दीपिका पादुकोण की 8 घंटे शिफ्ट डिमांड पर सोनाक्षी सिन्हा का समर्थन: '14 घंटे का काम 8 घंटे में हो सकता है, हर किसी को अपने लिए समय चाहिए'।
बॉलीवुड में कामकाजी घंटों की बहस ने नया मोड़ ले लिया है। दीपिका पादुकोण की 8 घंटे शिफ्ट की मांग के बाद कई सितारे मैदान में उतर आए। कुछ ने इसे गलत ठहराया, तो कुछ ने खुलकर
बॉलीवुड में कामकाजी घंटों की बहस ने नया मोड़ ले लिया है। दीपिका पादुकोण की 8 घंटे शिफ्ट की मांग के बाद कई सितारे मैदान में उतर आए। कुछ ने इसे गलत ठहराया, तो कुछ ने खुलकर समर्थन किया। हाल ही में सोनाक्षी सिन्हा ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में दीपिका का साथ देते हुए कहा कि यह मांग बिल्कुल जायज है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सेट पर 14 घंटे का काम अगर संगठित तरीके से किया जाए तो 8 घंटे में पूरा हो सकता है। सोनाक्षी ने यह भी बताया कि उन्होंने ऐसे अभिनेताओं के साथ काम किया है जो 8 घंटे से ज्यादा नहीं काम करते, तो महिलाओं के लिए यह क्यों समस्या बने। यह बयान दीपिका के 'स्पिरिट' फिल्म से हटने के विवाद के बीच आया, जहां उन्होंने लंबे शिफ्ट्स, प्रॉफिट शेयरिंग और तेलुगु डायलॉग न बोलने की शर्तें रखी थीं। सोनाक्षी का यह स्टैंड न केवल कामकाजी महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करता है, बल्कि बॉलीवुड की पुरानी परंपराओं पर सवाल भी उठाता है। यह बहस अब इंडस्ट्री के हर कोने तक पहुंच चुकी है, जहां क्रू मेंबर्स से लेकर प्रोड्यूसर्स तक अपनी राय दे रहे हैं।
यह विवाद जून 2025 में तब भड़का जब रिपोर्ट्स आईं कि दीपिका पादुकोण संदीप रेड्डी वंगा की आगामी फिल्म 'स्पिरिट' से बाहर हो गईं। फिल्म में साउथ स्टार प्रभास मुख्य भूमिका में हैं और यह एक पैन-इंडिया प्रोजेक्ट है। दीपिका ने कथित तौर पर 8 घंटे शिफ्ट की मांग की, क्योंकि वे अब मां हैं और बेटी दुआ के साथ समय बिताना चाहती हैं। इसके अलावा, उन्होंने फिल्म के प्रॉफिट में हिस्सा और तेलुगु डायलॉग न बोलने की शर्त रखी। संदीप ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद दीपिका ने प्रोजेक्ट छोड़ दिया। इस खबर ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। कई पुरुष सितारों ने इसे 'डिवा बिहेवियर' कहा, जबकि महिलाओं ने दीपिका की हिम्मत की तारीफ की। अजय देवगन ने कहा कि लंबे शिफ्ट्स इंडस्ट्री का हिस्सा हैं, लेकिन काजोल ने समर्थन किया। अब सोनाक्षी का बयान बहस को और गहरा कर रहा है।
सोनाक्षी ने इंटरव्यू में साफ कहा, 'मैं पूरी तरह से इसके पक्ष में हूं। मैंने 15 साल से काम कर रही हूं और ऐसे अभिनेताओं के साथ काम किया है जो 8 घंटे से ज्यादा नहीं काम करते। तो महिलाओं के लिए यह क्यों अलग हो।' उन्होंने आगे जोड़ा, 'सेट पर जो 14 घंटे लगते हैं, वह अगर संगठित हो तो 8 घंटे में हो सकता है। क्रू हमसे पहले आता है और बाद में जाता है, लेकिन अभिनेता को भी अपना समय चाहिए।' सोनाक्षी ने अपनी आगामी फिल्म 'निकिता रॉय' का जिक्र किया, जहां वे फिटनेस पर फोकस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर रोल में फिटनेस जरूरी है तो जिम के लिए 2 घंटे निकालना पड़ता है। लंबे शिफ्ट्स में यह संभव नहीं। सोनाक्षी ने यह भी कहा कि प्रोजेक्ट की जरूरतों के हिसाब से एडजस्टमेंट हो सकता है। अगर जरूरी न हो तो 12-14 घंटे क्यों। वे खुशी से 10 घंटे दे सकती हैं, लेकिन बिना वजह नहीं। यह बयान दीपिका के 'स्पिरिट' से हटने को जायज ठहराता है। सोनाक्षी ने कहा कि दीपिका ने सही कारण से कदम उठाया।
