उत्तराखंड के चमोली में सुरंग के अंदर दो लोको ट्रेनों की भीषण टक्कर, 60 मजदूर घायल, सभी की हालत स्थिर।
उत्तराखंड के चमोली जिले में विष्णुगाड-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना की पीपलकोटी सुरंग के अंदर दो लोको ट्रेनों के बीच टक्कर होने से बड़ा
उत्तराखंड के चमोली जिले में विष्णुगाड-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना की पीपलकोटी सुरंग के अंदर दो लोको ट्रेनों के बीच टक्कर होने से बड़ा हादसा हुआ। यह घटना 30 दिसंबर 2025 की देर रात करीब 8:30 से 10 बजे के बीच हुई जब शिफ्ट चेंज के दौरान मजदूरों को अंदर और बाहर ले जाया जा रहा था। एक लोको ट्रेन मजदूरों और अधिकारियों को लेकर जा रही थी जबकि दूसरी निर्माण सामग्री ढो रही थी। दोनों ट्रेनें एक ही सिंगल ट्रैक पर चल रही थीं जिससे टक्कर हो गई। हादसे में कुल 109 लोग ट्रेनों पर सवार थे जिनमें ज्यादातर बिहार और झारखंड से आए मजदूर शामिल थे। इनमें से लगभग 60 लोग घायल हो गए। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई गई लेकिन सभी को तुरंत बचाया गया और उनकी स्थिति अब स्थिर है। कोई मौत नहीं हुई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दो कोच डिरेल हो गए और सुरंग के अंदर अफरा-तफरी मच गई।
जिला मजिस्ट्रेट गौरव कुमार के अनुसार हादसा टीवीएम साइट पर 4.5 किलोमीटर अंदर हुआ। लोको ट्रेनें ऐसी परियोजनाओं में मजदूरों, इंजीनियरों, अधिकारियों और सामग्री को ले जाने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल की जाती हैं। हादसे के बाद तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और एम्बुलेंसों की मदद से घायलों को बाहर निकाला गया। 42 घायलों को गोपेश्वर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया जबकि 17 को पीपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में इलाज दिया गया। कुछ घायलों में फ्रैक्चर की शिकायत है जबकि बाकी को हल्की चोटें आई हैं। जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसपी चमोली सुरजीत सिंह पंवार ने बताया कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी दोनों अस्पतालों में मौजूद हैं और घायलों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की जानकारी ली और स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग का निर्देश दिया।
यह परियोजना THDC (India) द्वारा बनाई जा रही 444 मेगावाट की विष्णुगाड-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना है जो अलकनंदा नदी पर हेलंग और पीपलकोटी के बीच बन रही है। परियोजना से चार टरबाइनों के माध्यम से 111 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा और इसे अगले वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य है। सुरंगों में लोको ट्रेनों का उपयोग निर्माण कार्य के दौरान सामान्य है लेकिन इस घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठाए हैं। हादसे के कारण की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार तकनीकी खराबी या सिग्नलिंग में चूक के कारण एक ट्रेन दूसरी से पीछे से टकराई। प्रशासन ने कहा है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। घायलों का इलाज जारी है और अधिकांश को जल्द डिस्चार्ज किया जा सकता है।
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