Lucknow: काली कमाई का जरिया बना सफेदपोश हुक्मरानों और भूमाफियाओं का खेल...
भूमाफिया किसानों की जमीन को पहले औने-पौने दामों में खरीद लेते हैं। फिर नियम विरुद्ध बिना नक्शा व आवासीय प्लाट दर्ज कराए प्रति प्लाट लाखों रुपये में बेचते हैं।

मुख्य बिंदु:-:
- सभी प्लाटिंग में कमीशन बंधा हुआ है लेकिन आगे इसका खामियाजा भूखंड खरीदने वाले लोगों को भुगतना पड़ना तय है।
- किसानों की जमीन को पहले औने-पौने दामों में खरीद लेते हैं। फिर नियम विरुद्ध बिना नक्शा व आवासीय प्लाट दर्ज कराए प्रति प्लाट लाखों रुपये में बेचते हैं।
- आईआईएम रोड, सैरपुर, रैथा रोड, कठवारा, सीतापुर रोड पर बीएनसीटी कालेज के पीछे, रुदही, भौली आदि सहित आसपास इलाकों में प्लाटिंग का खेल चल रहा है।
INA News Lucknow.
राजधानी के बीकेटी तहसील क्षेत्र में इस समय अवैध प्लाटिंग का खेल बेखौफ चल रहा है। इसमें तहसील प्रशासन, एलडीए और रजिस्ट्री कार्यालय से साठगांठ कर माफिया करोड़ों रुपये की काली कमाई कर रहे हैं।गत महीने पहले एलडीए ने अवैध प्लाटिंग में लिप्त कई कारोबारियों को नोटिस दी है और कई प्लाटिंग पर बुलडोजर चलवाया है। इसके बावजूद अभी चंद्रिका देवी रोड सहित मुख्य मार्गों के किनारे सैकड़ों भूखंडों को प्लाटिंग कर बेचा जा रहा है। तहसील क्षेत्र में करीब एक दर्जन से ज्यादा भूमाफिया सक्रिय हैं, जो अवैध प्लाटिंग का खेल खुलेआम खेल रहे हैं। किसानों की जमीन को पहले औने-पौने दामों में खरीद लेते हैं। फिर नियम विरुद्ध बिना नक्शा व आवासीय प्लाट दर्ज कराए प्रति प्लाट लाखों रुपये में बेचते हैं। इस प्लाटिंग के खेल में एलडीए के अवर अभियंता और स्थानीय लेखपाल भी शामिल हैं।
जानकार बताते हैं कि सभी प्लाटिंग में कमीशन बंधा हुआ है। लेकिन आगे इसका खामियाजा भूखंड खरीदने वाले लोगों को भुगतना पड़ना तय है। क्षेत्र में आईआईएम रोड, सैरपुर, रैथा रोड, कठवारा, सीतापुर रोड पर बीएनसीटी कालेज के पीछे, रुदही, भौली आदि सहित आसपास इलाकों में प्लाटिंग का खेल चल रहा है। इन्हें बिना आवासीय दर्ज कराए और नक्शा बनवाए धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इस अवैध प्लाटिंग पर जब शिकायतों के बाद प्रशासन का दबाव पड़ता है, तो कुछ को नोटिस देकर फर्ज अदायगी कर ली जाती है। पिछले महीने लखनऊ विकास प्राधिकरण ने चंद्रिका देवी रोड पर भवानीपुर गांव में स्थित पर्वतपुर चौराहे के पास आवासीय योजना हो रहे अवैध निर्माण को रोककर नोटिस दिया था। लेकिन वहां दोबारा फिर काम शुरू हो गया।
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ऐसा प्लाट ले रहे हैं तो हो जाइए सावधान...
बीकेटी क्षेत्र में चल रही प्लाटिंग में लगभग 90 प्रतिशत का नक्शा पास नहीं है। साथ ही यह प्लाटिंग मानक भी पूरा नहीं कर रही है। ऐसे में जो लोग प्लाट लेने जा रहे हैं या ले चुके हैं दोनों खतरे में हैं। प्लाट बेचने वाले दलाल और भूमाफिया ने आप को बहला-फुसलाकर रजिस्ट्री करा दी। पर न तो जमीन की कीमत के मुताबिक स्टांप लगाए और ना ही कृषि योग्य जमीन को आवासीय जमीन में परिवर्तित कराया। ऐसे में आप भले ही घर बनवा चुके हो, पर कभी भी प्रशासन का एक नोटिस आपके घर को गिराने के लिए काफी है। सरकार को भी यह माफिया करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं।
प्लाटिंग के नियम...
नियम के मुताबिक प्लाटिंग में 30 फीट चौड़ी सड़क होनी चाहिए। भूखंडों के बीच में पार्क होना चाहिए। सीवेज सिस्टम होना चाहिए। कृषि जमीन को आवासीय में परिवर्तित होनी चाहिए। एलडीए का नक्शा अनिवार्य है। लेकिन यहां तो भूमाफिया किसान से एग्रीमेंट कराकर सड़क डालते हैं और सीधे प्लाटिंग चालू कर देते हैं।
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