क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी का बड़ा खुलासा, ED ने चंडीगढ़-हरियाणा में 9 ठिकानों पर की ताबड़तोड़ छापेमारी।
प्रवर्तन निदेशालय ने क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी के चंडीगढ़ जोनल ऑफिस ने
प्रवर्तन निदेशालय ने क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी के चंडीगढ़ जोनल ऑफिस ने 24 दिसंबर 2025 को अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और चंडीगढ़ में कुल 9 रिहायशी ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत की गई जिसमें फर्जी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग कंपनी' के जरिए निवेशकों से ठगी का आरोप है। जांच हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है जिसमें विकास कल्रा, तरुण तनेजा, कपिल कुमार और पवन कुमार सहित अन्य आरोपियों पर लोगों को क्रिप्टो निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये ठगने का मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों ने मिलकर एक फर्जी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया और निर्दोष निवेशकों को उच्च रिटर्न का लालच देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली। ठगी का पैसा विभिन्न बैंक खातों और क्रिप्टो वॉलेट्स के माध्यम से प्राप्त किया गया।
छापेमारी के दौरान ईडी ने ठगी से अर्जित अवैध संपत्तियों का पता लगाया। कुल 18 बैंक खातों में ठगी का पैसा 22.38 लाख रुपये का फ्रीज कर दिया गया। 4 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। इसके अलावा अचल संपत्तियां करीब 3 करोड़ रुपये मूल्य की उजागर हुईं जो ठगी के पैसे से खरीदी गई बताई जा रही हैं। जांच में पता चला कि आरोपी बिनेंस जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज पर वॉलेट बनाकर निवेशकों से पैसे प्राप्त करते थे। आरोपियों ने निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग में उच्च लाभ का झांसा दिया लेकिन वास्तव में कोई वैध ट्रेडिंग नहीं होती थी। पैसे को व्यक्तिगत और सहयोगियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। यह ठगी चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों को प्रभावित कर चुकी है। ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी बरामद किए हैं।
यह कार्रवाई क्रिप्टो निवेश के नाम पर हो रही ठगी के खिलाफ ईडी की सतत निगरानी का हिस्सा है। पिछले दिनों में कई अन्य क्रिप्टो आधारित पोंजी और एमएलएम स्कीम्स पर भी कार्रवाई हुई है लेकिन इस मामले में ठगी की राशि करोड़ों में बताई जा रही है। ईडी ने कहा कि जांच जारी है और ठगी के पैसे को ट्रेस करने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी के बाद ठगी से जुड़े खातों पर नजर रखी जा रही है ताकि आगे कोई लेनदेन न हो सके। यह मामला निवेशकों के लिए चेतावनी का काम करता है कि क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की जांच बिना निवेश न करें। ईडी ने पुष्टि की है कि आरोपी एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे थे और ठगी का नेटवर्क व्यवस्थित रूप से चलाया जा रहा था।
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