Pilibhit News: संयुक्त टीम ने नदी को अविरलता एवं उद्गम तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए किया मंथन।
गोमती नदी की अविरल धारा एवं उद्गम स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित करने को जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंची संयुक्त टीम...

रिपोर्ट- कुँवर निर्भय सिंह
पीलीभीत। गोमती नदी को अविरल धारा एवं उद्गम तीर्थ स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए जिला अधिकारी संजय कुमार सिंह के निर्देश पर एक संयुक्त टीम ने किया स्थलीय सर्वे और गोमती सेवकों के साथ गोष्टी कर जाने उनके विचार। सदर एसडीएम आशुतोष गुप्ता ने स्थानीय लेखपाल को बिंदुवार रिपोर्ट बनाने के दिए निर्देश।
पीलीभीत के जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने पीलीभीत की शान लखनऊ की लाइफ लाइन आदि गंगा मां गोमती नदी के उद्गम तीर्थ स्थल माधोटांडा को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए एवं नदी की अविरल धारा प्रदान करने के लिए प्रांतीय लोक निर्माण विभाग,जल निगम, विकास विभाग, पंचायत राज विभाग, सिंचाई विभाग, उद्यान विभाग, राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम को स्थलीय निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रेषित करने के आदेश दिए थे।
जिस पर रविवार को जिला विकास अधिकारी संजय कुमार यादव, सदर एसडीएम आशुतोष गुप्ता, तहसीलदार कलीनगर वीरेंद्र कुमार, डीपीआरओ रोहताश भारती, पीडब्ल्यूडी जेई नवनीत सक्सेना,जल निगम के अधिशासी अभियंता ने गोमती उद्गम तीर्थ स्थल पर पहुंचकर नदी को अविरल धारा प्रदान करने के लिए और उद्गम तीर्थ स्थल को विकसित करने के लिए गोमती ट्रस्ट के योगेश्वर सिंह एवं निर्भय सिंह से विस्तृत जानकारी ली उसके पश्चात दर्जनों गोमती भक्त लोगों से गोष्टी कर विचारों को जाना जिसमें प्रमुख रूप से प्रधान नईम अली, महिपाल सिंह श्री राम कश्यप, राधे कश्यप, सुजान सिंह, शक्ति सिंह, रामौतार सिंह श्याम कुमार गुप्ता, फिरोज खान, नरेश, बिजेंदर, रमेश गिरी ने गोमती उद्गम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने एवं वर्ष में होने वाले शरद कालीन एवं ग्रीष्मकालीन गोमती महोत्सव को राजकीय अनुदानित महोत्सव का दर्जा दिलाने के लिए की मांग की, ज्ञात रहे गोमती महोत्सव में शाहजहांपुर ,बरेली, लखीमपुर ,सीतापुर सहित उत्तराखंड राज्य के एवं पड़ोसी देश नेपाल के भी हजारों श्रद्धालु एवं पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
महोत्सव में सरकार की योजनाओं के भी स्टाल एवं सैकड़ो दुकान मेला परिसर में लगती है। संयुक्त टीमों ने गोमती नदी के परिसर को पैदल घूम कर भौगोलिक स्थिति को जाना। पवित्र गोमती नदी की झील को वैकल्पिक रूप से जल प्रदान करने के लिए देवीपुर माइनर से निकलने वाली गोमती ड्रेन एवं रजवाहा निकलने वाली गोमती माइनर को देखा ।डीडीओ संजय कुमार ने कहा कि गोमती उद्गम स्थल बड़ा ही पावन एवं अलौकिक धार्मिक स्थल है इसलिए इस स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने गोमती उद्गम स्थल तक पहुंचने वाले मार्ग की दुर्दशा देखकर कहा कि इसका निर्माण डिवाइडर युक्त होना चाहिए जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मन गोमती के प्रति और आस्थावान हो इसके लिए उन्होंने लोक निर्माण विभाग के जेई नवनीत सक्सेना को एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए जिस पर जेई नवनीत सक्सेना के दिशा निर्देशन में उनकी टीम ने मौके पर ही सड़क की पैमाइश शुरू कर दी।
सदर एसडीएम आशुतोष गुप्ता ने कहा कि अभी तत्काल गोमती की पवित्र झील को पानी की अति आवश्यकता है उन्होंने गोष्ठी में मौजूद शारदा सागर के शीचंपाल हरिओम कश्यप से तत्काल पानी उपलब्ध करने की बात कहते हुए कहा कि झील में मौजूद हजारों कछुआ और मछलियों का जीवन संकट में है झील का जलस्तर लगातार गिर रहा।
साथ ही उन्होंने स्थानीय लेखपाल देवेश यादव को निर्देशित करते हुए कहा कि गोष्ठी में मंथन के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उनको बिंदु बार रिपोर्ट बनाकर अपने उच्चाअधिकारियों को प्रेषित करें। जल निगम के अधिशासी अभियंता ने जहां एसटीपी बनाया जाना प्रस्तावित है उसे स्थल का निरीक्षण किया इसके साथ ही गंदे नालों का भी मौके पर जाकर देखा। डीपीआरओ ने गोमती उद्गम स्थल की साफ सफाई को लेकर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देशित किया एवं पंचायत राज विभाग के द्वारा गोमती उद्गम स्थल को विकसित करने के लिए भरपूर सहयोग की बात कही। कलीनगर के तहसीलदार वीरेंद्र कुमार ने नवनिर्मित मल्टीपरपज हाल के लिए फर्नीचर की व्यवस्था कराए जाने के लिए जिला विकास अधिकारी से आग्रह किया। गोमती भक्त सेवानिवृत्ति वन दरोगा रामावतार सिंह ने सभी का आभार जताया।
ज्ञात रहे हाल ही में गोमती उद्गम तीर्थ स्थल माधोटांडा का भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने गोमती नदी के पुनरुद्धार एवं उद्गम तीर्थ स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए दौरा कर अपनी रिपोर्ट जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार कों सौंपी।
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