Pahalgam Terror Attack: पाक मीडिया की बेशर्मी- पहलगाम हमले को भारत की साजिश बताया, जांच में सामने आया कि आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया
आतंकियों ने पीड़ितों की पैंट उतारकर "खतना" की जांच की और इसके आधार पर हत्याएं कीं। इस क्रूरता ने देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी। एक स्थानीय नागरिक, सैयद आदिल हुसैन...
Pakistan Media on Pahalgam Terror Attack.
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में 26 से 28 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, और 17 से अधिक लोग घायल हुए। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी का सबसे घातक आतंकी हमला (Attack) माना जा रहा है। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें आतंकियों द्वारा हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाना और "खतना" की जांच के आधार पर हत्याएं करना शामिल है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिसमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना और राजनयिक संबंधों को सीमित करना शामिल है। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। यह लेख हमले, जांच, और इसके परिणामों को विस्तार से बताता है।
पहलगाम (Pahalgam), जिसे "मिनी स्विट्जरलैंड" के नाम से जाना जाता है, अनंतनाग जिले में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। हमला (Attack) बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2:45 बजे हुआ, जब पर्यटक घूम रहे थे, खच्चर की सवारी कर रहे थे, और पिकनिक मना रहे थे। छह से सात हथियारबंद आतंकियों ने 45 पर्यटकों के समूह पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकियों ने लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की "हिट एंड रन" तकनीक का इस्तेमाल किया। हमले में 26 से 28 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर अन्य राज्यों से आए पर्यटक थे, और 17 से अधिक लोग घायल हुए।
जांच में सामने आया कि आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया। एक महिला पर्यटक ने बताया कि आतंकियों ने उनके पति का धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। आतंकियों ने पीड़ितों की पैंट उतारकर "खतना" की जांच की और इसके आधार पर हत्याएं कीं। इस क्रूरता ने देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी। एक स्थानीय नागरिक, सैयद आदिल हुसैन शाह, ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में आतंकियों से हथियार छीनने का प्रयास किया, लेकिन उसे भी गोली मार दी गई।
हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली, और जांच से पता चला कि इसका मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान (Pakistan) में मौजूद है। हमले में शामिल पांच आतंकियों की पहचान हो चुकी है, जिनमें तीन पाकिस्तान (Pakistan)ी और दो स्थानीय आतंकी शामिल हैं। आतंकी आदिल गुरी और आसिफ शेख के घरों को त्राल में विस्फोट से उड़ा दिया गया।
- जांच में चौंकाने वाले खुलासे
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को हमले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं:
पाकिस्तान (Pakistan) कनेक्शन: हमले का सीधा ताल्लुक पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ा है। आतंकियों ने हमले से पहले बैसरन घाटी की रेकी की थी, और सुरक्षा एजेंसियों को हमले का अलर्ट था, लेकिन खुफिया तंत्र की नाकामी के कारण इसे रोका नहीं जा सका।
हिंदुओं को निशाना: आतंकियों ने धर्म पूछकर पुरुषों को निशाना बनाया। 20 मृतकों की पैंट उतारी गई और उनकी ज़िप खोली गई, जिससे "खतना" की जांच के आधार पर हत्याएं की गईं। इस खुलासे ने हमले की क्रूरता को उजागर किया।
आतंकी नेटवर्क: हमले में लश्कर-ए-तैयबा के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) की भी भूमिका थी। TRF का फाल्कन स्क्वाड इस हमले के लिए जिम्मेदार था, जो "हिट एंड रन" तकनीक पर काम करता है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों की सूचना देने वालों के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है, और सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखने का आश्वासन दिया है।
- भारत की जवाबी कार्रवाई
पहलगाम (Pahalgam) हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटे और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की ढाई घंटे की बैठक बुलाई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे। बैठक में पांच बड़े फैसले लिए गए
1. सिंधु जल संधि का निलंबन: 1960 में जवाहरलाल नेहरू और अयूब खान के बीच हुई इस संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह संधि सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों (सतलुज, व्यास, रावी, झेलम, चिनाब) के पानी को भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच बांटती है। पाकिस्तान (Pakistan) की 80% कृषि योग्य भूमि (16 मिलियन हेक्टेयर) और 23.7 करोड़ लोग इस पानी पर निर्भर हैं। इस निलंबन से पाकिस्तान (Pakistan) में जल, खाद्य, और ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है।
