Lucknow : सीएम ने ODOP- 2.0 के सम्बन्ध में समीक्षा की, कहा- ’ODOP’ और ’ODOC’ योजनाएं मिलकर प्रदेश को ’लोकल से ग्लोबल’ की दिशा में नई गति देंगी
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में ओ0डी0ओ0पी0-2.0 के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनप
मुख्यांश-
- उ0प्र0 की पहचान बन चुकी ’एक जनपद एक उत्पाद योजना’ आगामी चरण ODOP- 2.0 के माध्यम से स्थानीय उद्योग, स्वरोजगार और निर्यात को नई ऊंचाई देने के लिए तैयार : सीएम
- ODOP- 2.0 के माध्यम से सरकार का लक्ष्य होगा कि प्रदेश के पारम्परिक उत्पाद बड़े बाज़ार, निर्यात और स्थायी रोजगार का मजबूत आधार बनें
- प्रत्येक जनपद की विशिष्ट खाद्य परम्परा को एक संगठित पहचान देने की दिशा में ’एक जनपद-एक व्यंजन’ (ODOC) की अवधारणा को साकार करने की आवश्यकता
- ODOP उत्पाद प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध, राज्य के कुल निर्यात में इनका योगदान 50 प्रतिशत से अधिक
- ODOP योजना को लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका
- ODOP से जुड़े कॉमन फैसिलिटी सेण्टरों को अब और अधिक उपयोगी बनाया जाएगा
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्राण्ड उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी ’एक जनपद एक उत्पाद योजना’ अब अपने आगामी चरण ODOP- 2.0 के माध्यम से स्थानीय उद्योग, स्वरोज़गार और निर्यात को नई ऊंचाई देने के लिए तैयार है। बदलते वैश्विक बाजार, आधुनिक मांग, तकनीकी उन्नयन, गुणवत्ता और पैकेजिंग की नई आवश्यकताओं को देखते हुए ODOP को अब और अधिक व्यापक, व्यावसायिक और परिणामोन्मुखी स्वरूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। ODOP- 2.0 के माध्यम से सरकार का लक्ष्य होगा कि प्रदेश के पारम्परिक उत्पाद बड़े बाजार, निर्यात और स्थायी रोजगार का मजबूत आधार बनें।
सीएम आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में ODOP- 2.0 के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने कहा कि प्रत्येक जनपद की विशिष्ट खाद्य परम्परा को संगठित पहचान देने की दिशा में ’एक जनपद एक व्यंजन’ (ODOC) की अवधारणा को साकार करने की आवश्यकता है। ’एक जनपद एक व्यंजन’ योजना प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा से जुड़ाव रखने वाली होगी। प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में खान-पान की कुछ न कुछ विशिष्ट परम्पराएं हैं। कहीं हलवा अच्छा है, तो कहीं दालमोठ। प्रत्येक जनपद के विशेष व्यंजनों की मैपिंग कर उनकी गुणवत्ता, स्वच्छता, पैकेजिंग, ब्राण्डिग और विपणन को सुदृढ़ किया जाए। ’ODOP’ और ’ODOC’ योजनाएं मिलकर प्रदेश को ’लोकल से ग्लोबल’ की दिशा में नई गति देंगी।
सीएम को अवगत कराया गया कि वर्ष 2018 में प्रारम्भ ODOP योजना उत्तर प्रदेश के निर्यात और स्थानीय उद्योगों की रीढ़ बन चुकी है। अब तक 1.25 लाख से अधिक टूलकिट तथा 06 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया जा चुका है। 08 हजार से अधिक उद्यमियों को प्रत्यक्ष विपणन सहायता दी गई है। प्रदेश में तीस साझा सुविधा केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं। 44 ODOP उत्पादों को अब तक जियो टैग प्राप्त हो चुके हैं। ODOP उत्पाद प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। राज्य के कुल निर्यात में इनका योगदान 50 प्रतिशत से अधिक है। ODOP योजना को लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
सीएम ने कहा कि ODOP- 2.0 केवल एक योजना नहीं, बल्कि स्थायी रोजगार, स्थानीय उद्यम और निर्यात को नई ऊँचाई देने का सशक्त माध्यम बने। उन इकाइयों और उद्यमियों को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, जिन्होंने पहले चरण में उत्कृष्ट कार्य किया है, ताकि वे अपने व्यवसाय का और अधिक विस्तार कर सकें। योजनाओं को इस तरह आगे बढ़ाया जाए कि तकनीक, पैकेजिंग, गुणवत्ता और बाजार सहित चारों मोर्चों पर उत्तर प्रदेश के उत्पाद सशक्त रूप में स्थापित हो सकें।
सीएम को अवगत कराया गया कि ODOP से जुड़े कॉमन फैसिलिटी सेण्टरों को अब और अधिक उपयोगी बनाया जाएगा। सीएम ने कहा कि कॉमन फैसिलिटी सेण्टरों के साथ विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि छोटे उद्यमियों को तकनीकी परामर्श, डिज़ाइन, पैकेजिंग और उत्पादन से जुड़ा पूरा सहयोग एक ही स्थान पर सुलभ हो सके।
सीएम ने कहा कि ODOP उत्पादों को केवल पारम्परिक बाजारों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें बड़े रीटेल नेटवर्क और आधुनिक बाजारों से जोड़ा जाए। देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित हो रहे यूनिटी मॉल में ODOP योजना को समर्पित केन्द्र बनाए जाएं। सभी प्रतिष्ठित रीटेल नेटवर्क के साथ संवाद कर यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां उत्तर प्रदेश के उत्पाद प्रमुख रूप से प्रदर्शित हों।
सीएम को अवगत कराया गया कि ODOP उत्पादों की गुणवत्ता और पहचान को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए उन्हें प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से प्रमाणन और ब्राण्ड मूल्य प्रदान किया जाएगा, जिससे वैश्विक बाजार में उत्तर प्रदेश के उत्पाद विशिष्ट पहचान बना सकें।
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