हरदोई न्यूज़: शिव चरित्र को जानने वाला ही रामकथा के मर्म को समझ सकता है: आचार्य राधे गोविंदाचार्य महराज

हरदोई। ग्राम नेवलिया विकास खण्ड सुरसा में शिव कृपा सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित हो रही 7 दिवसीय रामकथा के दूसरे दिन आचार्य राधे गोविंदाचार्य जी महाराज ने बताया कि शिव चरित्र को जानने वाला ही रामकथा के मर्म को समझ सकता है।महाराज जी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस में शिव कथा के प्रंसग का बहुत सुंदर वर्णन किया है भगवान शिव का व्यक्तित्व इतना विराट है कि उसका समग्र चित्र प्रस्तुत कर पाना असंभव हैं।
भोलेनाथ वास्तव में वह सत्ता हैं जिनकी महिमा को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। आचार्य जी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने शिव चरित्र की जिस तरह भूमिका रामचरित मानस में रखी है वह किसी भी ग्रंथ में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। भूमिका में महत्वपूर्ण सूत्र मिलते हैं जो ग्रंथ के गूढ़ प्रंसगों को समझने में सहायक होते हैं। इसलिए शिव चरित्र की समझ रखने वाला ही श्री रामकथा की गूढ़ता को समझ सकता हैं। भगवान भोलेनाथ विलक्षण श्रृंगार करते है, वह बहुत ही अद्धभुत और हास्य वाला होता हैं। इसी के साथ कथा प्रंसग को सुमधुर भजनों के साथ आए हुए श्रद्धालुओं को श्रवण करवाया गया। इसी के माध्यम द्वारा मानव जीवन की महानता की महिमा भी बताई गई।
महाराज जी ने शिव विवाह का वर्णन किया। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि जीवन में राम नाम की महिमा अनंत है। राम नाम लेकर अनेक भक्त तर गए हैं। शिव भोले भंडारी हैं, सृष्टि का पालन एवं संहार करने कि शक्ति शिव के पास है। माता पार्वती जी की विदाई प्रसंग सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। इस दौरान शिव महिमा एवं सती प्रसंग का वर्णन भी किया गया। उन्होंने बताया कि भगवान शिव शंकर को सती के पिता दक्ष ने यज्ञ में नहीं बुलाया, लेकिन सती हठ कर अपने पिता के घर यज्ञ में शामिल होने गईं। वहां उन्हें अनादर का सामना करना पड़ा। तीसरे दिन की कथा में श्री राम जन्म का उत्सव मनाया जाएगा। इस मौके ग्राम वासियों ने कथा का रसपान किया।
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