जहरीला कफ सिरप- मासूमों की जिंदगियां लीलता 'मीठा जहर', मध्यप्रदेश-राजस्थान से शुरू होकर यूपी के कोने-कोने तक फैला संकट

राजस्थान में संकट 29 सितंबर से भड़का। सीकर के 5 साल के नितीश को सरकारी अस्पताल में डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप मिला। अगले दिन किडनी फेल,

Oct 7, 2025 - 22:11
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जहरीला कफ सिरप- मासूमों की जिंदगियां लीलता 'मीठा जहर', मध्यप्रदेश-राजस्थान से शुरू होकर यूपी के कोने-कोने तक फैला संकट
जहरीला कफ सिरप- मासूमों की जिंदगियां लीलता 'मीठा जहर', मध्यप्रदेश-राजस्थान से शुरू होकर यूपी के कोने-कोने तक फैला संकट

हाइलाइट्स:

  • मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Cough Syrup) से 16 बच्चों की मौत, जांच में 48.6% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला – एक जहरीला रसायन जो किडनी फेलियर का कारण बनता है।
  • राजस्थान में भरतपुर और सीकर में 3 बच्चों की मौत, राज्य सरकार ने 19 बैचों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया; स्वास्थ्य मंत्री ने अभिभावकों की 'लापरवाही' को जिम्मेदार ठहराया।
  • उत्तर प्रदेश में अलर्ट मोड: लखनऊ, रायबरेली, वाराणसी, हरदोई समेत सभी जिलों में 164 सैंपल जांच के लिए भेजे, कोल्ड्रिफ की बिक्री पर रोक; एफएसडीए ने छापेमारी तेज की।
  • केंद्र सरकार की सख्ती: सभी राज्यों को 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप (Cough Syrup) न देने की सलाह, सीडीएससीओ ने 6 राज्यों में 19 दवा इकाइयों पर रेड; एनएचआरसी ने MP, राजस्थान, यूपी को नोटिस जारी।
  • सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका: सीबीआई जांच की मांग, तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश; डॉक्टर गिरफ्तार, मध्यप्रदेश में 3 अधिकारी सस्पेंड।
  • वैश्विक संकट का आईना: WHO-UNODC रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 से भारत में 300 से ज्यादा बच्चों की मौतें दूषित सिरप से; गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक में भी प्रतिबंधित।
  • प्रभावित परिवारों को मुआवजा: MP में 5 लाख, यूपी में 2 लाख रुपये की घोषणा; विशेषज्ञों की मांग – दवा नियंत्रण तंत्र में व्यापक सुधार जरूरी।

एक मीठा सिरप, जो खांसी से राहत देने का वादा करता है, आज 'जानलेवा जहर' बन चुका है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Cough Syrup) के सेवन से अब तक 19 बच्चों की मौत हो चुकी है, जो अब उत्तर प्रदेश के रायबरेली, वाराणसी, लखनऊ और हरदोई जैसे जिलों तक फैल चुका है। केंद्र सरकार की आपात बैठक, एनएचआरसी के नोटिस और सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच की मांग – यह संकट अब राष्ट्रीय स्तर का हो गया है। क्या है इस 'मीठे जहर' की सच्चाई? क्यों फेल हो रहा दवा नियंत्रण तंत्र? और कैसे बचें मासूमों को इस खतरे से? आइए, इस विस्तृत रिपोर्ट में गहराई से समझते हैं।

मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा, जहां मौत का सिलसिला थमा नहीं

सब कुछ शुरू हुआ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया इलाके से। 2 सितंबर 2025 को 4 साल के शिवम की मौत हुई। शुरुआत में इसे मौसमी बुखार समझा गया, लेकिन अगले हफ्ते ही 3 साल की विद्या, 5 साल का अधनान, 4 साल का उसैद, 5 साल की रिशिका और 2 साल की श्रेया जैसी मासूमों की जिंदगियां लील ली गईं। कुल 16 मौतें – सभी 5 साल से कम उम्र के बच्चे। लक्षण एक जैसे: उल्टी, सुस्ती, पेशाब में कमी और फिर किडनी फेलियर।

