Hardoi Special: 12वीं के छात्र ने एसपी नीरज कुमार जादौन की जीवनी को 'काव्य-पंक्तियों' में उकेरा

ग्रामोदय इंटर कॉलेज डिघिया खेरिया हरदोई के छात्र सत्यओम मिश्र पुत्र इंद्रेश मिश्र ने जिले के एसपी नीरज कुमार जादौन की अभी तक की जीवन यात्रा को काव्य-रूप दे दिया।

Oct 26, 2024 - 00:05
Oct 26, 2024 - 20:20
 0  955
Hardoi Special: 12वीं के छात्र ने एसपी नीरज कुमार जादौन की जीवनी को 'काव्य-पंक्तियों' में उकेरा

Hardoi Special News.
जिले में 12वीं के एक छात्र ने वर्तमान एसपी नीरज कुमार जादौन की जीवनी को काव्य पंक्तियों में उकेर दिया। जिसकी सराहना की जा रही है। हरदोई के ग्रामोदय इंटर कॉलेज डिघिया खेरिया हरदोई के छात्र सत्यओम मिश्र पुत्र इंद्रेश मिश्र ने जिले के एसपी नीरज कुमार जादौन की अभी तक की जीवन यात्रा को काव्य-रूप दे दिया। इस प्रतिभावान छात्र ने एसपी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में इस प्रकार लिखा है-

जब सूरज प्रखर निखरता है, सबको उजियाला देता है ।

चन्दा की चंचल किरणों से, मन शीतलता को लेता है ।।

बनना है तुमको कोहिनूर, संघर्ष तुम्हे करना होगा |

लाखों में श्रेष्ठ तुम्ही होंगे, ईमान नेक बनना होगा ||

जालौन जिले की एक कहानी, इतिहास गवाह बन जाती है।

मेहनत की शक्ति के द्वारा, तब घी के लिए जलाती है ।।

है पिता नरेन्द्र प्रेरणा स्रोत, माता आशा सौभाग्यवती ।

जो उन्नीस सौ तिरासी को हुई देवकृपा से पुत्रवती ॥

घर में जाये हैं श्री नीरज, मानो नीरज से कोमल हों।

सुन्दर आकर्षक हष्ट पुष्ठ, मानो साक्षात् दिवाकर हो ।

जब बड़े हुए तो शिक्षा में, कई इतिहास गढ़े भी थे।

माध्यमिक उच्च स्नातक और परस्नातक तक पढ़े भी थे ।।

जब युवा वर्ग में आए तो, कंधों पर खुद का भार पड़ा ।

कई उच्च पदों नौकरियों पर, था लगन पूर्वक कार्य करा ।।

था परिवार बहुत सुखमय, भावी की प्रबल लेखनी थी ।

नीरज कुमार के जीवन की, संघर्षमयी वह घड़ी थी ।

सन् 2008 का दिन, नरा धर्मों की सत्ता थी । 

जब कुछ लोगों के रंजिश दल ने जब इनके पिता की हत्या की ।।

मन दृवित हुआ था उन्हें, बदले की आँधी आई थी ।

पर सूझबूझ और न्याय की सत्ता, की अभिलाषा जायी थी ।।

सरकार तंत्र के लोगों की, जब नियति न उन्हें समझ आई ।

कानून उन्हीं के पक्ष में था, जो भृष्टाचारी थे भाई ||

तव संकल्प सिद्धि द्वारा, था मन में ये ठान लिया।

इन नराधमों को पाठ पढ़ाना, था कानून का ठान लिया ।।

दो बार कठिन संघर्ष किया, लेकिन सफलता ना हाथ लगी ।

तीसरी बार तप, संयम से, एक सौ चालिसबी रैंक मिली ।

उत्कृष्ट चरित्रवान बनकर, पद पर आसीन हुए देखो ।।

गुण्डों के अन्दर पुलिसगिरी का भय व्याप्त हुआ देखो ।

इस समय हमारे हरदोई की, शान प्रबल नीरज सर हैं।

हरदोई में कानून व्यवस्था, का उत्कृष्ट उदाहरण है ।

ग्रामोदय के शिक्षार्थी द्वारा, लिखा ये पद्य उन्ही पर है।

हे युवा शक्ति के प्रेरणाबिन्दु, सत्यओम का वंदन है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow