दक्षिण दिल्ली के छतरपुर से जब्त हुई 328 किलो मेथामफेटामाइन, मूल्य 262 करोड़; NCB-दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दो गिरफ्तार।
दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में छिपे एक बड़े नशीले पदार्थों के कार्टेल का पर्दाफाश हो गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल
दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में छिपे एक बड़े नशीले पदार्थों के कार्टेल का पर्दाफाश हो गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छतरपुर एनक्लेव के एक फ्लैट से 328.54 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाली मेथामफेटामाइन जब्त की, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य करीब 262 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस के तहत तीन दिनों की गहन जांच के बाद की गई। दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक नागालैंड की महिला शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सफलता पर एनसीबी और दिल्ली पुलिस को बधाई दी और कहा कि सरकार ड्रग कार्टेलों को अभूतपूर्व गति से तोड़ रही है।
यह कार्रवाई 20 नवंबर 2025 की रात को शुरू हुई। एनसीबी को एक मुखबिर से गुप्त सूचना मिली कि छतरपुर के एक फार्महाउस में संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं। मुखबिर वारीस ने बताया कि एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह मेथामफेटामाइन की बड़ी खेप को पैक कर विदेश भेजने की तैयारी कर रहा है। एनसीबी की ऑपरेशंस ब्रांच ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मिलकर तुरंत छापेमारी की योजना बनाई। पहले फार्महाउस की तलाशी ली गई, जहां से सुराग मिले। फिर 20 नवंबर की रात छतरपुर एनक्लेव के एक फ्लैट पर दबिश दी गई। फ्लैट के अंदर कई पैकेट्स में भरी मेथामफेटामाइन मिली। यह ड्रग उच्च शुद्धता वाली थी, जो मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बाजारों के लिए तैयार की जा रही थी। एनसीबी के अधिकारियों ने बताया कि यह दिल्ली में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी जब्ती है।
गिरफ्तार लोगों में एक महिला है, जो नागालैंड से है। उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया। नागालैंड पुलिस के सहयोग से उसे हिरासत में लिया गया। फ्लैट उसी का था, जहां ड्रग्स छिपाई गई थीं। दूसरा आरोपी गिरोह का स्थानीय सदस्य है। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह विदेश से संचालित हो रहा है। इसका किंगपिन विदेश में छिपा है, जो एनसीबी के पुराने एक मामले में भी वांछित है। 2024 में दिल्ली से 82.5 किलोग्राम कोकीन जब्ती के मामले में उसका नाम आया था। एनसीबी अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर किंगपिन की प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चला रही है। अधिकारियों ने कहा कि गिरोह का नेटवर्क म्यांमार, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया तक फैला था। मेथामफेटामाइन को 'आइस' या 'क्रिस्टल मेथ' के नाम से जाना जाता है, जो नशे की लत लगाने वाली और जानलेवा ड्रग है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 23 नवंबर को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इस कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने लिखा, "हमारी सरकार ड्रग कार्टेलों को अभूतपूर्व गति से तोड़ रही है। ड्रग जांच में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर का दृष्टिकोण अपनाते हुए नई दिल्ली में 328 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त की गई, जिसका मूल्य 262 करोड़ रुपये है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। एनसीबी और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम को बधाई।" शाह ने इसे सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का प्रमाण बताया। गृह मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा कि यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी पर आधारित था। पिछले कुछ महीनों से इस गिरोह पर नजर रखी जा रही थी। मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की कि नशीली दवाओं की बिक्री की जानकारी माणस हेल्पलाइन नंबर 1933 पर दें।