जांच में खुलासा हुआ कि सभी बच्चों ने तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप (Cough Syrup) (बैच नंबर SR-13, मैन्युफैक्चरिंग मई 2025) का सेवन किया था। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट की 2 अक्टूबर की रिपोर्ट ने पर्दा उठाया: सिरप में 48.6% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) – एक ऐसा जहरीला रसायन जो कारों के ब्रेक फ्लूइड और पेंट में इस्तेमाल होता है। भोपाल की गवर्नमेंट ड्रग टेस्टिंग लैब ने भी 46.28% DEG की पुष्टि की। DEG किडनी को नष्ट कर देता है; मात्र 1-2 मिलीलीटर घातक साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 4 अक्टूबर को पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ की बिक्री प्रतिबंधित कर दी। 'यह बेहद दुखद है। हमने तमिलनाडु से जांच की मांग की और सख्त कार्रवाई करेंगे,' उन्होंने X पर लिखा। पुलिस ने विशेष जांच टीम (SIT) गठित की, जो तमिलनाडु की फैक्टरी पहुंची। एक डॉक्टर, प्रवीण सोनी, को गिरफ्तार किया गया – उन्होंने सिरप प्रिस्क्राइब किया था। कंपनी पर IPC की धारा 304 (कल्पना में हत्या) के तहत केस दर्ज। तीन अधिकारी – ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य, दो इंस्पेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर – सस्पेंड। प्रभावित परिवारों को 5 लाख रुपये मुआवजा। लेकिन कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा, 'यह विफलता है। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल को हटाओ।'

एक पिता का दर्द – बैतूल की त्रासदी : बैतूल के कैलाश यादव की आंखों में आंसू हैं। 'मेरा इकलौता बेटा कबीर (3 साल) को खांसी थी। डॉक्टर ने कोल्ड्रिफ दिया। इलाज में जमीन गिरवी रखी, लेकिन 6 अक्टूबर को वो चला गया।' बैतूल में दो और मौतें हुईं। कैलाश कहते हैं, 'सरकार ने सिरप क्यों बेचने दिया? हम गरीबों का क्या कसूर?' परिवार ने 2 लाख मुआवजा मांगा, लेकिन न्याय की आस बाकी है।

राजस्थान: जहां मंत्री ने 'मांओं की गलती' ठहराई जिम्मेदार

राजस्थान में संकट 29 सितंबर से भड़का। सीकर के 5 साल के नितीश को सरकारी अस्पताल में डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप मिला। अगले दिन किडनी फेल, मौत। भरतपुर में 2 साल की लड़की और बांसवाड़ा में 8 बच्चे बीमार। कुल 3 मौतें। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (RMSC) ने 19 बैचों पर रोक लगाई।

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का बयान विवादास्पद: 'बच्चों की मौत उन दवाओं से हुई, जो माताओं ने दीं। विभाग का कोई दोष नहीं।' लेकिन जन स्वास्थ्य अभियान (JSA) ने स्वतंत्र जांच की मांग की। ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक निलंबित। एक डॉक्टर ने सिरप पीकर 'सुरक्षित' साबित करने की कोशिश की, लेकिन बेहोश हो गया। मुख्यमंत्री ने 3 सदस्यीय कमिटी गठित की।

राजस्थान की मासूम – नितीश की कहानी : सीकर के नितीश को खांसी थी। CHC चिराना में सिरप मिला। 'रातोंरात हालत बिगड़ी। पेशाब बंद, डॉक्टरों ने कहा किडनी फेल,' मां रेखा बताती हैं। परिवार ने आरोप लगाया, 'सरकारी योजना की दवा जहर थी।' RMSC ने 22 बैच रिकॉल किए। अब 10 बच्चे निगरानी में।

उत्तर प्रदेश: अलर्ट से जांच तक, रायबरेली-वाराणसी पर फोकस

मध्यप्रदेश-राजस्थान की घटनाओं ने यूपी को हिलाकर रख दिया। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने 5 अक्टूबर को अलर्ट जारी किया। सहायक आयुक्त दिनेश कुमार तिवारी ने सभी जिलों को निर्देश: कोल्ड्रिफ (SR-13 बैच) की बिक्री रोको, सैंपल भेजो। 6 अक्टूबर तक 164 नमूने लखनऊ लैब भेजे – ज्यादातर बच्चों के सिरप। डायथिलीन ग्लाइकॉल और प्रोपाइलिन ग्लाइकॉल की जांच।

रायबरेली: यहां हरिद्वार की कंपनी का कफ सिरप (Cough Syrup) फेल मिला। 21 जनवरी 2025 की जांच में घटिया क्वालिटी पाई गई। FSDA ने नोटिस जारी, विक्रेता पर कार्रवाई। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, 'बच्चों की सुरक्षा पहले। सभी मेडिकल स्टोर चेक।' एक केस में 2 साल का बच्चा बीमार, लेकिन मौत टल गई। स्थानीय डॉक्टरों को सलाह: सिरप से बचें।

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आसपास छापेमारी। 10 कंपनियों के 20 सैंपल लिए। DM ने कहा, 'धार्मिक नगरी में मासूमों का खतरा बर्दाश्त नहीं।' एक परिवार ने शिकायत की – बच्चे को सिरप देने के बाद किडनी समस्या। FSDA टीम ने फैक्टरी सील की।

लखनऊ: राजधानी में हड़कंप। गोमतीनगर के लोहिया अस्पताल के पास 5 मेडिकल स्टोर पर 6 अक्टूबर को रेड। 10 नमूने जब्त। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, 'हमने कभी यह सिरप नहीं खरीदा। लेकिन जांच तेज।' अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट से तस्करी की आशंका – कोडीनयुक्त सिरप नेपाल-बांग्लादेश जा रहे। 27 जुलाई 2025 की रिपोर्ट में NCB ने पकड़ा नेटवर्क।

हरदोई: ग्रामीण इलाकों में अलर्ट। 15 सैंपल लिए, थोक विक्रेताओं पर नजर। एक गांव में 3 बच्चे बीमार – सिरप से लिंक। DM ने अभियान चलाया: 'डॉक्टरों को निर्देश, वैकल्पिक इलाज अपनाएं।' FSDA ने 50 दुकानों चेक की।

उपमुख्यमंत्री पाठक ने 6 अक्टूबर को कहा, 'दुखद है, लेकिन हम सतर्क हैं। मुआवजा 2 लाख।' एनएचआरसी ने यूपी को नोटिस: 'तत्काल जांच, नकली दवाओं पर रोक।' (स्रोत: अमर उजाला, 5 अक्टूबर 2025)

लखनऊ की छापेमारी – दवा बाजार में हड़कंप FSDA की टीम ने लोहिया के पास 3 स्टोरों पर दबिश दी। मालिक भागे, ताले लटक गए। सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार: 'प्रतिबंधित सिरप मिला तो लाइसेंस रद्द।' एक स्टोर से 20 बोतलें जब्त। स्थानीय डॉक्टर: 'अब सावधानी बरतेंगे।' (स्रोत: अमृत विचार, 6 अक्टूबर 2025)

देशभर का संकट: गुजरात से केरल तक प्रतिबंध

यह समस्या राष्ट्रीय है। गुजरात ने कोल्ड्रिफ बैन किया। महाराष्ट्र FDA ने तमिलनाडु के साथ सप्लाई चेन ट्रेस की। कर्नाटक ने अलर्ट जारी। तमिलनाडु ने उत्पादन रोका, लाइसेंस रद्द की सिफारिश। पंजाब, दिल्ली ने 5 साल से कम बच्चों को सिरप न देने का आदेश। WHO-UNODC की जुलाई 2025 रिपोर्ट: भारत में 2022 से 300 मौतें दूषित सिरप से।

केंद्र ने 3 अक्टूबर को एडवाइजरी: 2 साल से कम बच्चों को कफ सिरप (Cough Syrup) न दें। 4 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस: सभी राज्यों से रैशनल यूज सुनिश्चित। स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव: 'जागरूकता अभियान चलाएं।' सीडीएससीओ ने हिमाचल, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, MP, महाराष्ट्र में 19 इकाइयों पर रिस्क-बेस्ड इंस्पेक्शन। 5 अक्टूबर को संशोधित शेड्यूल M अनिवार्य: GMP स्ट्रिक्ट, 31 दिसंबर 2025 तक कंप्लायंस।

सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर को PIL: वकील विशाल तिवारी ने सीबीआई जांच मांगी। 'राज्य स्तर की जांचें बिखरी हुईं,' उन्होंने कहा। एनएचआरसी ने DCGI, CDSCO, DGHS को निर्देश: स्पूरियस ड्रग्स की जांच।

वैश्विक चेतावनी – WHO की रिपोर्ट WHO-UNODC: दूषित सिरप से गाम्बिया में 70 मौतें (2022)। भारत में रेगुलेशन कमजोर, फेक एक्सिपिएंट्स। सिफारिश: क्विक टेस्टिंग किट्स, इंटरनेशनल GMP। 'यह अलग-थलग नहीं, ग्लोबल क्राइसिस है।'

क्यों हो रहा है यह? DEG का खतरा और नियंत्रण की कमजोरी

DEG सस्ता सॉल्वेंट है, प्रोपाइलिन ग्लाइकॉल की जगह इस्तेमाल। लेकिन घातक। 2022 में उत्तराखंड के सिरप से अफ्रीका में मौतें। विशेषज्ञ डॉ. पवन नंदुरकर (पेडियाट्रिशियन): 'बच्चों की किडनी कमजोर, DEG से एक घंटे में फेल।' कारण: खराब रेगुलेशन, ब्लैकलिस्टेड कंपनियां।

उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी: 63 सैंपल टेस्टिंग, लाइसेंस रद्द की धमकी। कर्नाटक: एक्सिपिएंट्स चेक। लेकिन सवाल: क्यों फेल हो रही CDSCO?

विशेषज्ञ की राय – डॉ. नंदुरकर 'खांसी सेल्फ-लिमिटिंग। सिरप की बजाय हाइड्रेशन, स्टीम। 5 साल से कम में खतरा। भारत में 10,000+ सैंपल सालाना फेल, लेकिन एक्शन कम।'

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