Special Article: महिला क्रिकेट में एक नये युग का आरम्भ। 

दो नवंबर 2025 का दिन भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरो में लिखा जाएगा। इस दिन भारत की महिला क्रिंकेट टीम ने कप्तान हरमनप्रीत कौर  के

Nov 6, 2025 - 09:30
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Special Article: महिला क्रिकेट में एक नये युग का आरम्भ। 
महिला क्रिकेट में एक नये युग का आरम्भ। 

लेखक:- मृत्युंजय दीक्षित 

दो नवंबर 2025 का दिन भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरो में लिखा जाएगा। इस दिन भारत की महिला क्रिंकेट टीम ने कप्तान हरमनप्रीत कौर  के नेतृत्व में विश्व विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया।कप्तान हरमनप्रीत का नाम भी अब उसी प्रकार स्वर्णिंम अक्षरों में लिखा जाएगा जिस प्रकार से पुरुष क्रिकेट में कपिल देव लिखा जाता है। एक समय यह दिवास्वप्न लग रहा था क्योंकि लगातार तीन लीग मैच हारने के बाद भारत के लिए सेमीफाइनल में भी पहुंचना बहुत कठिन था किन्तु  भारत की बेटियों ने धैर्य के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और भारतीय महिला क्रिकेट को यह अभूतपूर्व सफलता मिली।

आज इस महान उपलिब्ध पर  घर  -घर चर्चा हो रही है। महिला विश्व कप में विजय का उत्सव  हर भारतीय ने उसी प्रकार मनाया जिस प्रकार 1983 का पुरुष विश्व कप जीतने के बाद मनाया था। बेटियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन  पर हर तरफ आनंद ही आनंद बिखरा है, इसका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनावो की अपनी रैलियों मे भी किया है। विजयी टीम कि सभी बेटियों के संघर्ष की कहानियां मीडिया के माध्यम से समाज के समक्ष राखी जा रही हैं  जिससे भविष्य की उन बेटियों को प्रेरणा मिल सके जो क्रीड़ा जगत में कैरियर बनाना चाहती रही हैं। हमारी बेटियों ने महिला क्रिकेट में आस्ट्रैलिया व इंग्लैड जैसे देशों का वर्चस्व ध्वस्त करने मे सफलता प्राप्त की है। 

भारत के महिला क्रिकेट को इन ऊचाइयों तक ले जाने में आईसीसी  के वर्तमान अध्यक्ष व भारतीय  क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जय शाह कि दूरदर्शी सोच तथा भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। महिला क्रिकेट को सबसे अधिक बढ़ावा उनके कार्यकाल में ही मिला है। जय शाह के कार्यकाल में पहली बार महिला क्रिकेट खिलाडियों का वेतनमान पुरुष खिलाड़ियों के समकक्ष किया गया। स्मरणीय है कि 2005  में इन्हीं महिला खिलाड़ियों  को मैच फीस के रूप में मात्र  एक हजार रुपए मिला करते थे। जय शाह के कार्यकाल में महिलाओं  के लिए आईपीएल लीग का आरम्भ किया गया। महिला क्रिकेट टीम के लिए अधिक से अधिक खेल व अभ्यास के अवसर उपलब्ध कराने के उददेश्य से दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय श्रृखलाओं की संख्या लगातार बढ़ाई गई। जय शाह की अध्यक्षता में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों का परिणाम अब सामने है। वर्ष 2025 भारतीय महिला क्रिकेट के लिए स्वर्णिम है क्योकि इस वर्ष भारत ने दो विश्व कप जीतकर इतिहस रचा है पहले भारतीय टीम ने अंडर -19 का खिताब जीता और अब यह विश्व कप जीतने मे सफलता प्राप्त की है। 

जिन महिला क्रिकेट खिलाडियों को कभी मैच फी भी उनके परिश्रम के अनुरूप नहीं मिलती थी आज उन्हीं पर  पुरस्कारों की बरसात हो रही है । बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने बताया कि  महिला क्रिकेट टीम को बोर्ड सम्मान के तौर पर 51 करोड़  रुपए नकद इनाम देगा । हिमाचल प्रदेश  सरकार ने टीम सदस्य रेणुका सिंह ठाकुर को एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश सरकार तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ को एक करोड़ का नगद पुरस्कार देगी। आईसीसी ने टीम को ट्राफी के साथ 40 करोड़ का पुरस्कार देने की घोषणाकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व कप में यादगार प्रदर्शन करने वाली दीति शर्मा का प्रमोशन तत्काल प्रभाव से कर दिया है। सूरत के उद्योगपति राज्यसभा सांसद गोविंद ढोलकिया ने भारतीय टीम की सभी सदस्यों को डायमंड ज्वैलरी और सोलर पैनल देने की घोषणा की है। 

ऐसा माना जा रहा है कि इस विजय आने वाले समय में एक बड़ा बदलाव यह भी दिखाई देगा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए बड़ी कंपनियों के निवेशक व विज्ञापनदाता उपलब्ध  हो सकेंगे। भविष्य में नई खेल प्रतिभाएं उभरकर कर सामने आयेंगी। यह विजय एक -एक ऐतिहासिक टर्निग प्वाइंट है तथा आाने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। 

विजय कि गाथा में यदि भारतीय महिला टीम के कोच अमोल मजूमदार की बात न की जाए तो यह बात अधूरी रह जाएगी। अमोल की भूमिका अभिनंदनीय है । अमोल का खेल कैरियर 1990 के दशक में उस समय प्रारंभ हुआ था जब राहुल द्रविड, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज मैदान पर थे जिस कारण उनका क्रिकेट कैरियर अधिक नहीं बढ़ पाया और वह केवल रणजी तक ही सीमित होकर रह गये। अमोल ने महिला क्रिकेट टीम के कोच के रूप में महिला खिलाड़ियों को लड़ने का साहस, सामर्थ्य और दृढ़ता दी। महिला क्रिकेट टीम ने भी उनको निराश नहीं किया और गुरुदक्षिणा में विश्व विजय की ट्राफी अर्पित कर दी। 

विजयोत्सव के इस शोर में कुछ ध्यान रखना तो यह कि विजय के उत्सव कुछ समय बाद फीके पड़ जाते हैं उनका उत्साह और उल्लास बनाए रखने के लिए निरंतर जीत और जीत के प्रयास की आदत डालनी पड़ती है । 

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