पश्चिम बंगाल में ममता ने खेला 'टेम्पल कार्ड', दुर्गा आंगन की आधारशिला और महाकाल मंदिर का ऐलान: ममता बनर्जी ने रखी सांस्कृतिक परिसर की नींव।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के न्यू टाउन में दुर्गा आंगन परिसर की आधारशिला रखी। यह परिसर देवी दुर्गा को समर्पित
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के न्यू टाउन में दुर्गा आंगन परिसर की आधारशिला रखी। यह परिसर देवी दुर्गा को समर्पित एक सांस्कृतिक और धार्मिक कॉम्प्लेक्स होगा, जो बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने का माध्यम बनेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर की आधारशिला जनवरी के दूसरे सप्ताह में रखने की घोषणा की। दुर्गा आंगन का निर्माण कार्य अब शुरू हो गया है और इसे दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दुर्गा आंगन परिसर न्यू टाउन के एक्शन एरिया-1 में 17.28 एकड़ से अधिक भूमि पर बनाया जा रहा है। इसकी अनुमानित लागत 262 करोड़ रुपये है। परिसर में मुख्य गर्भगृह की ऊंचाई 54 मीटर होगी और कुल क्षेत्रफल दो लाख वर्ग फुट होगा। यहां 108 दुर्गा प्रतिमाएं, 64 सिंह मूर्तियां और कुल 172 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा शिव, गणेश, कार्तिक, सरस्वती और लक्ष्मी को समर्पित मंदिर भी बनाए जाएंगे। परिसर में प्रसाद बनाने की रसोई और एक सांस्कृतिक संग्रहालय भी शामिल होगा। यह परिसर साल के 365 दिन खुला रहेगा और प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गा आंगन का निर्माण यूनेस्को द्वारा दुर्गा पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिए जाने के सम्मान में किया जा रहा है। यह परिसर बंगाल की संस्कृति, एकता में विविधता और स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देगा। निर्माण से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा। परिसर के संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक ट्रस्ट गठित किया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। दीघा में जगन्नाथ मंदिर बनाने वाली एजेंसी को ही इस परियोजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर की घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए भूमि का चयन हो चुका है और धन की व्यवस्था पूरी हो गई है। मंदिर की आधारशिला जनवरी के दूसरे सप्ताह में रखी जाएगी। इसके लिए भी एक ट्रस्ट की बैठक जल्द आयोजित की जाएगी और वास्तुकला को अंतिम रूप दिया जाएगा। महाकाल मंदिर के साथ एक आधुनिक सांस्कृतिक केंद्र भी बनाया जाएगा। इसके लिए लगभग 25.15 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
दुर्गा आंगन परिसर एयरपोर्ट और साल्ट लेक के निकट स्थित है, जिससे पर्यटकों की सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परिसर बंगाल की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का केंद्र बनेगा। निर्माण पूरा होने पर यहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। परिसर में पार्किंग, दुकानें और सांस्कृतिक प्रदर्शन के लिए अलग-अलग क्षेत्र बनाए जाएंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा दुर्गा आंगन होगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गंगासागर में पुल निर्माण की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को इस पुल की आधारशिला रखी जाएगी और राज्य सरकार खुद इस परियोजना को पूरा करेगी। पुल की अनुमानित लागत 1700 करोड़ रुपये है और इसे दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है। दुर्गा आंगन की आधारशिला रखने का कार्यक्रम विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं और सभी धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। परिसर का निर्माण बंगाल की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देगा।
यह परियोजना बंगाल में पर्यटन को नई ऊंचाई देने वाली होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 में बंगाल विदेशी पर्यटकों के आगमन में दूसरे स्थान पर रहा और 2026 में पहला स्थान प्राप्त करेगा। दुर्गा आंगन और महाकाल मंदिर जैसे परिसर पर्यटन और रोजगार को बढ़ाएंगे। दुर्गा आंगन का विचार शहीद दिवस पर मां दुर्गा को समर्पित मंदिर बनाने की घोषणा से जुड़ा है। पहले यह 12 एकड़ में प्रस्तावित था, लेकिन बेहतर सुविधाओं के लिए इसे 17 एकड़ से अधिक क्षेत्र में विस्तारित किया गया। परिसर में कार पार्किंग और सांस्कृतिक क्षेत्रों के लिए पर्याप्त स्थान होगा। महाकाल मंदिर की घोषणा पहले से चल रही तैयारी का हिस्सा है। भूमि का निरीक्षण पूरा हो चुका है और प्रशासनिक कार्य अंतिम चरण में हैं। यह मंदिर राज्य का सबसे बड़ा महाकाल मंदिर होगा। दुर्गा आंगन परिसर में प्रसाद वितरण की व्यवस्था और सांस्कृतिक संग्रहालय बंगाल की परंपराओं को जीवंत रखेंगे। यहां दुर्गा पूजा की विभिन्न शैलियों की प्रतिमाएं प्रदर्शित होंगी।
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