Agra News: ताज लिटरेचर क्लब ने आंग्ल नव वर्ष पर सरस्वती पूजा और काव्य संध्या का किया आयोजन 

सुप्रसिद्ध कवि अंगद धारिया, कवयित्री अनुपमा दीक्षित ने भी मंत्र मुग्ध कर देने वाली कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम में गौरव शर्मा, अलका सिंह शर्मा, अजय कौशल, ओमप्रकाश अग्रवाल, महक, शरद जैन, जगन प्रसाद तेहरिया, प्रमोद उपाध्याय, टोनी फा....

Jan 1, 2025 - 22:55
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Agra News: ताज लिटरेचर क्लब ने आंग्ल नव वर्ष पर सरस्वती पूजा और काव्य संध्या का किया आयोजन 

By INA News Agra.

ताज लिटरेचर क्लब द्वारा आज 1 जनवरी 2025 को आंग्ल नव वर्ष के अवसर पर ताज लिटरेचर क्लब कार्यालय बेलनगंज पर नव वर्ष की शुरुआत सरस्वती पूजा एवं काव्य संध्या से की गई। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि बृजेश शर्मा, संस्था के संस्थापक इंजीनियर राजकुमार शर्मा, लालाराम तैगोरिया, अध्यक्ष भावना वरदान शर्मा द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके की गई। कार्यक्रम में बाल कवयित्री माही द्वारा शिव तांडव प्रस्तुत किया गया। उसके पश्चात ब्रजभाषा के वरिष्ठ कवि डॉ राम प्रकाश चतुर्वेदी ने ब्रजभाषा में छंद प्रस्तुत किए।सुप्रसिद्ध कवि अंगद धारिया, कवयित्री अनुपमा दीक्षित ने भी मंत्र मुग्ध कर देने वाली कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम में गौरव शर्मा, अलका सिंह शर्मा, अजय कौशल, ओमप्रकाश अग्रवाल, महक, शरद जैन, जगन प्रसाद तेहरिया, प्रमोद उपाध्याय, टोनी फासटर, के लाल, नरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के महासचिव सुरेश शर्मा ने किया। अनुपमा दीक्षित ने इन पंक्तियों को सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

ताटंक छंद पर प्रयास 

लिखती थी श्रृंगार आज तक, और नहीं लिख पाऊँगी।
गीतों में नारी की व्यथा अब, खुलकर मैं गा पाऊँगी।
चेहरे पर मुस्कान सजाकर, झूठा ढोंग नहीं होगा। 
स्त्री को लज्जित करने वाला, कोई खेल नहीं होगा। 
                                        - अनुपमा दीक्षीत
जिसको भूल जमाना जाए 
मैं ऐसी किरदार नहीं हूँ।

सबको देती मान बराबर
ठोकर की हकदार नहीं हूँ

इज्जत खातिर मैं मिट जाऊं 
औरत हूँ लाचार नहीं हूँ।

मेरे अहसासों को पढ़ लो 
मैं बासी अखबार नही हूँ।।

वक़्त पड़े तो गर्दन काटू 
सिर्फ गले का हार नही हूँ।
                                         - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

सुप्रसिद्ध हिंदी कवि डॉ अंगद सिंह धरिया ने भी कार्यक्रम में शिरकत की और अपने चिर परिचित अंदाज में गीत और कविताएं प्रस्तुत की।

घर घर दीये घीये के बांटे, ताकि उजाला हर घर हो, 
किन्तु वही घर वारे मुझको अंधियारे दे जाते हैँ।
मेरी नादानी पर हंसते, इठलाते हैँ खडे खडे,
एक हम है उनकी बातों को, हंसते हंसते सह जाते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी ब्रजेश शर्मा ने कहा साहित्य का अर्थ ही है समाज को समृद्ध करना। साहित्यकार पर दायित्व है कि वह सामाजिक और नैतिक मूल्यों को जनमानस द्वारा आत्मसात करने के लिए प्रेरित करता रहे जिसमें महिला सम्मान सर्वोपरि है। अलका सिंह शर्मा ने कहा ताज लिटरेचर क्लब ने निश्चित रूप से प्रदेश के साहित्यिक जगत को समृद्ध किया है नवोदित हस्ताक्षरों और वरिष्ठ कवियों का समागम करने के लिए निरंतर कार्यक्रम किए हैं। आगरा के साहित्यिक जगत में ताज लिटरेचर क्लब के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। संस्था ने पिछले 10 वर्षों में निरंतर देश भर के कवियों को मंच प्रदान किया है। ब्रजभाषा के कवि डॉ राम प्रकाश चतुर्वेदी ने ब्रज भाषा में रचित पंक्तियों से श्रोताओं का मन मोह लिया।

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