माँ सूर्यपुत्री ताप्ती उद्गम स्थल विशेष स्पेशल स्टोरी- सूर्य पुत्री मां ताप्ती उद्गम स्थल मुलताई।
मान्यता के अनुसार है सूर्य की पुत्री शनि और यम की बहन है माँ ताप्ती ,विश्व द्वितीय विपरीत दिशा में बहने वाली है ऐसी है हमारी माँ सूर्यपुत्री ताप्ती नदी....
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
मान्यता के अनुसार है सूर्य की पुत्री शनि और यम की बहन है माँ ताप्ती ,विश्व द्वितीय विपरीत दिशा में बहने वाली है ऐसी है हमारी माँ सूर्यपुत्री ताप्ती नदी,अस्थि कलश और बाल गल जाते है नदी के जल में ,विश्व का एकमात्र जनेऊधारी शिवलिंग भी है इस स्थल पर स्थापित, आज भी नागासाधुओ के वंशज निवास करते है कुंडों के आसपास
मध्यप्रदेश के बैतूल में जिले का गौरव माँ सूर्यपुत्री ताप्ती का उद्गम स्थल है वेदों की माने तो सूर्य छाया की पुत्री यम शनि और यमुना जी की बहन मां ताप्ती का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई को माना गया है।
जहां सात कुंडो से मां ताप्ती का उद्गम हुआ है सात कुंडो में सूर्य कुंड, शनि कुंड,धर्म कुंड,पाप कुंड, राख कुंड,नारद कुंड प्रमुख है।
कहा जाता है कि मां ताप्ती आदि गंगा है जो गंगा के पहले पृथ्वी पर अवतरित हुई थी,गंगा के सनान से नर्मदा के ध्यान से जो पुण्य प्राप्त होता है वो मात्रा मां ताप्ती के स्मरण से हो जाता है। आषाढ़ मास की सप्तमी को मां ताप्ती का जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है,मां ताप्ती के तट पर कार्तिक पूर्णिमा पर विशाल मेला भी लगता है।
मां ताप्ती एक ऐसी नदी है जिसमें अस्थि और बाल गल जाते है, मां ताप्ती पूर्व से पश्चिम की ओर बह कर अरब सागर में विलीन हो जाती है। ताप्ती अपने वेग से विपरीत सर्पाकार बहती है,जो मध्यप्रदेश महाराष्ट्र और गुजरात से होकर अरब सागर में मिलती है। मां ताप्ती के जल में स्नान करने से कुष्ठ रोगियों को आराम मिलता है,यहां नारद जी ने भी तपस्या कर मां ताप्ती से आशीर्वाद प्राप्त किया था। यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है।
#मध्यप्रदेश के बैतूल में जिले का गौरव माँ सूर्यपुत्री ताप्ती का उद्गम स्थल है वेदों की माने तो सूर्य छाया की पुत्री यम शनि और यमुना जी की बहन मां ताप्ती का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई को माना गया है। pic.twitter.com/48TcGK7RJq — INA NEWS (Initiate News) (@ina24news) December 25, 2024
निशा भारती गोस्वामी ( नागासाधु वंशज)
प्रवीण गजानन्द जोशी (पुजारी)
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