अयोध्या में भक्ति का सैलाब: राम मंदिर ध्वजारोहण से पहले होटल और धर्मशालाएं हाउसफुल, पीएम मोदी 25 नवंबर को फहराएंगे भगवा ध्वज।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में राम जन्मभूमि पर बने भव्य श्रीराम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह को लेकर श्रद्धा का अपार सैलाब उमड़ पड़ा है। 25 नवंबर 2025 को होने वाले इस ऐतिहासिक
उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में राम जन्मभूमि पर बने भव्य श्रीराम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह को लेकर श्रद्धा का अपार सैलाब उमड़ पड़ा है। 25 नवंबर 2025 को होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से पहले देशभर से लाखों भक्तों का आगमन हो चुका है, जिसके कारण 20 से 30 नवंबर तक सभी होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशालाएं और होमस्टे पूरी तरह बुक हो चुके हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस समारोह को प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का प्रतीक बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे और मंदिर के मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे। कार्यक्रम के 18 दिन पहले ही अयोध्या भक्ति और उत्साह से सराबोर हो चुकी है। कारीगर दिन-रात तैयारी में जुटे हैं, जबकि प्रशासन सुरक्षा, आवास और परिवहन की व्यवस्था में लगा हुआ है। यह समारोह न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव का भी प्रतीक बनेगा।
राम मंदिर का निर्माण 2020 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भूमि पूजन से शुरू हुआ था। 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के मुख्य भाग का उद्घाटन हो चुका है। लेकिन पूरा परिसर, जिसमें 14 छोटे-छोटे मंदिर और परकोटा (बाहरी दीवार) शामिल हैं, अब जाकर पूरा हो रहा है। ध्वजारोहण इसकी पूर्णता का संकेत देगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 42 फुट ऊंचा ध्वजस्तंभ अप्रैल 2025 में अक्षय तृतीया के अवसर पर स्थापित किया गया था। यह मुख्य शिखर पर है, जहां भगवा ध्वज फहराया जाएगा। साथ ही, मंदिर परिसर के पांच सहायक शिखरों पर भी ध्वज लहराए जाएंगे। ये शिखर भगवान शिव, सूर्य देव, गणेश जी, हनुमान जी, माता भगवती और अन्नपूर्णा माता को समर्पित हैं। कार्यक्रम 21 से 25 नवंबर तक चलेगा, जिसमें वेदिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और सामूहिक आरती शामिल होंगे। अयोध्या और काशी के प्रसिद्ध संतों द्वारा पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।
ट्रस्ट ने अतिथियों की सूची तैयार कर ली है। इसमें देश-विदेश के संत, धार्मिक नेता, गणमान्य व्यक्ति और राम भक्त शामिल हैं। अनुमान है कि हजारों विशेष अतिथि पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ध्वजारोहण करेंगे, जबकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति की भी संभावना है। यह समारोह प्राण प्रतिष्ठा की तरह भव्य होगा, लेकिन इसमें स्थानीय और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा। ट्रस्ट ने कहा कि यह कार्यक्रम सभी परंपराओं का सम्मान करेगा। अयोध्या के चार मुख्य द्वारों में से दो पर काम पूरा हो चुका है। भक्त अक्टूबर 2025 से पूर्ण रूप से मंदिर परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। गेट नंबर 11, जिसे आदि शंकराचार्य द्वार कहा जाता है, को वीआईपी प्रवेश द्वार बनाया गया है। यहां से प्रधानमंत्री सहित विशेष अतिथि प्रवेश करेंगे। यह द्वार मंदिर के उत्तर-पूर्वी कोने पर है और शंकराचार्य की परंपरा को दर्शाता है।
श्रद्धालुओं के सैलाब ने अयोध्या को रामनगरी बना दिया है। न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, होटल और होमस्टे पहले से ही प्री-बुक हो चुके हैं। आजतक ने बताया कि 24-25 नवंबर को ध्वजारोहण के मुख्य दिन के लिए बुकिंग्स चरम पर हैं। अयोध्या में करीब 500 होटल और 200 धर्मशालाएं हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत नवंबर के अंत तक हाउसफुल हैं। एक होटल मालिक ने कहा, 'पिछले हफ्ते से बुकिंग्स शुरू हो गईं। अब कोई कमरा उपलब्ध नहीं।' ट्रस्ट और प्रशासन ने अतिरिक्त आवास के लिए प्रमुख धर्मशालाओं और गेस्ट हाउसों में व्यवस्था की है। भारतीय रेलवे ने 900 विशेष ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है। चहत्त पूजा के बाद भीड़ को संभालने के लिए 6,180 विशेष रिटर्न ट्रेनें होंगी। सड़क मार्ग से आने वालों के लिए बसें बढ़ाई गई हैं। अयोध्या नगर आयुक्त जयंत कुमार ने कहा कि घाटों की सफाई, शौचालय सुविधा और निरीक्षण पूरा कर लिया गया है।
तैयारियां जोरों पर हैं। कारीगर मंदिर के बाहरी परकोटे पर नक्काशी कर रहे हैं। पत्थरों पर रामायण के दृश्य उकेरे जा रहे हैं। ट्रस्ट ने विशेष ध्वज तैयार करवाया है, जो हिंदू धर्म और संस्कृति का प्रतीक होगा। कार्यक्रम में राम परिवार की मूर्तियों की विशेष आरती होगी। पहली मंजिल पर स्थापित राम दरबार की मूर्तियां इसकी मुख्य होंगी। जून 2025 में राम दरबार और 14 मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, जो ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी से दशमी तक चली थी। इसमें 101 वैदिक विद्वानों ने भाग लिया। अब ध्वजारोहण से पूरा परिसर जीवंत हो जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। सीआरपीएफ महानिदेशक कुलदीप सिंह ने अयोध्या का दौरा कर तैयारियां जांच लीं। मंदिर परिसर में सख्त सुरक्षा उपाय हैं।
यह समारोह अयोध्या को राष्ट्रीय आध्यात्मिक केंद्र के रूप में मजबूत करेगा। 1992 के विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले से मंदिर निर्माण संभव हुआ। अब यह करोड़ों भक्तों का केंद्र है। पर्यटन विभाग के अनुसार, 2025 में अयोध्या ने ताजमहल को पीछे छोड़ दिया है। राम मंदिर से रोजगार बढ़ा है। स्थानीय दुकानदारों का कारोबार दोगुना हो गया। लेकिन भीड़ प्रबंधन चुनौती है। प्रशासन ने पार्किंग और ट्रैफिक प्लान बनाया है। भक्तों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सलाह दी जा रही है।
सोशल मीडिया पर उत्साह व्याप्त है। भक्त फोटो और वीडियो शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, 'राम ध्वज लहराएगा, अयोध्या जिंदाबाद!' कार्यक्रम लाइव प्रसारण होगा। दूरदर्शन और अन्य चैनल कवरेज करेंगे। ट्रस्ट ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया है। प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। यह समारोह स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाता है, जहां राम भक्ति राष्ट्रवाद से जुड़ी। बंकिम चंद्र के 'आनंदमठ' की तरह यह एकता का प्रतीक बनेगा।
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