दिल्ली एसिड अटैक मामला: डीयू छात्रा ने टॉयलेट क्लीनर से खुद को झुलसाया, पिता की साजिश का खुलासा; बदला लेने के लिए रची फर्जी साजिश, गिरफ्तार।
दिल्ली के उत्तर-पश्चिम इलाके में एक कथित एसिड अटैक की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था, लेकिन सोमवार को पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय की
दिल्ली के उत्तर-पश्चिम इलाके में एक कथित एसिड अटैक की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था, लेकिन सोमवार को पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय की 20 वर्षीय छात्रा ने खुद अपने हाथों पर टॉयलेट क्लीनर उड़ेलकर झुलसाने का नाटक रचा था। यह सब उसके पिता अकील खान की साजिश का हिस्सा था, जो बदले की आग में जल रहे थे। अकील खान को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया, जब उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने अपनी बेटी को यह नाटक रचने के लिए उकसाया था। मकसद था तीन निर्दोष पुरुषों को फंसाना, जिनमें से एक का परिवार अकील पर रेप और ब्लैकमेल का आरोप लगा चुका था। यह घटना 26 अक्टूबर 2025 की शाम को मंगोलपुरी इलाके में हुई, जहां छात्रा ने ई-रिक्शा से उतरते ही चीखना शुरू कर दिया और आरोप लगाया कि तीन युवकों ने उसे एसिड फेंक दिया। लेकिन मेडिकल जांच और पूछताछ में सच्चाई सामने आ गई। पुलिस ने अब पिता-पुत्री दोनों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत कार्रवाई की तैयारी कर ली है। यह मामला न सिर्फ फर्जी शिकायतों की गंभीरता दिखाता है, बल्कि असली पीड़ितों के लिए न्याय की राह में बाधा भी बनता है।
घटना उस शाम करीब सात बजे की है। छात्रा, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉमर्स सेकंड ईयर की छात्रा है, अपनी फैक्ट्री से लौट रही थी। उसने पुलिस को बताया कि जितेंद्र नाम का पड़ोसी, जो कथित तौर पर उसे लंबे समय से स्टॉकिंग कर रहा था, उसके साथ दो अन्य युवक ईशान और अरमान ने मिलकर एसिड फेंक दिया। हाथों पर जलन होने के बाद वह चीखी, और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोगों ने उसे तुरंत आरएमएल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर एसिड बर्न का निदान किया। अगले दिन सुबह ही पुलिस ने जितेंद्र, ईशान और अरमान को गिरफ्तार कर लिया। छात्रा के बयान पर भलस्वा डेयरी थाने में एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें स्टॉकिंग और एसिड अटैक के आरोप लगे। खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया। लोग महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाने लगे, और DelhiAcidAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लेकिन पुलिस को छात्रा के बयान में कई विरोधाभास नजर आए। आरोपी युवकों ने भी कहा कि वे घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे।
पुलिस ने गहन जांच शुरू की। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर कोई एसिड के निशान नहीं पाए। मेडिकल रिपोर्ट में भी जलन सतही बताई गई, जो घरेलू रसायनों से मेल खाती थी, न कि औद्योगिक एसिड से। पूछताछ के दौरान जितेंद्र की पत्नी ने काउंटर शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि वह 2021 से 2024 तक अकील खान की सॉक्स फैक्ट्री में काम करती थी। वहां अकील ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए, और आपत्तिजनक फोटो-वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। दो दिन पहले, यानी 24 अक्टूबर को, उसने पीसीआर कॉल पर यह शिकायत दर्ज कराई थी। अकील को समन भेजा गया, लेकिन वे फरार हो गए। पुलिस ने छात्रा को दोबारा बुलाया, और दबाव में उसने कबूल कर लिया कि यह सब फर्जी था। उसने बताया कि पिता ने कहा था कि जितेंद्र के परिवार को सबक सिखाना है। छात्रा ने घर से टॉयलेट क्लीनर की बोतल ली, ई-रिक्शा से उतरते ही अपने हाथों पर उड़ेल लिया, और चीखकर लोगों को बुला लिया। अकील ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने बेटी को उकसाया, ताकि ध्यान भटके और जितेंद्र को फंसाया जाए। पुरानी संपत्ति विवाद भी सामने आया, जहां अकील के रिश्तेदारों और जितेंद्र के परिवार के बीच जमीन का झगड़ा चल रहा था।
अकील खान की गिरफ्तारी सोमवार सुबह हुई। वे छिपे हुए थे, लेकिन पुलिस ने लोकेशन ट्रैक कर पकड़ा। स्पेशल सीपी (क्राइम) रविंदर यादव ने बताया कि अकील पर रेप, आईटी एक्ट के तहत ब्लैकमेल, और फर्जी शिकायत के लिए बीएनएस की धारा 318 (धोखाधड़ी) और 351 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज है। छात्रा पर भी फर्जी शिकायत के लिए कार्रवाई होगी। तीनों आरोपी युवकों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। जितेंद्र ने कहा कि वे निर्दोष हैं, और यह साजिश उनके परिवार को बदनाम करने की थी। पुलिस ने फैक्ट्री का छापा मारा, जहां आपत्तिजनक सामग्री मिली। अकील की पत्नी ने भी बयान दिया कि वे फैक्ट्री चलाते हैं, लेकिन विवादों से दूर रहते थे। लेकिन जांच में साफ हो गया कि अकील का गुस्सा रेप शिकायत पर था। उन्होंने सोचा कि एसिड अटैक का केस दर्ज होने से जितेंद्र जेल चला जाएगा, और उनका केस कमजोर पड़ जाएगा।
यह खुलासा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ट्विटर पर FakeAcidAttackDelhi ट्रेंड करने लगा। एक यूजर ने लिखा, 'फर्जी केस से असली पीड़ितों का क्या होगा? सख्त सजा दो।' विपक्षी नेता ने कहा कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। मीडिया चैनलों ने इसे प्रमुखता से दिखाया। एनडीटीवी, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, एबीपी न्यूज और न्यूज18 ने विस्तार से कवर किया। एक रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में एसिड अटैक के 50 से ज्यादा केस सालाना होते हैं, लेकिन फर्जी शिकायतें विश्वास कम करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में फोरेंसिक जांच जरूरी है। छात्रा अब सदमे में है, और काउंसलिंग दी जा रही है। उसके परिवार में तनाव है, क्योंकि अकील जेल में हैं। पड़ोस के लोग हैरान हैं कि कैसे एक पिता बेटी को ऐसा कदम उठाने को कह सकता है।
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