MP: डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 73 लाख की ठगी टली- पाथाखेड़ा पुलिस ने 64 साल के बुजुर्ग को 3 दिन की ‘डिजिटल कैद’ से बचाया।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पुलिस अधीक्षक बैतूल वीरेंद्र जैन द्वारा साइबर ठगी से बचाव हेतु लगातार आम जनता को लगातार जागरूक
- सावधान अगर आपको भी आ रहे है अंजान नम्बरों से साइबर ठगों के कॉल तो हो जाएं सतर्क डरने और घबराने की जगह तत्काल दें नजदीकी पुलिस थाने में दस्तक करें इसकी शिकायत
- पाथाखेड़ा पुलिस ने "डिजिटल अरेस्ट" के झांसे से 64 वर्षीय बुजुर्ग को बचाया साइबर ठगों की बड़ी साजिश नाकाम
वीडियो कॉल पर बन गए थे 'ईडी-सीबीआई अधिकारी। पाथाखेड़ा पुलिस ने 73 लाख की ठगी टलवाई - साइबर ठगों ने 3 दिन रखा 'डिजिटल कैद' में पुलिस ने होटल से मुक्त कर बचाई रिटायर्ड WCL कर्मचारी की जीवनभर की कमाई
- डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया कानून में नहीं, पुलिस अधीक्षक बैतूल ने की आमजन से सतर्क रहने की अपील
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पुलिस अधीक्षक बैतूल वीरेंद्र जैन द्वारा साइबर ठगी से बचाव हेतु लगातार आम जनता को लगातार जागरूक किया जा रहा है इसी के चलते लगातार विशेष अभियान चलाए जा रहे है जिसमें स्कूल कॉलेज एवं सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहे हैं साथ ही समस्त थाना प्रभारी को ऑनलाइन ठगी साइबर अपराधों में कमी ले जाने हेतु प्रभावी कार्रवाई किए जाने हेतु निर्देशित किया जा रहा है इसी के चलते अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी, एसडीओपी सारणी प्रियंका करवाम एवं थाना प्रभारी सारणी जयपाल इनवाती के मार्गदर्शन में थाना सारणी चौकी पत्थर खेड़ा अंतर्गत डिजिटल अरेस्ट के प्रकरण में पीडित की जीवन भर की कमाई को बचाने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की गई है।
दरअसल 01.12.2025 को सूचना प्राप्त हुई कि राजेश गेस्ट हाउस बगडोना (थाना सारणी क्षेत्र) में एक व्यक्ति को साइबर ठगों द्वारा तथा कथित "डिजिटल अरेस्ट में फंसाकर धमकाया जा रहा है। उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से स्वयं को ईडी व सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित को गलत लेन-देन के झूठे आरोप में भयभीत कर रहे थे तथा पावले को चबाने के नाम पर बड़ी धनराशि की मांग कर रहे थे।
पीड़ित चैतराम नश्वरे, उम्र 64 वर्ष, निवासी अशोका गार्डन भोपाल (रिटायर्ड WCL कर्मचारी) अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा खराब होने के डर से ठगों के कहने पर पाथाखेड़ा आ गए थे। ठगों ने उन्हें होटल में रुकवाकर परिवारजन व परिचितों से सपर्क करने से भी रोक दिया। पीड़ित अपनी जीवन भर की जमा पूंजी, जो SBI पाथाखेड़ा शाखा में एफडी के रूप में थी, उसे तुड़वाकर उगों को देने के लिए बैंक से RTGS फॉर्म तक लेकर आए थे।
तत्काल सूचना पर चौकी प्रभारी पाथाखेड़ा उप निरीक्षक मनोज कुमार उइके, प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह तेकाम, आरक्षक रविमोहन, आरक्षक राकेश करपे तथा सैनिक सुभाष की टीम राजेश गेस्ट हाउस पहुँची। टीम ने पीड़ित को सुरक्षित बाहर निकालकर विस्तृत रूप से बातचीत की। पीड़ित मानसिक रूप से सदमे की स्थिति में था और तीन दिनों से चल रहे घटनाक्रम पर विश्वास नहीं कर पा रहा था।
पीडित को सुरक्षित चौकी लाकर पूरी घटना विस्तार से जानी गई तथा उनके परिवारजनों से संपर्क स्थापित किया गया। इस दौरान थाना प्रभारी बैतूल बाजार सुश्री अंजना धुर्वे ने भी पीड़ित के बड़े भाई से संपर्क कर परिजनों को पुलिस चौकी पाथाखेड़ा पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यदि समय रहते यह त्वरित पुलिस कार्रवाई नहीं की जाती, तो साइबर ठग पीड़ित से उसकी जीवन भर की मेहनत की पूरी कमाई हड़प लेते।
पुलिस अधीक्षक बैतुल वीरेंद्र जैन की आमजन से अपील -
"जनसामान्य से अनुरोध है कि 'डिजिटल अरेस्ट' जैसा कोई शब्द या प्रक्रिया भारतीय कानून में कहीं भी अस्तित्व में नहीं है। कोई भी जांच एजेंसी-चाहे वह पुलिस, सीबीआई, ईडी या अन्य विभाग हो-वीडियो कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति को न तो गिरफ्तार कर सकती है और न ही धनराशि की मांग कर सकती है।
यदि कोई व्यक्ति स्वयं को अधिकारी बताकर ऑनलाइन माध्यम से आपको डराने या धमकाने का प्रयास करता है, तो समझ लें कि यह साइबर ठगी है। कृपया ऐसी किसी भी कॉल पर विश्वास न करें, अपनी निजी बैंकिंग जानकारी साझा न करें और तुरंत 1930 (साइबर हेल्पलाइन) अथवा नजदीकी थाने को सूचना दें।
इस खबर का उद्देश्य
1 साल में इंडिया में 1 लाख 23 हजार लोग सायबर ठगी के शिकार हुए है इसीलिए सायबर जागरूकता अत्यधिक ज्यादा जरूरी है इस खबर का उद्देश्य इस तरह के सायबर ठगों से बचने के लिए उठाई जा रही है ।
शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
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