दीपिका की मांग का बैकग्राउंड उनकी नई जिम्मेदारियों से जुड़ा है। सितंबर 2024 में रणवीर सिंह के साथ उनकी बेटी दुआ का जन्म हुआ। मां बनने के बाद दीपिका ने कई इंटरव्यू में कहा कि वे काम और परिवार के बीच बैलेंस चाहती हैं। बॉलीवुड में महिलाओं पर दोगुना दबाव होता है। शादी के बाद करियर प्रभावित होता है, फिर मां बनने पर और। दीपिका ने एक पॉडकास्ट में कहा कि वे अब वैल्यू बेस्ड चॉइसेज ले रही हैं। लंबे शिफ्ट्स में नींद पूरी न होना मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लंबे कामकाजी घंटे हृदय रोग और स्ट्रेस का कारण बनते हैं। बॉलीवुड में यह समस्या आम है। क्रू मेंबर्स 16-18 घंटे काम करते हैं, जो थकान और दुर्घटनाओं को जन्म देता है। दीपिका की मांग ने इस मुद्दे को उठाया।
इंडस्ट्री में प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं। कंगना रनौत ने कहा कि यह डिमांड प्रिविलेज्ड है। लेकिन तापसी पन्नू ने समर्थन किया, कहा कि संगठन से समय बचेगा। रवीना टंडन ने कहा कि पुरुष सितारे सालों से 8 घंटे काम करते हैं, महिलाओं को क्यों नहीं। सोनाक्षी का स्टैंड इनमें मजबूत है। वे कहती हैं कि यह जेंडर इक्वालिटी का सवाल है। सोनाक्षी ने अपनी शादी के बाद भी काम जारी रखा। जून 2024 में जाहिर इकबाल से शादी हुई, लेकिन वे 'हिरा मंडी' और 'कौन बनेगा क्रोपटी' में सक्रिय रहीं। उन्होंने कहा कि बैलेंस बनाना जरूरी है। अगर 8 घंटे काम करें तो प्रिपरेशन, रिहर्सल और फैमिली टाइम बचेगा। सोनाक्षी की फिल्म 'निकिता रॉय' 27 जून 2025 को रिलीज हो रही है, जहां वे सुपरनैचुरल थ्रिलर में हैं। उनके भाई कुश सिन्हा डेब्यू डायरेक्टर हैं।
यह बहस बॉलीवुड की वर्क कल्चर पर सवाल उठाती है। इंडस्ट्री में कोई फिक्स्ड शिफ्ट नहीं। प्रोड्यूसर्स कहते हैं कि लाइट्स, लोकेशन के कारण देरी होती है। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि प्लानिंग से सुधार हो सकता है। अमेरिका में सैग एक्ट से 8 घंटे शिफ्ट है। भारत में लेबर लॉ 9 घंटे कहता है, लेकिन क्रिएटिव फील्ड में अमल नहीं। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयी ने 12 घंटे लिमिट लगाई, लेकिन उल्लंघन आम है। दीपिका की मांग ने यूनियंस को सक्रिय किया। सोनाक्षी ने कहा कि क्रू को भी समय चाहिए। वे पहले आते हैं, बाद जाते हैं। अगर अभिनेता 8 घंटे करें तो क्रू का बोझ कम होगा। यह बदलाव इंडस्ट्री को सस्टेनेबल बनाएगा।
सोशल मीडिया पर बहस तेज है। ट्विटर पर #Deepika8HourShift ट्रेंड कर रहा। फैंस सोनाक्षी की तारीफ कर रहे। एक यूजर ने लिखा, 'सोनाक्षी ने सही कहा, महिलाओं को भी पुरुषों जैसा राइट्स मिलें।' एक अन्य ने कहा, '14 घंटे का काम 8 में, प्लानिंग की कमी है।' दीपिका के फैंस ने उनका साथ दिया। लेकिन कुछ ने कहा कि यह प्रोजेक्ट पर डिपेंड करता है। सोनाक्षी का इंटरव्यू वायरल हो गया। इंडिया टुडे ने इसे प्रमुखता से दिखाया। हिंदुस्तान टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया ने कवर किया। यह बहस अब हॉलीवुड तक पहुंची।
दीपिका का सफर प्रेरणादायक है। 'ओम शांति ओम' से डेब्यू, फिर 'पद्मावत', 'पठान' तक। वे लिव फॉर लाइफ फाउंडेशन चलाती हैं। मां बनने के बाद वे मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस कर रही हैं। सोनाक्षी भी 'दबंग' से स्टार बनीं। 'हिरा मंडी' में उनकी परफॉर्मेंस सराही गई। दोनों की दोस्ती पुरानी है। सोनाक्षी ने दीपिका की डिलीवरी पर बधाई दी थी। यह समर्थन उनकी एकजुटता दिखाता है।
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