दो साल सभी विकास रोकें, सारे मजदूरों को लगाएं सीमा पर : भारत में चीन जैसी महान दीवार बनवाएं – अश्वनी उपाध्याय
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् की जिला इकाई ने संविधान दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर में विचार गोष्ठी का
हरदोई। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् की जिला इकाई ने संविधान दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बांग्लादेश व नेपाल से लगातार हो रही घुसपैठ को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो वर्ष तक सभी विकास कार्य रोककर भारत की सीमा पर चीन की महान दीवार जैसी मजबूत दीवार बनाने की मांग की।
मुख्य वक्ता एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने लगभग पैंतालीस मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से प्रतिदिन हजारों लोग अवैध तरीके से भारत में घुस रहे हैं। ये लोग वोटर लिस्ट में नाम लिखवा रहे हैं, आधार कार्ड बनवा रहे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। इससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि अगर दो साल के लिए सभी विकास कार्य रोक दिए जाएं और सारे मजदूरों को सीमा पर दीवार बनाने में लगा दिया जाए तो इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।
विशिष्ट अतिथि आनंद शुक्ल (राष्ट्रीय परिषद् सदस्य, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद्) और अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अश्वनी त्रिपाठी ने भी दस-दस मिनट बोला। दोनों ने घुसपैठ को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए केंद्र सरकार से तुरंत कड़े कदम उठाने की मांग की।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता देश रत्न सिन्हा (उच्च न्यायालय लखनऊ) ने कहा कि संविधान की रक्षा तभी संभव है जब देश की सीमाएं सुरक्षित हों। उन्होंने भी दीवार बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रानी साहिबा कटियारी अस्पताल के चेयरमैन डॉ. एस के सिंह ने की। संचालन प्रांतीय कोषाध्यक्ष पी सी राय ने किया।
इस मौके पर अधिवक्ता परिषद् हरदोई इकाई के उपाध्यक्ष सुनीत बाजपेई, ओम निवेदन वर्मा, हरिप्रीत कौर, आशुतोष राठौर, महामंत्री राहुल सिंह, मंत्री ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, रोहित द्विवेदी, अनुराधा अग्रवाल सहित सैकड़ों अधिवक्ता व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।कार्यक्रम के अंत में सभी ने घुसपैठ रोकने और सीमा पर मजबूत दीवार बनाने के लिए केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया। अधिवक्ताओं ने एक स्वर में नारा लगाया – “भारत माता की जय, सीमा पर दीवार बनाओ, घुसपैठियों को भगाओ।”
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