मेथामफेटामाइन एक सिंथेटिक उत्तेजक ड्रग है, जो मस्तिष्क पर गहरा असर डालती है। यह नशेड़ियों को अस्थायी ऊर्जा देती है लेकिन लंबे समय में हृदय रोग, मानसिक विकार और मौत का कारण बनती है। भारत में इसका इस्तेमाल पार्टी कल्चर और युवाओं में फैल रहा है। एनसीबी के अनुसार, 2025 में देशभर से 5000 टन से ज्यादा ड्रग्स जब्त हो चुकी हैं। दिल्ली-एनसीआर एक बड़ा हब है, जहां विदेशी गिरोह सक्रिय हैं। छतरपुर जैसे पॉश इलाके में फ्लैट किराए पर लेकर ड्रग्स स्टोर की जाती हैं। यह जब्ती ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में जाने वाली खेप को रोकने में सफल रही। एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ने कहा कि यह कार्रवाई गिरोह के पूरे चेन को तोड़ेगी।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने भी अपनी भूमिका निभाई। एसएसपी ने बताया कि मुखबिर की मदद से तीन दिनों में ऑपरेशन पूरा किया। फ्लैट में पैकिंग मशीनें और वाहन भी मिले। आरोपी पूछताछ में टूट रहे हैं। गिरोह का लिंक मणिपुर और नागालैंड के बॉर्डर एरिया से है, जहां ड्रग्स का उत्पादन होता है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग से किंगपिन को जल्द पकड़ा जाएगा। यह मामला एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज है, जिसमें सख्त सजा का प्रावधान है। आरोपी को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
यह घटना देश के ड्रग विरोधी अभियान को मजबूत करेगी। सरकार ने 2024 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को नई शक्तियां दीं। अमित शाह ने कई मौकों पर कहा कि ड्रग्स युवा पीढ़ी का दुश्मन हैं। 2025 में गुजरात, पंजाब और दिल्ली में कई बड़ी जब्तियां हुईं। छतरपुर की यह कार्रवाई उनमें सबसे बड़ी है। स्थानीय लोग हैरान हैं कि पॉश इलाके में ऐसी गतिविधियां हो रही थीं। पड़ोसियों ने बताया कि फ्लैट में कभी-कभी संदिग्ध लोग आते-जाते थे, लेकिन किसी ने शक नहीं किया। पुलिस ने इलाके में सतर्कता बढ़ा दी है।
सोशल मीडिया पर अमित शाह की पोस्ट को लाखों लोगों ने देखा। लोग सरकार की तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि ड्रग कार्टेलों पर लगाम लग रही है। दूसरे ने कहा कि युवाओं को बचाने के लिए यह जरूरी है। एनसीबी की वेबसाइट पर हेल्पलाइन का जिक्र बढ़ गया। विशेषज्ञ कहते हैं कि ड्रग तस्करी को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना होगा। म्यांमार बॉर्डर पर निगरानी मजबूत हो। स्कूलों में जागरूकता अभियान चलें। यह जब्ती एक चेतावनी है कि कानून सबको पकड़ेगा।
दिल्ली में ड्रग्स का खतरा बढ़ रहा है। पार्टीज, क्लब्स और ऑनलाइन बिक्री से युवा फंस रहे। एनसीबी ने 2025 में 1000 से ज्यादा मामले दर्ज किए। छतरपुर जैसी जब्ती से गिरोह डरेंगे। आरोपी महिला नागालैंड से दिल्ली आई थी। वह गिरोह की मिडलमैन थी। पूछताछ से और सुराग मिल रहे। किंगपिन का नाम गोपनीय रखा गया। प्रत्यर्पण के लिए इंटरपोल को सूचना दी गई।
यह सफलता एनसीबी के लिए मील का पत्थर है। ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस सिंथेटिक ड्रग्स पर केंद्रित था। सरकार का लक्ष्य 2047 तक ड्रग फ्री इंडिया। अमित शाह ने कहा कि ऊपर से नीचे तक जांच होगी। यह कार्रवाई उसी का नतीजा है। दिल्ली पुलिस के जवानों ने रातभर ड्यूटी की। मुखबिर को इनाम मिलेगा। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी।
What's Your Reaction?