Agra News: संगीतमय प्रस्तुतियों से महाकवि सूरदास को दीं काव्यमयी श्रद्धांजलियां, 547 वीं जयंती पर काव्य रस की धार बही

मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस कमिश्नर आगरा दीपक कुमार (IPS) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाकवि सूरदास की वैश्विक ख्याति है, उनके द्वारा रचित काव्य हिन्दी साहित्य की अमू...

May 3, 2025 - 01:12
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Agra News: संगीतमय प्रस्तुतियों से महाकवि सूरदास को दीं काव्यमयी श्रद्धांजलियां, 547 वीं जयंती पर काव्य रस की धार बही

शीरोज हैंग आउट में आयोजित हुआ कार्यक्रम, पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार थे मुख्यतिथि

By INA News Agra.

अमृता विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसाइटी और छांव फाउंडेशन ने सूरदास की 547 वीं जयंती के अवसर महाकवि को उनकी काव्यमयी श्रद्धांजलियां के साथ "सबसे ऊंची प्रेम सगाई" आयोजन के साथ स्मरण किया किया गया। फतेहाबाद रोड के होटल और पर्यटन क्षेत्र में स्थित ‘शीरोज हैंग आउट ‘ रेस्टोरेंट में शुक्रवार 2 मई को संपन्न हुए कार्यक्रम में महाकवि सूरदास जी के प्रेम और वात्सल्य भाव से भरपूर काव्य को मौजूदा दौर में और भी अधिक प्रासंगिक बताते हुए वक्ताओं ने बृज साहित्य की अमूल्य निधि बताया।मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस कमिश्नर आगरा दीपक कुमार (IPS) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाकवि सूरदास की वैश्विक ख्याति है, उनके द्वारा रचित काव्य हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि है। खुशी की बात है कि आगरा के लोगों के द्वारा अनवरत याद किये जाने की परंपरा को बनाया हुआ है।

प्रख्यात गजल गायक सुधर नारायन ने कहा कि वर्तमान समय में सूरदास भजन "सबसे ऊँची प्रेम सगाई" बहुत प्रासंगिक है। यदि हम कबीर, खुसरो आदि को देखें तो उन्होंने भी प्रेम की बात की। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत काल से ब्रजवासी "वसुधैव कुटुम्बकम" में विश्वास करते हैं और अब तो इसकी वैश्विक स्वीकार्यता है।उन्होंने कहा कि देश विदेश में गजल और काव्य संबधी कार्यक्रमों में जहां भी अवसर मिला है सूरदास और आगरा के अन्य साहित्यकारों की रचनाओं को प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि वह इन महान साहित्य सृजकों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए युवा गायकों को प्रशिक्षित एवं प्रोत्साहित कर रहे हैं। अपने विचारों के साथ ही सुधीर नारायन ने सूरदास जी की भगवान कृष्ण की लीलाओं और भक्ति साहित्य से संबंधित भजन 1. सब से ऊँची प्रेम सगाई; 2.उधो मन ना भाए दस बीस, एक हुतो सो गयो श्याम संग को अवराधे ईस; 3. कहन लगे मोहन मैया मैया, पिता नन्द सो बाबा बाबा ; 4.रे मन मूरख जन्म गवायो कर अभिमान विषय सों रच्यो ; 5 चरण कमल बन्दों हरि राइ, जाकी कृपा पंगु गिरि लांघे ; 6. मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो; 7. अब तो नाच्यो बहुत गोपाल आदि कई उत्कृष्ट काव्यमयी प्रस्तुतियां कीं।

अदिति शर्मा, खुशी सोनी, गति सिंह, दीप्ति यादव, हर्षित पाठक, अमन शर्मा, अक्षय प्रताप सिंह, सुरेश राजपूत, राज मैसी, राजू पांडे, देश दीप शर्मा, रिंकू चौरसिया आदि ने भी अपनी सरस प्रस्तुतियों और वाद्य वादन आदि से आयोजन को संगीत और काव्यमय बनाये जाने में सहयोग दिया।

