हिन्दू धर्म में विशेष महत्व का पर्व है मकर संक्रांति, प्रकृति भी करती है सृष्टि में परिवर्तन, जानें इसकी परंपरा के बारे में

मकर संक्रांति के दिन दान देना काफी शुभ माना जाता है इस दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी का दान करना अच्छा होता है। इससे रिश्तों में मिठास बढ़ती है साथ ही पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन तर्पण करने से घर में पितृदोष दूर होता है,साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। मकर संक्रां...

Jan 14, 2025 - 09:25
Jan 14, 2025 - 09:30
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हिन्दू धर्म में विशेष महत्व का पर्व है मकर संक्रांति, प्रकृति भी करती है सृष्टि में परिवर्तन, जानें इसकी परंपरा के बारे में

मकर संक्रांति विशेष 14 जनवरी

मकर संक्रांति का त्योहार हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस पर्व को सभी उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन खिचड़ी का विशेष महत्त्व है। मकर संक्रांति का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी है। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे उत्तरायण की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन को पुण्य प्राप्ति, स्नान, और दान का दिन माना जाता है।हर तरह के पकवान और मिठाइयों से भगवान को भोग लगाया जाता है।साथ ही घरों की सजावट की जाती हैं।आप भी मकर संक्रांति के दिन रंगोली के ये डिजाइन बना सकते हैं। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है जो कि नई फसल और किसानों से जुड़ा हुआ है। इस पर्व को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों और परंपराओं से मनाया जाता है। उत्तर भारत में खिचड़ी तो दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु में पोंगल नाम से यह पर्व मनाते हैं। गुजरात में उत्तरायण का पर्व मनाया जाता है। 

मकर संक्रांति के दिन दान देना काफी शुभ माना जाता है इस दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी का दान करना अच्छा होता है। इससे रिश्तों में मिठास बढ़ती है साथ ही पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन तर्पण करने से घर में पितृदोष दूर होता है,साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। मकर संक्रांति त्‍योहार की शुरुआत हिंदू पुराणों से जुड़ी हुई है, जिसमें कहा गया है कि संक्रांति नामक देवी ने मकर संक्रांति के एक दिन बाद राक्षस संकरासुर का वध किया था, जिसे करिडिन या किंक्रांत भी कहा जाता है। इस पर्व का न सिर्फ धार्मिक महत्व है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। कहते हैं मकर संक्रांति के दिन ही गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जा मिली थी। इसकी कारण मकर संक्रांति के पवित्र दिन पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा ये पर्व मौसम में बदलाव का भी प्रतीक भी माना जाता है। मकर संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है, जो पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन से ऋतु परिवर्तन की शुरुआत भी होती है। मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर यह पर्व मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि इसका संबंध विज्ञान, कृषि और सामाजिक जीवन से भी है। मकर संक्रांति को नई ऊर्जा, नई फसल, और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

पीएम मोदी ने सभी को शुभकामनाएं दीं और एक्स पर लिखा कि 

सभी देशवासियों को मकर संक्रांति की अनेकानेक शुभकामनाएं। उत्तरायण सूर्य को समर्पित यह पावन उत्सव आप सबके जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे।

वहीं सीएम योगी ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर वीडियो पोस्ट किया और लिखा कि मकर संक्रांति की प्रदेश वासियों, सभी पूज्य संतों, श्रद्धालुजनों व भक्तों को हार्दिक बधाई! यह जगतपिता सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक उत्सव है।

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