अमेरिका में भारतीय मूल के टेलीकॉम उद्यमी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर 500 मिलियन डॉलर के ऋण घोटाले का आरोप, ब्लैकरॉक की HPS ने दाखिल किया मुकदमा।
अमेरिका के वित्तीय जगत में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें भारतीय मूल के टेलीकॉम उद्यमी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,200 करोड़ रुपये) के ऋण
अमेरिका के वित्तीय जगत में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें भारतीय मूल के टेलीकॉम उद्यमी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,200 करोड़ रुपये) के ऋण धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मभट्ट ने अपनी कंपनियों ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस के जरिए फर्जी ग्राहक खाते और इनवॉइस बनाकर अमेरिकी ऋणदाताओं से बड़े कर्ज लिए। इनमें दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक की प्राइवेट क्रेडिट शाखा HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स शामिल है। HPS ने ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर मुकदमा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि यह धोखाधड़ी इतनी व्यापक है कि इसे 'ब्रेथटेकिंग' (विस्मयकारी) कहा जा सकता है। ब्रह्मभट्ट ने आरोपों का खंडन किया है और अपने वकील के जरिए कहा है कि ये 'गलतफहमी' हैं। घटना के बाद ब्रह्मभट्ट और उनकी कंपनियों ने अगस्त 2024 में दिवालिया याचिका दायर की। जांचकर्ताओं का मानना है कि ब्रह्मभट्ट अमेरिका छोड़कर भारत चले गए हो सकते हैं। यह मामला प्राइवेट क्रेडिट मार्केट की बढ़ती धोखाधड़ी को उजागर कर रहा है, जहां हाल ही में कई कंपनियां इसी तरह फंस चुकी हैं।
बंकिम ब्रह्मभट्ट गुजरात के अहमदाबाद के मूल निवासी हैं और अमेरिका में 30 साल से टेलीकॉम क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे बैंकाई ग्रुप के संस्थापक हैं, जो वैश्विक टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करता है। उनकी कंपनियां यूएस, यूरोप और एशिया में काम करती हैं। ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस व्होलसेल वॉइस और डेटा ट्रैफिक की मध्यस्थता करती हैं। ब्रह्मभट्ट की कंपनियां न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में स्थित हैं। वे कैरिऑक्स कैपिटल II और बीबी कैपिटल एसपीवी जैसी निवेश इकाइयों से जुड़े हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, HPS ने सितंबर 2020 में ब्रह्मभट्ट की एक फाइनेंसिंग इकाई को पहला कर्ज दिया। शुरुआत में 385 मिलियन डॉलर का निवेश था, जो अगस्त 2024 तक 430 मिलियन डॉलर हो गया। फ्रेंच बैंक बीएनपी परिबास ने HPS के साथ साझेदारी में इन कर्जों का वित्तपोषण किया। कुल मिलाकर, ऋणदाताओं का दावा है कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियां 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज चुकाने के लिए बाध्य हैं।
