चुनाव नजदीक आते ही दुर्गा सप्तशती का पाठ याद आ जाता है, शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी के महाकाल मंदिर ऐलान पर किया तंज। 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर का शिलान्यास करने की घोषणा

Dec 31, 2025 - 13:00
Dec 31, 2025 - 13:17
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चुनाव नजदीक आते ही दुर्गा सप्तशती का पाठ याद आ जाता है, शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी के महाकाल मंदिर ऐलान पर किया तंज। 
चुनाव नजदीक आते ही दुर्गा सप्तशती का पाठ याद आ जाता है, शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी के महाकाल मंदिर ऐलान पर किया तंज। 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर का शिलान्यास करने की घोषणा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही कुछ लोगों को हनुमान चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ याद आ जाता है। यह बयान ममता बनर्जी के उस ऐलान के बाद आया है जिसमें उन्होंने जनवरी के दूसरे सप्ताह में उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर का शिलान्यास करने की बात कही है। चौहान ने भोपाल में अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की जब उनसे ममता बनर्जी की घोषणा पर सवाल पूछा गया। ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा कि सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर का शिलान्यास जनवरी के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए जमीन तय कर ली गई है और फंड का इंतजाम भी कर लिया गया है। बनर्जी ने यह भी कहा कि उन पर तुष्टीकरण के आरोप लगते हैं लेकिन वह ऐसी राजनीति नहीं करतीं क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष हैं। यह घोषणा पश्चिम बंगाल में 2026 के मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की गई है जहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और भाजपा मुख्य विपक्षी दल है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंदिर और धार्मिक गतिविधियां आस्था का विषय होती हैं लेकिन कुछ विपक्षी दल धर्म को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इन सब धार्मिक संस्थाओं पर हमले होते हैं तब ये लोग चुप रहते हैं लेकिन चुनाव आते ही कई लोग त्रिपुंड लगाने लगते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करने लगते हैं, दुर्गा सप्तशती का पाठ याद आता है। चौहान ने कहा कि जनता इस सच को जानती है। उन्होंने यह भी कहा कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, न कि उसे राजनीति का औजार बनाया जाना चाहिए। यह टिप्पणी शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी की घोषणा के संदर्भ में की है। ममता बनर्जी की घोषणा में कहा गया है कि महाकाल मंदिर का शिलान्यास जनवरी में होगा और इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चौहान ने कहा कि जब चुनाव आता है तब मंदिर याद आते हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर हो या बाकी धार्मिक गतिविधियां, यह आस्था के विषय होते हैं।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने वाले हैं और इस समय राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। भाजपा राज्य में मुख्य विपक्षी दल है। ममता बनर्जी की घोषणा को चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह तुष्टीकरण नहीं करतीं। शिवराज सिंह चौहान की टिप्पणी विपक्षी दलों की धार्मिक गतिविधियों पर सवाल उठाती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग धर्म को राजनीति का औजार बनाते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि चुनाव के समय त्रिपुंड लगाना, हनुमान चालीसा पाठ करना और दुर्गा सप्तशती याद आना जैसे काम शुरू हो जाते हैं। चौहान ने कहा कि जनता सब समझती है। ममता बनर्जी ने अपनी घोषणा में कहा कि वह धर्मनिरपेक्ष हैं और तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करतीं।

यह घटना भोपाल में चौहान के आवास पर हुई जहां उन्होंने संवाददाताओं से बात की। ममता बनर्जी की घोषणा कोलकाता में एक कार्यक्रम में की गई। महाकाल मंदिर सिलीगुड़ी में बनाया जाएगा और इसका शिलान्यास जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं पर हमले होने पर चुप रहने वाले लोग चुनाव के समय धार्मिक गतिविधियां याद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह आस्था का विषय है और राजनीति का औजार नहीं बनना चाहिए। ममता बनर्जी ने महाकाल मंदिर के लिए जमीन और फंड की व्यवस्था का जिक्र किया। पश्चिम बंगाल के चुनाव 2026 में हैं और यह घोषणा उससे पहले की गई है। चौहान की टिप्पणी राजनीतिक बहस को जन्म दे सकती है। ममता बनर्जी ने कहा कि उन पर तुष्टीकरण के आरोप लगते हैं लेकिन वह धर्मनिरपेक्ष हैं।

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