Sitapur : ध्रुव चरित्र,भरत चरित्र, नरसिंह अवतार की कथा सुन भक्त हुए भाव विभोर
शास्त्री महाराज ने भागवत कथा श्रवण कराते हुए कहा कि यदि भक्ति सच्ची हो तो परमात्मा हमेशा उसके समक्ष वास करते है और भक्त की रक्षा के लिए स्वम अवतार लेते
रिपोर्ट:- सुरेंद्र कुमार INA न्यूज़ नीमसार
नैमिषारण्य / सीतापुर : नैमिषारण्य के हनुमान गढ़ी स्थिति सतसंग भवन में श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के तृतीय दिवस की भागवत कथा में कथाव्यास ब्रजभक्त वैष्णवआचार्य श्री रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने श्रधांलुओं को ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र व नरसिंह अवतार की कथा का प्रसंग सुनाया। कथा को सुन श्रोता भाव विभोर हो गए।
शास्त्री महाराज ने भागवत कथा श्रवण कराते हुए कहा कि यदि भक्ति सच्ची हो तो परमात्मा हमेशा उसके समक्ष वास करते है और भक्त की रक्षा के लिए स्वम अवतार लेते है। मनु शतरूपा की कन्या आकूति का विवाह पुत्रिका धर्म के अनुसार रुचि प्रजापति से तथा प्रसूति कन्या का विवाह ब्रह्माजी के पुत्र दक्ष प्रजापति से हुआ। उससे उन्होंने सुंदर नेत्रों वाली सोलह कन्याएं उत्पन्न कीं।
इनमें से तेरह कन्याएं श्रद्धा, मैत्री, दया, शांति, तुष्टि, पुष्टि, क्रिया, उन्नति, बुद्धि, मेधा, तितिक्षाए और मूर्तिद्ध धर्म की प|कियां बनीं। अग्निदेव स्वधा नामक कन्या समस्त पितरों की तथा सती नाम की कन्या महादेव की पत्नी बनीं। उन्होंने कहा कि सती अपने पतिदेव की सेवा में ही संलग्न थीं।
दक्ष प्रजापति की सभी कन्याओं को संतान की प्राप्ति हुई लेकिन सती के पिता दक्ष ने बिना किसी अपराध के भगवान शिवजी से प्रतिकूल आचरण किया था। इसीलिए युवावस्था में क्रोधवश योग द्वारा स्वयं ही अपने शरीर का त्याग कर देने से सती को कोई संतान न हो सकी। भागवत कथा के दौरान धार्मिक भजन गाए गए। जिन पर श्रद्धालु थिरके। इस अवसर पर विनोद बाजपेयी लखनऊ पार्षद,प्रदीप शुक्ला, श्री पृथ्वी गुप्ता पार्षद प्रतिनिधि,अंकुश बाजपेई,अनिल अग्रवाल चेयरमैन आर आर ग्रुप, सहित तमाम स्रोतागण उपस्थित रहे। मुख्य यजमान डॉ नीरज बोरा विधायक उत्तरी लखनऊ विन्दु बोरा धर्माचार्य सतीश शास्त्री, व्यवस्थापक सुनील सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
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