नवी मुंबई में 10 वर्षीय बच्ची को मां ने पैसे के लालच में NRI के हवाले किया, एएचटीयू ने बचाया, दोनों गिरफ्तार। 

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 30 वर्षीय महिला ने अपनी 10 वर्षीय बेटी को पैसे के लालच में एक 70 वर्षीय NRI के हवाले

Nov 3, 2025 - 11:39
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नवी मुंबई में 10 वर्षीय बच्ची को मां ने पैसे के लालच में NRI के हवाले किया, एएचटीयू ने बचाया, दोनों गिरफ्तार। 
नवी मुंबई में 10 वर्षीय बच्ची को मां ने पैसे के लालच में NRI के हवाले किया, एएचटीयू ने बचाया, दोनों गिरफ्तार। 

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 30 वर्षीय महिला ने अपनी 10 वर्षीय बेटी को पैसे के लालच में एक 70 वर्षीय NRI के हवाले कर दिया। यह NRI लंदन में रहता है और भारत आने पर बच्ची का बार-बार यौन शोषण करता था। नवी मुंबई पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर बच्ची को सेक्स रैकेट के चंगुल से मुक्त कराया। इस मामले में पुलिस ने बच्ची की मां और NRI फारूक अल्लाउद्दीन शेख को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना दो वर्षों से चली आ रही थी, जिसमें आरोपी ने बच्ची को शराब पिलाकर शोषण किया। पुलिस ने आरोपी के फ्लैट से सेक्स टॉयज, वायग्रा की गोलियां, शराब की बोतलें और डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर जब्त किए। बच्ची को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के हवाले कर दिया गया है, जहां उसका काउंसलिंग और इलाज चल रहा है। यह मामला पॉक्सो एक्ट, आईपीसी की विभिन्न धाराओं और मानव तस्करी विरोधी कानून के तहत दर्ज किया गया है। घटना ने समाज में मानव तस्करी और बाल शोषण की गंभीर समस्या को फिर से उजागर कर दिया है।

यह दर्दनाक घटना तलोजा फेज दो इलाके में 30 अक्टूबर 2025 को उजागर हुई। नवी मुंबई पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के वरिष्ठ इंस्पेक्टर पृथ्वीराज घोरपड़े को 30 अक्टूबर को एक विश्वसनीय स्रोत से गुप्त सूचना मिली। सूचना के अनुसार, खारघर के कोपरगांव इलाके की एक महिला अपनी नाबालिग बेटी को तलोजा स्थित एक फ्लैट में भेज रही थी, जहां वह एक बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा यौन शोषण का शिकार हो रही थी। पुलिस ने तुरंत छापेमारी की योजना बनाई। जांच में पता चला कि आरोपी फारूक अल्लाउद्दीन शेख लंदन में रहने वाला NRI है, जो अमेरिकी सरकार से टैक्सी ड्राइवर के रूप में रिटायरमेंट के बाद 4000 पाउंड पेंशन लेता है। उसके दो बेटियां अमेरिका में सॉलिसिटर हैं और बेटा बैंकॉक में शादीशुदा है। शेख भारत आने पर तलोजा के एक फ्लैट में ठहरता था। बच्ची की मां घरेलू सहायिका का काम करती थी और उसी बिल्डिंग में काम करती थी। शेख ने मां को आर्थिक मदद का लालच दिया, जैसे मासिक राशन खरीदना और भारी डिपॉजिट पर घर किराए पर दिलवाना। इसके बदले मां बच्ची को उसके फ्लैट पर भेजती रही।

