विधानसभा में सीएम योगी- कुम्भ 2013 में हुए भ्रष्टाचार और अव्यवस्था पर योगी आदित्यनाथ ने किया तीखा प्रहार। 

महाकुम्भ 2025 (mahakumbh) ने सनातन संस्कृति के गौरव को विश्वस्तर पर किया स्थापित, 2013 में केंद्र और प्रदेश सरकार (state government) कर रहे थे आपस में तू-तू मैं मैं....

Feb 19, 2025 - 19:08
Feb 19, 2025 - 19:21
 0  20
विधानसभा में सीएम योगी- कुम्भ 2013 में हुए भ्रष्टाचार और अव्यवस्था पर योगी आदित्यनाथ ने किया तीखा प्रहार। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा को संबोधित करते हुए
  • 2013 कुम्भ और 2025 के महाकुम्भ की तुलना कर सपा के भ्रष्टाचार को सीएम योगी ने खोला 
  • महाकुम्भ को लेकर विपक्ष के दुष्प्रचार का सीएम ने दिया सिलसिलेवार जवाब
  • कहा, जो लोग 2013 में हुई अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार थे, वे आज महाकुम्भ 2025 की आलोचना कर रहे हैं
  • बोले, तब घाटों पर चेंजिंग रूम भी नहीं थे, ठेकेदारों को पहुंचाया गया अनुचित लाभ, कैग की रिपोर्ट का भी किया उल्लेख

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान महाकुम्भ 2025 के दिव्य-भव्य आयोजन और पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए कुम्भ 2013 की अव्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी सरकार (Samajwadi Party Government) के दौरान आयोजित हुए कुम्भ 2013 (Kumbh 2013) में हुए भ्रष्टाचार और अव्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि 2013 का कुम्भ प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्था का शिकार था, जबकि 2025 का महाकुम्भ बेहतर सुविधाओं और सुनियोजित व्यवस्था के साथ आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग 2013 में हुई अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार थे, वे आज महाकुम्भ 2025 की आलोचना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 में प्रयाग स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद प्रदेश के तत्कालीन मुखिया केद्र सरकार पर तीखे हमले कर रहे थे। केंद्र सरकार से इन्हें पैसा भी नहीं मिल रहा था और जो पैसे खर्च किये गये उनमें बेहिसाब भ्रष्टाचार हुआ। मुख्यमंत्री ने 2014 की कैग की रिपोर्ट का भी उल्लेख किया। 

महाकुम्भ 2025 (Mahakumbh 2025) बनाम कुम्भ 2013 (Kumbh 2013)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2013 और 2025 के आयोजन की तुलना करते हुए कहा कि कुम्भ की अवधि धार्मिक दृष्टिकोण से निर्धारित होती है और इस बार 45 दिन का आयोजन किया जा रहा है, जबकि 2013 में यह 55 दिनों का था। 2013 में कुम्भ का क्षेत्रफल मात्र 1936 हेक्टेयर (5000 एकड़ से भी कम) था, जबकि इस बार यह 10,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2013 में कुल 14 सेक्टर बनाए गए थे, जबकि 2025 में इनकी संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई है। पार्किंग क्षेत्र में भी बड़ा सुधार किया गया है, 2013 में 635 हेक्टेयर में पार्किंग व्यवस्था थी, जबकि इस बार इसे 1850 हेक्टेयर तक विस्तारित किया गया है, जिसमें 6 लाख से अधिक चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग क्षेत्र उपलब्ध हो सका है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2013 में प्रयागराज में कोई पक्का घाट, रिवर फ्रंट या आरओबी नहीं था, जबकि 2019 में 9 आरओबी और 6 अंडरपास बनाए गए। 2025 के आयोजन के लिए 14 फ्लाईओवर, 9 पक्के घाट और 7 रिवर फ्रंट तैयार किए गए हैं। अस्थायी घाटों की लंबाई 2013 में मात्र 4 किलोमीटर थी, जिसे 2025 में बढ़ाकर 12 किलोमीटर कर दिया गया है।

  • यातायात और परिवहन सुविधाओं में किया गया बड़ा सुधार

सीएम योगी ने बताया कि 2013 में श्रद्धालुओं के लिए शटल बसों की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि इस बार 550 शटल बसें तैनात की गई हैं। रोडवेज बसों की संख्या 2300 से बढ़ाकर 7000 कर दी गई है। प्रयागराज में बस स्टैंड भी 3 से बढ़ाकर 7 कर दिए गए हैं। सड़क चौड़ीकरण की दिशा में भी बड़ा कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि 2013 में केवल 55 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण हुआ था, जबकि 2019 में 125 सड़कें 2 से 4 लेन और 4 से 6 लेन की गईं। 2025 में 200 से अधिक सड़कों को चौड़ा किया गया है।