2. अटारी बॉर्डर बंद: भारत-पाकिस्तान (Pakistan) के बीच अटारी-वाघा बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया, जिससे दोनों देशों के बीच सीमित आवाजाही भी रुक गई।
3. पाकिस्तान (Pakistan)ी नागरिकों का निष्कासन: भारत में मौजूद सभी पाकिस्तान (Pakistan)ी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया। सभी SAARC और SPES वीजा रद्द कर दिए गए।
4. राजनयिक संबंधों में कटौती: नई दिल्ली में पाकिस्तान (Pakistan)ी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना, और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया, और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की गई। भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से रक्षा सलाहकारों को वापस बुला लिया।
5. वीजा पर रोक: पाकिस्तान (Pakistan)ी नागरिकों के लिए भारत का वीजा जारी करना पूरी तरह बंद कर दिया गया।[]
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये फैसले तब तक लागू रहेंगे, जब तक पाकिस्तान (Pakistan) सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता।
- भारत-पाकिस्तान (Pakistan) तनाव
भारत के इन कदमों ने पाकिस्तान (Pakistan) में हड़कंप मचा दिया। पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 23 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक बुलाई। पाकिस्तान (Pakistan) ने जवाबी कदम उठाते हुए शिमला समझौता निलंबित किया, भारत के साथ व्यापार पर रोक लगाई, और भारतीय एयरलाइंस के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया।
पाकिस्तान (Pakistan)ी मीडिया ने भारत के आरोपों को खारिज किया। Dawn और Geo News ने संवेदना जताई, लेकिन ARY News और Dunya News ने हमले को भारत की साजिश करार दिया। कुछ पाकिस्तान (Pakistan)ी अखबारों ने दावा किया कि यह हमला (Attack) अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के भारत दौरे के दौरान पाकिस्तान (Pakistan) को बदनाम करने के लिए किया गया।
पाकिस्तान (Pakistan) के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के बयान, जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान (Pakistan) की "जुगुलर वेन" बताया था, को हमले का कारण माना जा रहा है। पाकिस्तान (Pakistan)ी विश्लेषकों ने सिंधु जल संधि के निलंबन को "आक्रामक कदम" बताया, और कुछ ने परमाणु हमले की धमकी तक दी।
- देश और दुनिया की प्रतिक्रिया
भारत में गुस्सा: देशभर में हमले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए। रांची में बीजेपी ने "पाकिस्तान (Pakistan) मुर्दाबाद" और "हिंदू नरसंहार बंद करो" के नारे लगाते हुए मशाल जुलूस निकाला।
बॉलीवुड की निंदा: सलमान खान, अक्षय कुमार, और रजनीकांत ने हमले की कड़ी निंदा की। सलमान ने एक्स पर लिखा, "कश्मीर, धरती पर स्वर्ग, नरक में बदल रहा है। एक भी निर्दोष को मारना पूरी कायनात को मारने के बराबर है।"
विश्व समुदाय का समर्थन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को "बेहद परेशान करने वाला" बताया और भारत के साथ एकजुटता जताई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को कायरतापूर्ण बताया। कांग्रेस ने खुफिया विफलताओं पर सवाल उठाए, जबकि बीजेपी ने इसे "हिंदू नरसंहार" करार दिया।
- सामाजिक और कूटनीतिक प्रभाव
पर्यटन पर असर: हमले के बाद पर्यटकों ने कश्मीर छोड़ना शुरू कर दिया। उमर अब्दुल्ला ने अतिरिक्त उड़ानों और यातायात की व्यवस्था के निर्देश दिए।
खुफिया तंत्र पर सवाल: संजय सिंह ने कहा कि यह खुफिया तंत्र की बड़ी नाकामी है।
पाकिस्तान (Pakistan) पर दबाव: सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान (Pakistan) के लिए बड़ा झटका है। यह कदम 1965, 1971, और करगिल युद्धों के दौरान भी नहीं उठाया गया था।
युद्ध का खतरा: विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के बीच तनाव युद्ध का रूप ले सकता है। भारत ने सैन्य विकल्पों पर चर्चा शुरू कर दी है, और सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
पहलगाम (Pahalgam) आतंकी हमला (Attack) न केवल एक त्रासदी था, बल्कि इसने भारत-पाकिस्तान (Pakistan) संबंधों को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया। आतंकियों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाना और "खतना" की जांच जैसे खुलासों ने इस हमले की क्रूरता को उजागर किया। भारत के कड़े कदम, विशेष रूप से सिंधु जल संधि का निलंबन, पाकिस्तान (Pakistan) के लिए आर्थिक और सामाजिक संकट का कारण बन सकते हैं। हालांकि, इन कदमों ने दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका को भी बढ़ा दिया है। आने वाले दिन इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
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