पुलिस के अनुसार, शोषण दो वर्षों से चल रहा था। शेख बच्ची को अपने फ्लैट पर बुलाता, शराब पिलाता और यौन शोषण करता। हाल ही में 27 अक्टूबर को बच्ची का जन्मदिन उसके फ्लैट पर मनाया गया, जहां शोषण हुआ। 30 अक्टूबर की रात मां ने फिर बच्ची को उसके पास भेजा। उसी रात एएचटीयू की टीम ने फ्लैट पर दबिश दी। छापेमारी के दौरान बच्ची को सुरक्षित बरामद किया गया। शेख को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। अगले दिन मां को भी पकड़ा गया। पूछताछ में बच्ची ने बताया कि शेख ने कई बार शोषण किया और उसे शराब पिलाई। पुलिस ने फ्लैट की तलाशी ली तो वहां चार सेक्स टॉयज, वायग्रा की गोलियां, शराब की बोतलें, डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर और बच्ची के कपड़े बरामद हुए। ये सामान शोषण के सबूत के रूप में जब्त किए गए। मां ने भी अपना अपराध कबूल किया कि आर्थिक तंगी के कारण उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने कहा कि मां ने जानते हुए भी अपराध में सहयोग किया, इसलिए वह भी मुख्य आरोपी है।

दोनों आरोपियों को पणवेल की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां पॉक्सो एक्ट के तहत पुलिस कस्टडी में चार नवंबर तक भेज दिया गया। बच्ची को तलोजा पुलिस ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सुपुर्द कर दिया, जो उसे एक सुरक्षित घर में रख रही है। वहां काउंसलर और डॉक्टर उसका मानसिक और शारीरिक इलाज कर रहे हैं। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 354 (महिला का अपमान), 370 (मानव तस्करी) और पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाई हैं। एएचटीयू के इंस्पेक्टर घोरपड़े ने बताया कि यह ऑपरेशन सूचना पर आधारित था। हमने बच्ची को समय पर बचा लिया, वरना हालात और बिगड़ सकते थे। पुलिस ने कहा कि शेख का परिवार विदेश में है, लेकिन जांच में उनके शामिल होने की कोई बात नहीं मिली। एक अधिकारी ने बताया कि शेख की एक बेटी की भी 10 वर्षीय बेटी है, जो इस घटना की विडंबना को दर्शाती है। मां का पति पहले ही छोड़ चुका था, और वह अकेले ही परिवार चला रही थी।

यह घटना नवी मुंबई में मानव तस्करी और बाल यौन शोषण की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है। नवी मुंबई एक विकसित शहर है, लेकिन यहां प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी है, जो आर्थिक तंगी का शिकार होती है। एएचटीयू ने इस साल कई ऐसे मामले सुलझाए हैं। जुलाई 2025 में उन्होंने एक ऑनलाइन सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसमें नौ आरोपी गिरफ्तार हुए और आठ महिलाओं को बचाया गया। अप्रैल में मुंबई के अंधेरी में 15 वर्षीय लड़की को एक महिला के चंगुल से मुक्त किया। अगस्त में वसई में 12 वर्षीय बांग्लादेशी लड़की को बचाया, जहां 200 पुरुषों ने तीन महीनों में शोषण किया। ये मामले दिखाते हैं कि तस्करी का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला है। विशेषज्ञों का कहना है कि गरीबी और जागरूकता की कमी मुख्य कारण हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2024 में भारत में 50 हजार से ज्यादा बाल यौन शोषण के मामले दर्ज हुए, जिनमें से 40 प्रतिशत नाबालिग लड़कियां थीं। महाराष्ट्र में यह संख्या 5000 से ऊपर है।

नवी मुंबई पुलिस ने इस घटना के बाद जागरूकता अभियान तेज करने का फैसला किया है। एएचटीयू प्रमुख ने कहा कि हम स्कूलों और झुग्गी इलाकों में वर्कशॉप चलाएंगे। एनजीओ के साथ मिलकर हेल्पलाइन नंबर 1098 को प्रचारित करेंगे। स्थानीय लोग सदमे में हैं। एक पड़ोसी ने कहा कि मां को देखकर कभी शक नहीं हुआ। वह सामान्य लगती थी। बच्ची स्कूल जाती थी, लेकिन अक्सर बीमार रहती। अब पता चला कि यह शोषण का असर था। सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जहां लोग पुलिस की तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि एएचटीयू जैसे यूनिट समाज के रक्षक हैं। एक अन्य ने कहा कि मां का अपराध सबसे घृणित है। विपक्षी नेता ने विधानसभा में मामला उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार बाल सुरक्षा कानूनों को सख्ती से लागू करे।

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