Special Article: नवोन्मेष ही भारत के विकास की नींव है।
विश्व पटल पर भारत आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक सभी वर्जनाओं को पार करते हुए अपनी सशक्त पहचान बना चुका
| भावना वरदान शर्मा लेखिका, विचारक, कोलमिस्ट एवं सोशल एक्टिविस्ट |
नमस्कार मित्रों ,
विश्व पटल पर भारत आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक सभी वर्जनाओं को पार करते हुए अपनी सशक्त पहचान बना चुका है। भारत आज वैश्विक स्तर पर अपने बदले हुए स्वरूप के साथ विश्व के सामने है
और विश्वगुरु बनने की राह पर है।
प्रश्न उठता है कि किस प्रकार भारत बदलते परिदृश्य में विश्व का नेतृत्व करेगा। हमारे संकल्पों ,आशाओं और सपनों का भारत किस प्रकार विश्व में एक वैश्विक शक्ति के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा। भारतीय सभ्यता विश्व की सबसे पुरातन संस्कृतियों में से एक है , अब डिजिटल युग में किस प्रकार भारत नई तकनीक, नव कौशल और नवीन ऊर्जा के साथ तालमेल बनाएगा।
- स्वामी विवेकानंद और नवोन्मेष का सिद्धांत
जब नवीनीकरण की बात आती है तो नवोन्मेष के सिद्धांत पर बात होती है। भारतवर्ष के लिए गौरव की बात है कि नवोन्मेष का नारा भारतभूमि के ही एक संत के द्वारा प्रतिपादित किया गया था। संपूर्ण विश्व में सनातन वैदिक संस्कृति और वेदांत दर्शन का प्रचार-प्रसार करने वाले युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में नवोन्मेष का नारा ही तो नारा दिया था। उन्होंने कहा "उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए।"
उन्होंने नवोन्मेष के सिद्धांत को परिभाषित करते हुए एक शक्तिशाली संदेश दिया कि "आप मुझे सौ युवा दे दीजिए तो कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं है जो प्राप्त न किया जा सके।" उन्होंने युवाओं को अपने कौशल और परिश्रम से लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया। हमारे लिए गौरव की बात है कि नवोन्मेष ,नव ऊर्जा, नवचेतना का संदेश विश्व को देने वाले स्वामी विवेकानं हमारी भारत भूमि के ही संत थे।
- युवा शक्ति विकास का आधार
यह सत्य है किसी भी राष्ट्र की असली शक्ति उसके देशवासी होते हैं। हमारे संकल्पों और आशाओं के भारत को हमारे नागरिकों के परिश्रम और संकल्प शक्ति से ही प्राप्त किया जा सकता है। हमारे छात्र , हमारे युवा, हमारे किसान , चिकित्सक , वैज्ञानिक, महिलाएं और समाज के पायदान पर पिछड़े हुए हमारे भाई-बहन ही हमारे राष्ट्र निर्माता हैं। शिक्षा ,चिकित्सा ,कृषि एवं उद्योगों के विकास के आधार पर ही एक आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की नींव रखी जा सकती है. हमारी नई पीढ़ी के नव कौशल ,नव तकनीक और नई ऊर्जा द्वारा ही नए भारत का निर्माण हो सकेगा।
- औधोगीकरण और नवोन्मेष
एमएसएमई के क्षेत्र में नए प्रयोग, नई तकनीक और नव कौशल का प्रयोग कर औधोगीकरण के क्षेत्र में नए आयाम ढूंढे जा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए आर्थिक रूप से सशक्त और उन्नत भारत का निर्माण करना होगा।
- डिजीटल भारत
यह डिजिटल टेक्नोलॉजी का युग है जहां हमारे फोन के स्क्रीन पर ही पल भर में हर जानकारी और तकनीक उपलब्ध है। हम डिजिटल भारत में प्रवेश कर चुके हैं जहां इनफॉरमेशन की सहायता से युवा एक्सपर्टीज प्राप्त कर सकते हैं। संचार की तकनीक यदि इनफॉरमेशन देती है तो डिस्ट्रैक्शन भी देती है। युवाओं को इस डिस्ट्रैक्शन और भटकाव से बचना है और अपने फोकस और ऊर्जा को स्किल डेवलपमेंट में लगाना है।
युवाओं में राष्ट्र निर्माण की भावना होनी चाहिए। शिक्षा और नई डिजिटल तकनीक की सहायता से युवा नए संकल्पों को प्राप्त कर सकते हैं । सूचना क्रांति के माध्यम से इस डिजिटल युग में शिक्षा को भी डिजिटल रूप में सशक्त किया गया है।
