UP के कृषकों के लिए 01-07 अगस्त 2025 हेतु मौसम आधारित कृषि परामर्श

दक्षिणी-पश्चिमी अर्द्धशुष्क मैदानी क्षेत्रों और भाभर तराई क्षेत्र के पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र के उत्तरी भाग में औसत साप्ताहिक वर्षा सामान्य के आस

Aug 1, 2025 - 23:14
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UP के कृषकों के लिए 01-07 अगस्त 2025 हेतु मौसम आधारित कृषि परामर्श
UP के कृषकों के लिए 01-07 अगस्त 2025 हेतु मौसम आधारित कृषि परामर्श

UP कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की वर्ष 2025-26 की ग्यारहवीं बैठक डॉ. राजर्षि कुमार गौड़, उपमहानिदेशक (आर.पी.एम.सी.) की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मौसम पूर्वानुमान के आधार पर किसानों के लिए 01-07 अगस्त, 2025 के लिए फसल प्रबंधन और कृषि कार्यों से संबंधित सुझाव दिए गए।

सप्ताह का मौसम पूर्वानुमान (01-07 अगस्त, 2025)

  • वर्षा का वितरण:

    • दक्षिणी-पश्चिमी अर्द्धशुष्क मैदानी क्षेत्रों और भाभर तराई क्षेत्र के पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र के उत्तरी भाग में औसत साप्ताहिक वर्षा सामान्य के आसपास।

    • अन्य कृषि जलवायु अंचलों में वर्षा सामान्य से अधिक।

  • चेतावनी:

    • उत्तरी तराई और सटे मध्यवर्ती क्षेत्रों में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना।

फसल प्रबंधन और कृषि सुझाव

1. धान की खेती

  • वैकल्पिक फसलें: कम वर्षा वाले क्षेत्रों में धान की जगह बाजरा, उर्द, मूंग, या तिल की बुआई करें। बाजरे के साथ मूंग/उर्द/लोबिया की सहफसली खेती अपनाएं।

  • सुगंधित धान: पूर्वी UP में सुगंधित धान की रोपाई अगस्त के प्रथम पक्ष में करें।

  • खरपतवार नियंत्रण: रोपाई के 15-20 दिन बाद बिसपाईरीबैक सोडियम 10% एस.सी. (0.2 लीटर/500 लीटर पानी) का छिड़काव करें।

2. दलहनी और तिलहनी फसलें

  • बुआई: उर्द, मूंग, और तिल की अनुशंसित किस्मों की बुआई करें।

  • जल निकास: जलभराव से बचें, उचित जल निकास की व्यवस्था करें।

  • बुंदेलखंड: संकेन बेड विधि से मूंग/तिल/मूंगफली की सह-फसली खेती करें।

3. मक्का

  • फॉल आर्मी वर्म: क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5% एस.सी. (0.5 मिली/लीटर), इमामेक्टिन बेनजोइट (0.4 ग्राम/लीटर), या थायोमेथाक्सॉम 2.6% + लैम्बडासाइहैलोथ्रिन 9.5% (0.5 मिली/लीटर) का छिड़काव करें।

4. गन्ना

  • पाइरीला कीट: प्राकृतिक परजीवी होने पर नमी बनाए रखें, अन्यथा इमिडाक्लोप्रिड (0.3 मिली/लीटर) का छिड़काव करें।

  • माइट कीट: प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% (750 मिली/625 लीटर/हेक्टेयर) का छिड़काव करें।

5. प्याज

  • खरीफ प्याज की पौध रोपाई के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह लें।

6. जल संरक्षण

  • मेड़बंदी करें और तालाबों/पोखरों में वर्षा जल संरक्षित करें।

7. कीट और रोग नियंत्रण

  • प्रकाश-प्रपंच, फेरोमोन ट्रैप, ट्राइकोग्रामा, और ट्राइकोडर्मा का उपयोग करें।

8. फलदार वृक्ष

  • आम, अमरूद, लीची, आंवला, बेल, जामुन, नींबू, आदि की उन्नत किस्मों का रोपण करें।

  • आम के बाग में 10% परागण किस्में (बम्बई ग्रीन, गौरजीत, लखनऊ सफेदा) रोपित करें।

9. पशुपालन

  • खुरपका और मुखपका (FMD) का निःशुल्क टीकाकरण कराएं।

10. मत्स्य पालन

  • तालाब में फिंगरलिंग (6,000-8,000/एकड़) या ईयरलिंग (2,000-4,000/एकड़) डालें।

11. टसर रेशम कीट पालन

  • विशुद्धीकरण और अन्य कार्य पूर्ण करें।

मौसम जानकारी के स्रोत

यह परामर्श किसानों को मौसम के अनुरूप कृषि कार्यों की योजना बनाने और जोखिम कम करने में सहायता करेगा। स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों और मौसम विभाग के संसाधनों का उपयोग करें।

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