आरोपों के केंद्र में फर्जी अकाउंट्स रिसीवेबल हैं। ब्रह्मभट्ट की कंपनियों ने कर्ज के बदले ग्राहकों से बकाया राशि को गिरवी रखा। लेकिन जांच में पता चला कि ये ग्राहक खाते और इनवॉइस जाली थे। HPS के एक कर्मचारी ने जुलाई 2024 में ईमेल एड्रेस में अनियमितता देखी। ये ईमेल फर्जी डोमेन से थे, जो असली टेलीकॉम कंपनियों की नकल थे। HPS ने ब्रह्मभट्ट से सवाल किए लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि सब ठीक है। उसके बाद ब्रह्मभट्ट ने कॉल्स और ईमेल का जवाब देना बंद कर दिया। HPS ने क्विन इमैनुएल नामक कानूनी फर्म और सीबीआईजेड को जांच सौंपी। जांच में पाया गया कि पिछले दो सालों में हर ग्राहक ईमेल जाली था। कुछ अनुबंध 2018 के भी फर्जी निकले। उदाहरण के लिए, बेल्जियन टेलीकॉम कंपनी बीआईसीएस ने पुष्टि की कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों से कोई संबंध नहीं। उन्होंने इसे 'कन्फर्म्ड फ्रॉड अटेम्प्ट' कहा। कर्ज की राशि को भारत और मॉरीशस के ऑफशोर खातों में डायवर्ट किया गया।
HPS ने अगस्त 2024 में मुकदमा दायर किया। इसमें कहा गया कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियां दिवालिया हो गईं क्योंकि वे वास्तविक व्यवसाय नहीं चला रही थीं। ब्रॉडबैंड टेलीकॉम, ब्रिजवॉइस, कैरिऑक्स कैपिटल II और बीबी कैपिटल एसपीवी ने चैप्टर 11 दिवालिया याचिका दायर की। उसी दिन ब्रह्मभट्ट ने व्यक्तिगत दिवालिया दाखिल किया। HPS का नुकसान 430 मिलियन डॉलर का है। बीएनपी परिबास ने 220 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया। ब्लैकरॉक ने HPS को 2025 की शुरुआत में खरीदा था, जो प्राइवेट क्रेडिट मार्केट में विस्तार का हिस्सा था। यह घोटाला ब्लैकरॉक के लिए संवेदनशील समय पर आया। लेकिन कंपनी ने कहा कि इसका बैलेंस शीट पर सीमित असर होगा। ब्रह्मभट्ट के वकील ने आरोपों को 'मिसप्लेस्ड' बताया। कहा कि व्यवसाय वैध था और कोई धोखाधड़ी नहीं। ब्रह्मभट्ट का लिंक्डइन प्रोफाइल हटा दिया गया। जांचकर्ताओं का शक है कि वे भारत भाग चुके हैं।
यह घोटाला प्राइवेट क्रेडिट मार्केट की बढ़ती समस्याओं को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बाजार में धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। हाल ही में ऑटो पार्ट्स मेकर फर्स्ट ब्रांड्स और ऑटो डीलर ट्रिकलर इसी तरह दिवालिया हुए। इनमें भी फर्जी इनवॉइस का इस्तेमाल हुआ। प्राइवेट क्रेडिट बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जहां पारदर्शिता कम है। ऋणदाता छोटे व्यवसायों को कर्ज देते हैं लेकिन सत्यापन कमजोर होता है। ब्लैकरॉक जैसी बड़ी कंपनियां इसमें निवेश बढ़ा रही हैं। लेकिन यह मामला नियामकों की नजर में आ गया। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) और फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) जांच कर सकते हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा कि यह प्राइवेट क्रेडिट का सबसे बड़ा आरोपित घोटाला है।
ब्रह्मभट्ट का बैकग्राउंड दिलचस्प है। वे 1990 के दशक में अमेरिका आए। बैंकाई ग्रुप की स्थापना की, जो वैश्विक टेलीकॉम सेवाएं देता। उनकी कंपनियां गार्डन सिटी, न्यूयॉर्क में स्थित। वे एनआरआई उद्यमी के रूप में जाने जाते थे। लेकिन अब यह छवि दागदार हो गई। जांच में पता चला कि कंपनियां वास्तविक राजस्व नहीं उत्पन्न कर रही थीं। फर्जी ग्राहक ईमेल और अनुबंध से कर्ज लिया। ऑफशोर खाते में फंड ट्रांसफर से पैसा छिपाया। बीएनपी परिबास ने चुप्पी साधी। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया कि वे सह-वित्तपोषक थे। ब्लैकरॉक ने कहा कि मामला अदालत में है। रिकवरी के प्रयास जारी। ब्रह्मभट्ट के वकील ने कहा कि आरोप गलत हैं। लेकिन सबूत मजबूत लग रहे।
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