MP News: समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों में उड़ाई जा रही शासन के नियमों की धज्जियां, किसानों के लिए नही लगाए कहीं भी टेंट।
भीषण गर्मी में नही है पेयजल की व्यवस्था और स्वल्पाहार भी नही हो रहा किसानों को नसीब ,जिम्मेदार अधिकारी लगे अधिनस्थों को बचाने में,मौके से गायब रहते है केंद्र प्रभारी ,अर्दलियों के भरोसे उपार्जन केंद्र....

रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में शासन के निर्देश पर किसानों को सुविधा पहुँचाने की दृष्टि से प्रतिवर्षानुसार खरीदी केंद्र बनाए गए है जिले में 64 खरीदी केंद्रों पर लगभग 22 हजार एमटी गेंहू की खरीदी की जा चुकी है पर शासन के निर्देश अनुसार गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के लिए उचित व्यवस्थाएं नदारद नजर आ रही है जब हमारे द्वारा खरीदी केन्द्रों का स्वयं मूल्यांकन किया गया तब पाया कि किसानों के लिए टेंट की व्यवस्था जो कि होनी चाहिए वो कहीं भी नजर नही आई साथ ही पीने के पानी की कोई पर्याप्त व्यवस्था उपार्जन केन्द्रों पर नजर नही आई किसान भीषण गर्मी में वेयरहाउस में अपनी कृषि उपज बेचने को मजबूर है।
जब हमारे द्वारा आठवां मिल पर प्राथमिक सहकारी समिति जामठी द्वारा पटेल वेयरहाउस में चल रही खरीदी में जाकर देखा गया तो 50 किलो की जगह किसानो से बोरे के वजन के नाम 560 ग्राम लिया जाना चाहिए उसकी जगह पर 50 किलो 800 ग्राम से लेकर 51 किलो तक कि भर्ती करके किसानों के साथ खुली लूट की जा रही है वहीं मौके पर स्वल्पाहार के लिए व्यवस्था के निर्देश शासन से है पर जब पानी की ही पर्याप्त व्यवस्था नही है तो चाय नास्ता तो दूर की बात हो गई मौके पर प्रभारी भी मौजूद नही है जिनकी देखरेख में खरीदी की जाना है अर्दलियों के भरोसे छोड़े जा रहे खरीदी केंद्र अधिकारी एसी दफ्तर में बैठकर कर रहे निरीक्षण किये जाने की बात इस मामले को लेकर हमारे द्वारा जब नोडल अधिकारी से चर्चा की गई।
तो उनका कहना था सभी केंद्रों पर व्यवस्था की गई है जहां नही है आप नाम बताइए हम जांच टीम भेजेंगे जबकि चर्चा यह भी है कि साहब खरीदी केन्द्रों पर जाते है सिर्फ अपना काम सीधा करने के लिए किसानों को लेकर कोई उदासीनता नजर नही आ रही है जिसके चलते शासन की योजना का कोई फायदा किसानों को मिल ही नही पा रहा है अब देखना यह होगा कि जिले के कलेक्टर इस मामले में संज्ञान लेकर उपार्जन केंद्रों की जांच करवाते है या इसी तरह किसान उपार्जन केंद्रों पर भूखे प्यासे परेशान होते रहेंगे और प्रभारी घर बैठे मौज उड़ाते रहेंगे।
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