Special Article:- सफलता के लिए बायोलॉजिकल क्लॉक को रीसेट कीजिए जनाब!
कमोवेश लगभग सभी सफलता चाहते हैं। कोई नेता बनना चाहता है तो कोई अभिनेता। किसी को यूपीएससी क्लियर करने की पड़ी है तो किसी को एसएससी। कोई अपने बिजनेस
लेखक:- डॉ कौशलेंद्र विक्रम सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर और समाजशास्त्री
कमोवेश लगभग सभी सफलता चाहते हैं। कोई नेता बनना चाहता है तो कोई अभिनेता। किसी को यूपीएससी क्लियर करने की पड़ी है तो किसी को एसएससी। कोई अपने बिजनेस के विस्तार के लिए सोचता है तो किसी की आकांक्षा स्वयं के बिजनेस स्टार्टअप की है। तरक्की हर किसी को चाहिए लेकिन हर किसी को मिल नहीं पाती। जानते हैं क्यों ? क्योंकि चीजों को सोचने और उसे लागू करने में जमीन आसमान का फासला होता है। रोज सोचना कल से ज्यादा पढूंगा / ज्यादा मेहनत करूंगा/ कुछ नया करूंगा, ये काम छोड़ कर कुछ अलग ज्यादा बेहतर करूंगा/ दूसरों का जयकारा करने की जगह स्वयं को उस काबिल बनाऊंगा....... इत्यादि, लेकिन फिर वही ढांक के तीन पात।
दरअसल इसके पीछे हमारे शरीर के बायोलॉजिकल क्लॉक की बड़ी भूमिका है। चौंकिए नहीं, आइए इसे समझते हैं - जीवधारियों के शरीर में समय निर्धारण की एक समुन्नत व्यवस्था होती है जिसे हम जैविक घड़ी या (बायोलॉजिकल क्लाक) कहते हैं।
मनुष्य में जैविक घड़ी का मूल स्थान हमारा मस्तिष्क है। हमारे मस्तिष्क में करोड़ो कोशिकाएं होती है जिन्हे हम न्यूरॉन कहते हैं। ये कोशिकाएं पूरे शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित एवं निर्धारित करती है। सरल शब्दों में कहें तो हम अपने मस्तिष्क को पहले ही पुराने ढर्रे पर चलने के लिए कह चुके होते हैं। प्रश्न उठता है कि नए कमांड दिए कैसे जाए ? उत्तर है आदतों से। दरअसल जब व्यक्ति किसी कार्य को अपनी इच्छा से जान – बूझ कर बार – बार करता है। तब वह क्रिया कुछ समय बाद बिना प्रयास के अपने आप होने लगती है। इसी बार – बार दोहराये गये ऐच्छिक कार्यों के परिणाम को आदत कहते हैं। यानी आदतों को बदल कर बायोलॉजिकल क्लॉक को रीसेट किया जा सकता है।
विलियम जेम्स ने आदत डालने के प्रमुख चार नियम बताये हैं –
- संकल्प की दृढ़ता (हमें किसी नए कार्य को दृढ़ता (मजबूती) एवं निश्चय से आरम्भ करना चाहिए)।
- क्रियाशीलता (संकल्प करने के बाद कार्य को प्रारम्भ करके तब तक जारी रखना चाहिए, जब तक कि भली भांति उसकी आदत नहीं पड़ जाती।
- संलग्नता (जब तक नई आदत स्थायी न हो जाय, तब तक उसमें किसी प्रकार का अपवाद नहीं होने देना चाहिए।
- अभ्यास (अभ्यास करने से आदतें दृढ़ हो जाती हैं
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