मायावती ने यूपी विधानसभा और संसद के मानसून सत्र में जनहित मुद्दों पर सार्थक चर्चा की मांग की, अमेरिकी टैरिफ और ईवीएम पर जताई चिंता।
Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम....
Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र और संसद के चालू सत्र को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने सरकार और विपक्ष से राजनीतिक स्वार्थ, द्वेष और कटुता को त्यागकर जनहित में सार्थक बहस करने की अपील की। मायावती ने अमेरिकी टैरिफ, ईवीएम, और वोटर सूची से संबंधित मुद्दों पर गंभीर चिंता जताते हुए इन पर संसद में चर्चा की मांग की।
- मायावती की फेसबुक पोस्ट का सार
मायावती ने अपनी पोस्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र, जो आज से शुरू हो रहा है, भले ही संक्षिप्त हो, लेकिन इसे केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने सरकार और विपक्ष से अपील की कि वे अपने राजनीतिक हितों को दरकिनार कर जनहित और प्रदेश के विकास के लिए रचनात्मक बहस करें।
उन्होंने संसद के चालू मानसून सत्र के बारे में भी चिंता व्यक्त की, जो शांतिपूर्ण ढंग से नहीं चल पा रहा है। मायावती के अनुसार, इस वजह से जनता और देश के ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर चर्चा नहीं हो पा रही, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है।
अमेरिकी टैरिफ पर चिंता: मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को देश की अर्थव्यवस्था और विकास के लिए हानिकारक बताया। उन्होंने इसे 'विश्वासघात' करार देते हुए कहा कि यह मुद्दा केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह 'अच्छे दिन' की परिकल्पना और देश के आर्थिक भविष्य से जुड़ा है। उन्होंने संसद में इस पर गंभीर चर्चा की मांग की, ताकि दीर्घकालिक रणनीति बनाई जा सके।
ईवीएम और वोटर सूची पर सवाल: मायावती ने चुनावों से पहले ईवीएम, वोटर सूची और उसके पुनरीक्षण को लेकर देशभर में उठ रही शंकाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों का समय रहते पारदर्शी समाधान करना लोकतंत्र के लिए जरूरी है, ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
- अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं
मायावती के इस बयान पर विभिन्न नेताओं और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं:
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "सभी ने देखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ के बारे में क्या कहा। भारत को इस मुद्दे पर जवाब देना होगा।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का दावा किया, जिस पर भारत को स्पष्ट रुख अपनाने की जरूरत है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी: शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत और किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के बिना अपनी समस्याओं का समाधान कर सकता है, लेकिन 10 घंटे के भीतर ट्रंप ने दो बार अपनी भूमिका दोहराई।" उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग की।
राजद सांसद मनोज झा: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने संसद में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, "मैं अपने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ खड़ा हूं। मैंने संसद में प्रस्ताव रखा है कि ट्रंप को 'सदी का सबसे बड़ा झूठा' घोषित किया जाए।" उन्होंने टैरिफ और ट्रंप के दावों पर कड़ा रुख अपनाने की बात कही।
मायावती की यह पोस्ट उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को लेकर उनकी सक्रियता को दर्शाती है। विभिन्न समाचार स्रोतों ने उनकी इस पोस्ट को प्रमुखता से कवर किया है:
न्यूज ट्रैक: न्यूज ट्रैक ने मायावती के बयान को उद्धृत करते हुए बताया कि उन्होंने विधानसभा सत्र को जनहित में उपयोगी बनाने और संसद में टैरिफ जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की।
एबीपी लाइव: एबीपी लाइव ने मायावती के बयान को 'विश्वासघात' के रूप में उद्धृत किया और केंद्र सरकार से इस चुनौती का सामना करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति की मांग की।
प्रभात खबर: प्रभात खबर ने मायावती के बयान को राष्ट्रीय हित से जोड़ते हुए बताया कि उन्होंने सभी दलों से एकजुट होने की अपील की है।
समय लाइव: समय लाइव ने मायावती के 'विश्वासघात' वाले बयान को प्रमुखता दी और संसद में चर्चा की उनकी मांग को रेखांकित किया।
उनकी अपील है कि सरकार और विपक्ष दोनों को जनहित में एकजुट होकर काम करना चाहिए। अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाती हैं, खासकर अमेरिकी टैरिफ के संदर्भ में, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का आज से शुरू हो रहा मानसून सत्र, संक्षिप्त होने के बावजूद केवल औपचारिकता पूर्ति वाला नहीं हो, बल्कि इसको सही से प्रदेश व जनहित में उपयोगी बनाना ज़रूरी है, जिसकेे लिए सरकार एवं विपक्ष दोनों को अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ, द्वेष व कटूता आदि को त्याग कर आगे… — Mayawati (@Mayawati) August 11, 2025
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