- नव कौशल, नव तकनीक,नवाचार और युवा
यह बहुत हर्ष का विषय है कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी हमेशा नई तकनीक और नए इनोवेशन को प्रोत्साहित करते हैं। अपने एक भाषण में वे कहते हैं कि दुनिया को जीरो का कॉन्सेप्ट देने वाला भारत आज इंफिनिटी इनोवेशन की धरती बन रहा है । आज भारत इन्नोवेटिव ही नहीं कर रहा बल्कि इंडोवेट कर रहा है यानी इन्नोवेटिव द इंडियन वे । इनोवेशन से हम सॉल्यूशन बना रहे हैं जो अफॉर्डेबल एक्सेसिबल और एडेप्टेबल हैं। वह अपने भाषणो में लगातार नव कौशल और तकनीक पर बात करके युवाओं को प्रेरित करते हैं। यह हर्ष का विषय है कि सरकार छोटे शहरों में जो छोटे उद्योग हैं उन्हें भी बढ़ावा दे रही है । नए स्टार्टअप्स के लिए बहुत सारी संभावना है ।
आज हमने विश्व को यूपीआई जैसी पीपल फ्रेंडली टेक्नोलॉजी दी है , वैश्विक महामारी के समय विश्व को क्वालिटी हेल्थ केयर सॉल्यूशन के रूप में कोविड वैक्सीन दिया है। भारत स्पेस में भी नए कीर्तिमान स्थापित करके नए प्रयोग कर रहा है। भारत एआई फॉर पब्लिक गुड्स पर बात कर रहा है तो एआई और पब्लिक गुड्स की जहां बात आती है मैं बता दूं एआई का प्रयोग हेल्थ केयर, डिजास्टर मनेजमेंट यानि आपदा सुरक्षा प्रणाली और जीवन को सुगम बनाने वाली बहुत सी अन्य सेवाओं के रूप में किए जाने को एआई फार पब्लिक गुड कहा जाता है।
- भारत एक इनोविटिव सेटर
प्राचीन समय से ही भारत आविष्कारों का जनक रहा है। आज पश्चिमी देश भी भारतीय संस्कृति का अनुकरण करते हुए हॉलिस्टिक लाइफ और होलिस्टिक हेल्थ या बैक टू बेसिक की बात कर रहा है। योग और ओरगैनिक प्रोडक्ट्स की बात हो रही है , ये हमारी ही संस्कृति की देंन है।
एआई इनोवेशन और गगनयान जैसे मिशन भारत को विकास पथ पर अग्रसर कर रहे है । विश्व की 11वीं इकोनामी से आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है और हमारे युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा और परिश्रम के द्वारा वह दिन दूर नहीं जब शीघ्र ही भारत तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के रूप में विश्व के सामने स्थापित होगा।
- शिक्षा का विस्तार
युवाओं के लिए प्रोफेशनल फील्ड में बहुत संभावनाए पैदा हुई हैं । शिक्षा के विस्तार की बात करें तो हाल ही में मेडिकल में 10000 आईआईटी में 6500 , 500 अटल टिंकरिंग लैब, एआई स्किल सेंटर द्वारा युवाओं को फ्यूचर रेडी बनाने का प्रयास किया जा रहा है । कॉलेजेस से पॉसिबिलिटीज की राह खोली जा रही है। 10, 000 नई रिसर्च फैलोशिप से इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। महिला एंटरप्रेन्योर्स के लिए 2 करोड़ के लोन की सुविधा है। युवा आगे बढ़ेंगे तभी भारत में विकास के पथ पर अग्रसर होगा। नवाचार को प्रोत्साहित करने से ही बिजनेस मॉडल का विकास होगा। स्टार्टअप के क्षेत्र में प्रयोगधर्मिता और रिस्क टेकिंग एबिलिटी को प्रोत्साहित किया जा रहा है । इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा व्यापार ,कृषि हर क्षेत्र में भारत ने नई ऊंचाइयों को छू रहा है । चाहे सड़कें हों या एयरपोर्ट टर्मिनल, विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन, इंडस्ट्रियल हब नए आयाम स्थापित कर रहे हैं । नवाचार के माध्यम से ही नए बिजनेस मॉडल ऑफ और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की संभावनाएं निकलती हैं।नवाचार के माध्यम से हम अपनी नव ऊर्जा को नव चेतना को नव कौशल को विकसित करके एक नए भारत का निर्माण कर सकते हैं जो हमारे संकल्पों सपनों और आशाओं का भारत होगा। एक स्वर्णिम भारत होगा।
जयहिंद
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