  • गंगा और यमुना की स्वच्छता पर दिया गया विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने 2013 के दौरान गंगा और यमुना की गंदगी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय स्थिति इतनी खराब थी कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने गंगा में डुबकी लगाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस बार 81 नालों को टेप कर 261 एमएलडी सीवर के ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है। जनवरी और फरवरी माह में संगम नोज पर फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानक के अनुरूप पाई गई हैं, जोकि ढाई हजार एमपीएन प्रति 100 एमएल से कम है। ये यूपी पॉल्यूशन बोर्ड की रिपोर्ट है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में भी इसे मानक के अनुरूप पाया है। उन्होंने बताया कि यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड लगातार जल की गुणवत्ता की मॉनीटरिंग कर रहा है और ताजा रिपोर्ट के अनुसार, संगम का जल अब स्नान और आचमन दोनों के योग्य पाया गया है।

  • तकनीक और डिजिटल सेवाओं का किया गया उपयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कुम्भ में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैटबॉट्स का उपयोग किया गया है, जोकि 11 भाषाओं में उपलब्ध है। इसके साथ ही डिजिटल एक्सपीरियंस सेंटर स्थापित किया गया है। क्यूआर कोड जारी किए गए हैं और सुरक्षा के लिए 2700 सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन लगाए गए हैं।

  • 2013 का कुम्भ : अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का अड्डा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2013 के कुम्भ में हुई अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान केंद्र सरकार ने 1141.63 करोड़ रुपये और राज्य सरकार ने 10.57 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन फिर भी 59 प्रतिशत कार्य मेला शुरू होने तक पूरे नहीं हो सके थे। कैग की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में जब श्रद्धालु एक तरफ आस्था की डुबकी लगा रहे थे, वहीं प्रशासन भ्रष्टाचार में डूबा हुआ था। उन्होंने बताया कि 2013 में कई ठेकेदारों को करोड़ों रुपये देकर अनुचित लाभ दिया गया, शौचालयों की भारी कमी थी और तकनीकी मंजूरी के बिना करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए। सड़क चौड़ीकरण और मरम्मत के नाम पर बिना परीक्षण के 46.68 करोड़ रुपये जारी किए गए। 2013 में 9 करोड़ 1 लाख रुपये की सामग्री बिना किसी आवश्यकता के खरीदी गई थी। 23 ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये दिए गए थे। शौचालयों की कमी इस हद तक थी कि एक दिन में औसतन 900 लोगों को एक शौचालय का उपयोग करना पड़ा। महिला और पुरुष शौचालयों के बीच कोई दीवार भी नहीं थी। पेयजल की गुणवत्ता की जांच के लिए केवल 9 नलों से नमूने लिए गए थे। घाटों पर न चेंजिंग रूम थे न एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। 

  • व्यवस्थाओं का हुआ अभूतपूर्व विस्तार

सीएम योगी ने बताया कि 2025 के महाकुम्भ में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय, 500 किलोमीटर चेकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 2000 चेंजिंग रूम, 125 एंबुलेंस, 7 रिवर एंबुलेंस, 1 एयर एंबुलेंस, 7000 सफाईकर्मी, 2500 गंगा दूत, 5000 कुम्भ सेवा मित्र और 10,000 अन्य कर्मचारियों को व्यवस्थाओं में शामिल किया गया है। सुरक्षा और यातायात के लिए 75,000 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं। महाकुम्भ 2025 में 2700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1250 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई गई है और जल पुलिस का नया बेड़ा तैनात किया गया है। सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अस्पतालों में 6000 बेड्स की व्यवस्था की गई है।

  • केंद्र और राज्य सरकार ने कुल 7500 करोड़ रुपये खर्च किए

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार केंद्र और राज्य सरकार ने कुल 7500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें महाकुम्भ के आयोजन पर 1500 करोड़ रुपये और प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार के लिए शेष राशि खर्च की गई है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में पहले केवल दो एयरोड्रम थे, जिन्हें बढ़ाकर छह कर दिया गया है। अब तक 750 से अधिक फ्लाइट्स, प्लेन और चार्टर एयरक्राफ्ट प्रयागराज में उतर चुके हैं। रेलवे भी इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 3000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, महाप्रबंधक और डीआरएम की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने में जुटी हुई हैं।

Also Read- Assembly News: विधानसभा में महाकुम्भ पर विपक्ष के दुष्प्रचार पर जमकर बरसे सीएम योगी- विपक्ष की भाषा सभ्य समाज के अनुकूल नहीं।

  • महाकुम्भ 2025: भारत की शक्ति का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ 2025 भारत की शक्ति और उत्तर प्रदेश के गौरव का प्रतीक बन रहा है। इस आयोजन में राष्ट्रपति, उद्योगपति, न्यायाधीश, सेलेब्रिटी और आम नागरिक सभी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ में आने वाले हर व्यक्ति ने इसकी प्रशंसा की है और यह आयोजन सनातन संस्कृति के गौरव को विश्वस्तर पर स्थापित कर रहा है। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे बेवजह दुष्प्रचार कर रहे हैं, जबकि स्वयं स्नान के लिए महाकुम्भ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग झूठा प्रचार कर रहे हैं, वे प्रदेश और देश के हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ 2025 को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस आयोजन से उत्तर प्रदेश और भारत की छवि को वैश्विक मंच पर मजबूती मिल रही है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।