वि. उपचुनाव से पहले बीजेपी को लगा बड़ा झटका, विजय बहादुर सपा में शामिल।

- अखिलेश यादव ने कई नेताओं को दिलाई सदस्यता, डिजिटल अटेंडस के फैसले को निरस्त करने की मांग
लखनऊ। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर यादव ने अपने कई साथियों के साथ समाजवादी पार्टी में वापसी की है, जिसके बाद विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि विजय बहादुर यादव काफी समय से सपा के संपर्क में थे. विजय बहादुर यादव के सपा में शामिल होने को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं, भाजपा की मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ज्ञात हो कि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 13 जिला पंचायत सदस्यों का बहुमत जरूरी था। सपा ने पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय लक्ष्मी को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार घोषित किया था। वहीं, भाजपा की ओर से आरती रावत प्रत्याशी बनीं थी। विजय बहादुर यादव की करीबी आरती रावत 13 सदस्यों का समर्थन पाकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थी। क्रॉस वोटिंग में सपा के दो सदस्यों ने भाजपा को वोट किया था। विजय बहादुर यादव और उसके बाद उनकी पत्नी माया यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
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अखिलेश यादव की विजय बहादुर यादव से नाराजगी इस चुनाव के बाद और बढ़ गई थी। शिवपाल सिंह यादव के करीबी विजय बहादुर यादव ने पिछले दिनों दो बार अखिलेश यादव से मुलाकात की थी लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने सपा में वापसी की है. बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यालय में विजय बहादुर यादव को पार्टी की सदस्यता दिलाई। विजय बहादुर यादव पिछले जिला पंचायत चुनाव के पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। पहली बार लखनऊ में भाजपा का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में विजय बहादुर यादव की अहम भूमिका थी।
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