Ayodhya : अयोध्या में 44वें रामायण मेले का रंगारंग शुभारंभ, रामभक्ति और संस्कृति का अनुपम मिलन
रसिक पीठाधीश्वर जनमेजय शरण जी महाराज ने सभापति की आसन से कहा कि यह रामायण मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि अयोध्या की आत्मा का वार्षिक उत्सव
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में आज से 44वें रामायण मेले का भव्य आगाज़ हो गया। रामायण मेला समिति के तत्वावधान में आयोजित इस ऐतिहासिक आयोजन की शुरुआत महंत मिथिलेश नंदनी शरण ने संत तुलसीदास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की।
रसिक पीठाधीश्वर जनमेजय शरण जी महाराज ने सभापति की आसन से कहा कि यह रामायण मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि अयोध्या की आत्मा का वार्षिक उत्सव और रामभक्ति की जीवंत परंपरा है। इस अवसर पर वार्षिक मुखपत्र ‘तुलसी दल’ पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया। हरे रामदास जी उदासीन की विश्वविख्यात मंडली द्वारा प्रस्तुत मनमोहक रामलीला ने उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं की आँखें नम और मन को आनंद से भर दिया।
कार्यक्रम में समिति के संरक्षक पूर्व सांसद डॉ. निर्मल खत्री, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास, नागा रामलखन दास, पेड़ा महाराज नंद कुमार मिश्रा, एसएन सिंह, प्रभात शर्मा, महंत शरद पति त्रिपाठी, डॉ. जनार्दन उपाध्याय, रामशरण दास रामायणी, श्रीनिवास पोद्दार, सरदार सुरेंद्र सिंह बग्गा, संयोजक आशीष मिश्रा तथा मुख्य आयकर आयुक्त डॉ. शिखा दरबारी सहित सैकड़ों संत-महंत और रामभक्त मौजूद रहे। मंच का संचालन कमलेश सिंह ने किया।
महंत मिथिलेश नंदनी शरण ने कहा, “रामायण मेला अयोध्या की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। यह हमें केवल रामकथा नहीं सुनाता, बल्कि जीवन जीने के राममय आदर्श भी सिखाता है।” आगामी दिनों में देश-विदेश की ख्यात मंडलियों द्वारा रामलीला, भजन-संध्या और प्रवचन श्रृंखला जारी रहेगी।
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