Sambhal: अगर संविधान है तो हम जिंदा हैं, सम्भल में संविधान दिवस पर सपा कार्यकर्ताओं ने लिया संविधान रक्षा का संकल्प।
सम्भल के सरायतरीन पक्का बाग स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पर संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व
उवैस दानिश, सम्भल
सम्भल: बुधवार को सम्भल के सरायतरीन पक्का बाग स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पर संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फिरोज़ खाँ ने किया। इस दौरान पक्का बाग स्थित अम्बेडकर पार्क में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।
फिरोज़ खाँ ने कहा कि आज पूरे देश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता संविधान दिवस मना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन संसद से लेकर सड़कों तक संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगर संविधान है तो हम जिंदा हैं। इसकी रक्षा हमारा संकल्प है और इसके लिए किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहब अंबेडकर का बनाया संविधान गरीबों, दलितों, मजलूमों और बेगुनाहों के लिए हमेशा न्याय का आधार रहा है और न्यायपालिका से लोगों को आज भी उम्मीद व भरोसा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश की राजनीति आने वाले समय में संविधान के मार्गदर्शन में ही आगे बढ़ेगी। संविधान दिवस पर सपा कार्यकर्ताओं ने संविधान बचाने की लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में अकील खाँ, रामरहिस यादव, हाजी यासीन, मोनिस, नादिर, जबर सिंह यादव, गुलाम मुस्तफा, गौरव यादव, सलीम, अजय कुमार सागर, सुहैल अली, अब्बास खाँ, आरिफ खाँ, विरेश यादव, राजेश यादव समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
वहीं सपा जिला सचिव के आवास पर संविधान दिवस के अवसर पर एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सईद अख्तर ने बोलते हुए कहा कि भारत देश के सभी नागरिकों के लिए 26 नवंबर 1949 का दिन बड़ी प्रतिष्ठा सम्मान और गर्व का दिन है इस दिन हमने अंग्रेजों के शासन से मुक्ति पाई थी उस समय भारत देश को चलाने के लिए कोई कानून नहीं था आजादी मिलने के बाद एक संविधान का आयोजन किया गया उसे समय डॉ. भीमराव अंबेडकर जो बहुत शिक्षित थे उनके द्वारा संविधान को भारत के समाज के अनुरूप बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई गई इस प्रकार हर वर्ग को भारत का एक अपना संविधान मिला। आज 75 वर्ष बाद संविधान सभी धर्म जाति द्वारा समान रूप से स्वीकार्य है देश में सभी वर्गों को समानता का अधिकार है।
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