  • सूरदास जी की विरासत

उल्लेखनीय है कि महाकवि सूरदास जी की कर्मभूमि रुनकता स्थिति यमुना नदी तटीय गऊघाट रही है, जहां उनका निवास रही सूर कुटी मौजूद है। यहां सूर स्मारक मंडल के द्वारा यमुना रिवर फ्रंट पर सूर श्याम मंदिर और सूरदास की विशाल प्रतिमा बनवायी हुई है। सूरदास जी का स्वामी वल्लभाचार्य से मिलन का स्मृति स्थल ‘चबूतरा’ अब भी मौजूद है।

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'चौरासी वैष्णवन की वार्ता' में सूर का जीवनवृत्त गऊघाट पर हुई वल्लभाचार्य से उनकी भेंट का विवरण उल्लेखित है। उल्लेखों के अनुसार सूरदास जी वल्लभाचार्य से भेंट होने तक वैराग्य भावना से प्रेरित होकर पतितपावन हरि की दैन्य पूर्ण दास्य भाव की भक्ति में अनुरक्त थे जबकि इस भेंट के बाद आपनी दिव्य दृष्टि और अध्यात्म चेतना से कृष्ण की लीलाओं से न केवल परिचित हुए उन्हें संगीतमय सृजित भी किया। 

  • आगे भी कार्यक्रम होंगे

अमृत विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसाइटी के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि सूरदास जी आगरा की पहचान हैं, इसे अनवरत बनाये रखने के लिये सूर साहित्य और बृज साहित्य से संबंधित अनवरत आयोजन होते रहना उन्होंने कहा कि "सबसे ऊंची प्रेम सगाई" अपने किस्म की नई शुरुआत है, उम्मीद है कि इसे साहित्यिक गतिविधि के रूप में अनवरत जारी रखा जा सकेगा। का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में विशिष्ट अवसर है कि हम सूरदास- आगरा के गौरव को याद कर रहे हैं। हमें शीरोज हैंगआउट कैफे और कुंदन साबुन द्वारा समर्थित किया गया था।उन्होंने कहा कि संस्था ने शीरोज हैंग आउट के सहयोग से हर साल सूरदास जयंती मनाने का फैसला किया है। हम ऐसे कार्यक्रमों का एक कैलेंडर बनाएंगे ताकि हम मानवीय अनुभूतियों के इन महान वाहकों को याद करने का मंच बन सकें। आगरा ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है, लेकिन हम विरासत को बनाए रखने और शहर और ब्रज को सही श्रेय देने में सक्षम नहीं हैं।आज के प्रोग्राम में सुमित रमन, रेणुका डंग, डॉ ज्ञान प्रकाश, अरुण डंग, अशोक चौबे, डॉ डी वि शर्मा, डॉ मधु भारद्वाज, रुनु दत्ता, कांति नेगी, ब्रिग विनोद दत्ता, अवधेश उपाध्य, असलम सलीमी, मजाज़ उद्दीन, अमीर अहमद जाफरी, अनिल अरोरा, विधु दत्ता, रुचिरा माथुर, सैफ हस्सन, वैश्वी तालन, हरीश कुमार सिंह भदौरिया, विशाल रियाज़, अनिल जसावत, शिव दयाल शर्मा, हर्ष मित्तल, प्रमिला शर्मा, रिनेश मित्तल, वंशिका शर्मा, सारिका सिंह, ज्योति खंडेलवाल, विशाल झा आदि उपस्थित रहे। सुशील सरितसुशिल ने कार्यक्रम का संचालन किया और अनिल शर्मा ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया. अमृत विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी सोसाइटी ( Amrita Vidya- education for Immortality ) और छांव फाऊंडेशन (Chhanv Foundation ) की ओर से आशीष शुक्ला ने कार्यक्रम में सहभागिता के लिये मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर आगरा, साहित्यकारों, कवियों और संगीतकारों का आयोजन में सहभागिता के लिये आभार व्यक्त किया।

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