Lucknow: विधानसभा में सपा पर बरसे योगी- 2017 से पहले गड्ढों भरी सड़कें, मेट्रो का मजाक और अराजकता का दौर। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले पौने 9 वर्षों में प्रदेश में

Dec 24, 2025 - 18:57
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Lucknow: विधानसभा में सपा पर बरसे योगी- 2017 से पहले गड्ढों भरी सड़कें, मेट्रो का मजाक और अराजकता का दौर। 
 विधानसभा में सपा पर बरसे योगी- 2017 से पहले गड्ढों भरी सड़कें, मेट्रो का मजाक और अराजकता का दौर। 
  • प्रदेश में तत्कालीन सरकारें मजबूरी में गठबंधन करती रहीं फिर भी विकास के नाम पर अराजकता फैलती रही: मुख्यमंत्री 
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर बोलते हुए सपा सरकार को जमकर लताड़ा 
  • बोले मुख्यमंत्री, पिछले पौने नौ वर्षों में प्रदेश में विकास की रफ्तार, पहचान और सम्मान तीनों में बड़ा बदलाव देखने को मिला
  • वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में सड़कों पर गड्ढे, मेट्रो के नाम पर मजाक, रेलवे नेटवर्क में केंद्र और राज्य के बीच समन्वय की कमी थी
  • बड़ी-बड़ी बातें करना समाजवादी पार्टी का अहंकार, यही वजह वर्ष 2017 के पहले प्रदेशवासियों को सम्मान नहीं मिलता था

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले पौने 9 वर्षों में प्रदेश में विकास की रफ्तार, पहचान और सम्मान तीनों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आज उत्तर प्रदेश देश और दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। इसके पीछे मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और योजनाबद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की हालत किसी से छिपी नहीं थी। सड़कों पर गड्ढे, मेट्रो के नाम पर मजाक, रेलवे नेटवर्क में केंद्र और राज्य के बीच समन्वय की कमी थी। बुनियादी ढांचे की बदहाली आम बात थी। उस दौर में प्रदेश की पहचान एक पिछड़े राज्य के रूप में बनती जा रही थी। तत्कालीन सरकारें मजबूरी में गठबंधन करती थीं, लेकिन विकास के नाम पर अराजकता फैलती रही। जब केंद्र में यूपीए और प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब भी आपसी संबंधों और समन्वय की स्थिति बेहतर नहीं रही।

  • वर्ष 2017 से पहले यूपी में महज डेढ़ एक्सप्रेस–वे थे, आज 22 एक्सप्रेस–वे हैं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में महज डेढ़ एक्सप्रेस-वे थे, जबकि आज प्रदेश में 22 एक्सप्रेस-वे हैं। यदि ये सभी पूरी तरह संचालित हो जाते हैं, तो देश के कुल एक्सप्रेस-वे में से लगभग 60 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले उत्तर प्रदेश की होगी। आज यह उत्तर प्रदेश की स्पीड है। रेलवे नेटवर्क के मामले में भी प्रदेश आज देश में सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश लगभग 16,000 किलोमीटर के नेटवर्क के साथ देश का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क वाला राज्य बन चुका है। इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को फोर लेन में बदला गया है और मेट्रो सिटी के मामले में भी प्रदेश देश में अग्रणी है। देश में सबसे अधिक मेट्रो शहर आज यूपी में हैं। हवाई कनेक्टिविटी को लेकर भी बड़ा बदलाव आया है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में एयरपोर्ट की संख्या बहुत कम थी, जिनमें से दो पूरी तरह संचालित थे जबकि दो आंशिक रूप से संचालित थे। आज 16 एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं, जिनमें चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल हैं। इसके साथ ही पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) जो भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा, अगले महीने से संचालित होने जा रहा है। यह प्रदेश के विकास का प्रतीक है।

  • सपा शासनकाल में हाई स्कूल और इंटर में थर्ड डिवीजन को बनाया आयोग का अध्यक्ष

देश की पहली रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में चल रही है और देश का पहला वॉटर-वे भी यूपी में ही संचालित हो चुका है। वाराणसी से हल्दिया के बीच चल रहे जलमार्ग को प्रयागराज तक और आगे बलिया से अयोध्या तक विस्तार देने की योजना पर काम चल रहा है। यह सभी परियोजनाएं सरकार की इच्छाशक्ति का परिणाम हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करना समाजवादी पार्टी का अहंकार है। जब व्यक्ति या पार्टी यह कहने लगती है कि मैंने यह कर दिया, तभी अहंकार पैदा होता है और इसी वजह से जनता काे सम्मान नहीं मिलता था। उन्होंने कहा कि सम्मान तब मिलता है, जब दुनिया खुद कहे कि आपने अच्छा काम किया है। आज दुनिया कह रही है कि उत्तर प्रदेश में अच्छा हो रहा है और इसका सम्मान हर उत्तर प्रदेशवासी को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष को कठघरे में खड़ा करते हुए वर्ष 2017 से पहले शिक्षा और भर्ती आयोगों में कथित गड़बड़ियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले अयोग्य लोगों को अहम पदों पर बैठाया जाता था। उस दौरान हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में थर्ड डिवीजन पाने वाले लोगों को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया, जिससे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ। यूपी के नौजवानों के साथ सबसे ज्यादा अन्याय समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुआ।

  • यूपी ने बनाया बिना घूस के सरकारी नौकरी देने का अनूठा रिकॉर्ड

प्रदेश में पौने नौ वर्षों में लगभग 9 लाख सरकारी नौकरियां बिना किसी घूसखोरी के दी गई हैं। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि इतनी पारदर्शी और बड़े पैमाने की भर्ती पहले कभी नहीं हुई। वर्ष 2017 से पहले पुलिस प्रशिक्षण की कुल क्षमता केवल 3,000 थी। बड़ी संख्या में भर्ती होने के बावजूद प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था। ट्रेनिंग अवधि को 9 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया गया था, जिससे गुणवत्ता प्रभावित हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल के लिए अच्छी ट्रेनिंग बेहद जरूरी है, ट्रेनिंग में जितना पसीना बहेगा, सेवा के दौरान उतना ही खून कम बहेगा। हमने वर्ष 2017 के बाद प्रशिक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है ताकि पुलिस बल अधिक सक्षम और पेशेवर बन सके। हमने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और पुलिस भर्ती बोर्ड में तकनीकी और प्रशासनिक तंत्र को मजबूत किया गया है। 

  • वर्तमान सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर, सरकारी नौकरी के साथ एम्प्लॉयमेंट के नए रास्तों पर भी काम कर रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा आयोग में हाल ही में एक रिटायर्ड डीजीपी को नियुक्त किया गया है। उन्होंने जैसे माफियाओं की कमर तोड़ी है, वैसे ही नकल माफिया की कमर भी तोड़ी जाएगी। नकल माफिया की आदतें पिछली सरकारों में बिगड़ीं, लेकिन उन्हें सुधारना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है। हमारा उद्देश्य प्रदेशवासियों की रक्षा और दुर्जनों को दंड देना है। मुख्यमंत्री ने परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम्” का उल्लेख करते हुए कहा गया कि सरकार केवल औपचारिकता निभाने नहीं, बल्कि व्यवस्था सुधारने के लिए बैठी है। इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी नौकरियों के साथ-साथ एम्प्लॉयमेंट के अन्य रास्तों पर भी काम किया जा रहा है।

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