सांवलीगढ़ रेंज में खुला भ्रष्टाचार: 27 हजार की रिश्वत लेने के बाद मामला उछला तो लौटाए पैसे, गरीब ग्रामीण को 4 घंटे बैठाया, डिप्टी-नाकेदार की बंदरबांट, अब भाग रहे आरोपी
मध्यप्रदेश के बैतूल में वन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है यहाँ अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीबों को लूटने का काम जोर शोर से जारी है और उच्चाधिकारियों
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया,बैतूल मध्यप्रदेश
- सांवलीगढ़ रेंज में चल रहा खुला भृष्टाचार, प्रकरण बनाया और नगद ले लिए सत्ताईस हजार, मामला उछलने पर आननफानन में किये पैसे वापस,जांच के नाम पर गरीब ग्रामीण को बैठाकर रखा 4 घण्टे रेंज कार्यालय में,डिप्टी को बचाने की गई राशि वापस, रेंजर ने माना एसडीओ के आदेश के बिना राशि लेने का नही है अधिकार, अब जवाब देने से भाग रहे डिप्टी,नाकेदार और डिप्टी ने कर ली थी राशि की बंदरबांट
मध्यप्रदेश के बैतूल में वन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है यहाँ अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीबों को लूटने का काम जोर शोर से जारी है और उच्चाधिकारियों को इसकी भनक तक नही लगने दी जाती है अधिकारी को अंधेरे में रखकर खुला खेल खेला जा रहा है और अपनी जेब भरने का काम करने में लगे है ताजा मामला सांवलीगढ़ रेंज की आलमपुर बीट से सामने आया जहाँ डिप्टी संजय जैन की मिलीभगत से हजारों रुपयों की राशि की बंदरबांट नाकेदार और डिप्टी ने कर ली है इस मामले के आते सामने आते ही आननफानन में मंगलवार को ग्रामीण को बुलाकर राशि वापस कर दी गई पूरा मामला है यह है कि जामली निवासी सुबन टेकाम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाया जा रहा था जहाँ लगी चौखट का बना दिया डिप्टी और नाकेदार ने प्रकरण जिसके जुर्माने के नाम पर बिना उच्चधिकारियों के संज्ञान में मामला लाये 27 हजार नगद राशि ले ली जिसकी रशीद भी ग्रामीण को नही दी गई।
मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीओ द्वारा जांच करने की बात कही जा रही है वहीं ग्रामीण को मंगलवार रेंज कार्यालय में बुलाकर 4 घण्टे बैठाकर डराया धमकाया गया और राशि वापस कर दी गई कहा गया कि अब तुम किसी मीडिया, अधिकारी या जनप्रतिनिधियों के पास गए तो तुम्हारे ऊपर कोई भी वन अपराध का मामला बनाकर ऐसा फसाया जाएगा कि तुम्हारी जमानत भी होना मुश्किल होगा और अधिकारी तो आते जाते रहते है गांव में तुम्हे और हमे ही रहना है हमारे कहे अनुसार करो तो फायदे में रहोगे डरा हुआ ग्रामीण अपना मोबाइल बंद करके बैठा हुआ है सूत्रों के हवाले से यह बात भी सामने आ रही है कि डिप्टी संजय जैन की भाजपा के ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर प्रदेशाध्यक्ष तक पहुँच रखते है तभी इतने मामले आने के बाद भी कोई कार्यवाही इन पर नही होती खैर अब देखने वाली बात होगी कि इस खुले खेल में एसडीओ द्वारा क्या जांच की जाती है या गरीबो को लूटने का काम डिप्टी और नाकेदार की जोड़ी करती रहेगी।
इस पूरे मामले में आइएफएस ट्रेनी ध्रुव श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे संज्ञान में यह मामला आया है जिसकी जांच मैं स्वयं करूंगा और दोषियों को बख्शा नही जाएगा ।
वहीं रेंजर भीमा मंडलोई का कहना है कि इस पूरे मामले में जांच चल रही है वहीं ग्रामीण को कल कार्यालय बुलाकर राशि वापस कर दी गई है जबकि नियमानुसार एसडीओ के आदेश के बिना राशि लिये जाने का प्रावधान नही है ।
अब सवाल यह उठता है कि क्या जांच पूरी होने के पूर्व बिना आकलन के की राशि पूर्व में ही ले लेना और मामला उछलते ही राशि किस नियम के तहत वापस की गई ।
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