MP News: पवित्र नगरी में शराबबंदी बनी मजाक- अवैध शराब का वीडियो वायरल होने के बाद भी आबकारी अमला नही कर पाया कोई बड़ी कार्यवाही, सर्च अभियान पर उठे सवाल।
मुख्यमंत्री के आदेश हुए हवा, आबकारी अमला निकला सघन सर्च अभियान पर सुबह से शाम तक हाथ आई सिर्फ 9 क्वार्टर देशी शराब, आबकारी विभाग के हाथ फिर रहे खाली....

रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की पवित्र नगरी मुलताई में मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा "पवित्र नगरी" में शराबबंदी के दावे अब दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। यहां बीते एक महीने से अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है, और आबकारी विभाग अब तक खाली हाथ बैठा है।
हमारे द्वारा खबर चलाने के बाद जब आबकारी विभाग का अमला 9 जवानों को लेकर कार्यवाही करने निकला तो सही पर एक विशेष सर्च अभियान में बड़ी कार्यवाही की उम्मीदें थीं, लेकिन हाथ क्या लगा? सिर्फ 9 क्वार्टर देशी शराब। सोचने वाली बात है — इतने बड़े अभियान में जब सिर्फ 9 क्वार्टर बरामद हुए, तो असल नेटवर्क कितना गहरा होगा?
चौंकाने वाली बात यह भी है कि एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ तौर पर अवैध शराब बिक्री के सुराग मिलते हैं। लेकिन हैरानी है कि अब तक उस व्यक्ति या उसके नियोक्ता (दावे के अनुसार) पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
अब सवाल उठता है — क्या आबकारी विभाग की यह खानापूर्ति महज दिखावा है? 9 क्वार्टर पकड़कर केस बना देना और मीडिया को "कार्यवाही" का संदेश देना क्या सिर्फ पर्दा डालने की कोशिश है?
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मुलताई में शराब माफिया और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। शराब आस-पास के इलाकों तक भी सप्लाई हो रही है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में शराबबंदी को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन मुलताई की जमीनी सच्चाई कुछ और ही कहानी कह रही है। सवाल तो बनता है —
पवित्र नगरी में खुलेआम शराब बिक्री किसकी मिलीभगत से हो रही है?
वायरल वीडियो पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं?
आबकारी विभाग के हाथ बार-बार खाली क्यों रह जाते हैं?
मुलताई की जनता अब इस सवाल का जवाब मांग रही है। क्या सरकार और प्रशासन सिर्फ नारों से काम चलाएंगे, या वास्तव में पवित्र नगरी की गरिमा को बचाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे?
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