सीडीआर और आईपीडीआर चेक हो रहे। संदीप ने वीडियो में कहा कि आईएएस लॉबी भ्रष्टाचार करती। डीजीपी जैसे ईमानदारों को हटाती। महिलाओं के ट्रांसफर केस में हेराफेरी। पुरन ने सबूत जुटाए, लेकिन डर गए। संदीप ने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए बलिदान दे रहे।
ये मौतें हरियाणा पुलिस के अंदरूनी कलह को उजागर करती हैं। भ्रष्टाचार का जाल गहरा। शराब, सैंड, गैंगस्टर नक्सस। पुरन ने इसे चुनौती दी। संदीप जांच में थे। दोनों के नोट विरोधाभासी। एक भेदभाव का रोता, दूसरा भ्रष्टाचार का। क्या साजिश है? विशेषज्ञ कहते हैं कि जांच में सीबीआई या हाईकोर्ट की निगरानी जरूरी। राजनीतिक दबाव से सच्चाई दब सकती। हरियाणा में जातिगत समीकरण संवेदनशील। जाट बहुल रोहतक। दलित वोट प्रभावित। विपक्ष सरकार पर हमलावर। कहा कि सिस्टम सुधारो। ईमानदार अधिकारियों की रक्षा करो। सरकार ने आश्वासन दिया। जांच तेज। लेकिन परिवार न्याय मांग रहे। पुरन की पत्नी जापान से लौटीं। अमनीत ने कहा कि पति को बदनाम किया। संदीप के आरोप झूठे। लेकिन एफआईआर ने नया मोड़ दिया। सुषील कुमार जेल में। पूछताछ होगी।
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