"कश्मीरी पंडितों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से आए शरणार्थी" बयान पर घिरे राहुल गांधी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, जब तक लेफ्टिनेंट गवर्नर यहां हैं, तब तक बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर के लोगों की कीमत पर लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलना "लोगों के साथ घोर अन्याय है।

Sep 27, 2024 - 00:08
Sep 27, 2024 - 00:16
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"कश्मीरी पंडितों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से आए शरणार्थी" बयान पर घिरे राहुल गांधी

JK New Delhi News INA.

बुधवार (25 सितंबर) को जम्मू में एक सार्वजनिक रैली में बोलते हुए कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गलती से कश्मीरी पंडितों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से आए शरणार्थी कह दिया। गांधी ने अपने भाषण में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीओके शरणार्थियों से वादा किया था, लेकिन जल्द ही उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया। उन्होंने माफी मांगते हुए अपनी गलती सुधारी और अपना बयान बदलकर कश्मीरी पंडितों से किया वादा कर दिया। गांधी ने जनसभा में कहा, जो शरणार्थी पीओके से आए हैं, उनसे मनमोहन सिंह जी ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाएगा, माफ कीजिए, कश्मीरी पंडितों, कश्मीरी पंडितों से किए गए वादे पूरे किए जाएंगे।

इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, जब तक लेफ्टिनेंट गवर्नर यहां हैं, तब तक बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर के लोगों की कीमत पर लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलना "लोगों के साथ घोर अन्याय है।

गांधी ने अपने भाषण में वादा किया, हमने सोचा था कि चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा और यह सही तरीका था, लेकिन उन्होंने पहले चुनाव करा लिए। अगर भाजपा किसी कारणवश ऐसा नहीं करती है, तो भारत सरकार के तहत पहला काम राज्य का दर्जा देना होगा, क्योंकि यह आपका अधिकार है। हालांकि, गांधी द्वारा 'पीओके शरणार्थी' और 'कश्मीरी पंडित' कहे जाने की गलती भाजपा की नजरों से ओझल नहीं हुई और उसने कांग्रेस नेता की इस गलती के लिए आलोचना की।

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने कहा, तो सैम पित्रोदा हमें यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि वह अब पप्पू नहीं रहे। एक व्यक्ति जो विपक्ष का नेता है, वह पीओके के शरणार्थियों और कश्मीरी पंडितों के बीच अंतर नहीं कर सकता। कश्मीर में गड़बड़ी जवाहरलाल नेहरू की विरासत है। जैसे कि वह पर्याप्त नहीं था, अब हमारे पास राहुल गांधी भी हैं।

इस बीच, आंध्र प्रदेश भाजपा नेता विष्णु वर्धन रेड्डी ने कहा, चाहे आप सच्चाई को छिपाने की कितनी भी कोशिश करें, यह अंततः सामने आ ही जाती है। गलती से ही सही, लेकिन वास्तविक सच्चाई बोलने के लिए राहुल गांधी को बधाई.." उन्होंने एक्स पर लिखा।

रेड्डी ने एक अन्य पोस्ट में टिप्पणी की तो मूल रूप से, राहुल गांधी जम्मू में कह रहे हैं कि 'भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक बाहरी व्यक्ति है, इसलिए यह उनके लिए अन्याय है'। लेकिन वही कांग्रेस और उनके सहयोगी हमेशा कश्मीर के संबंध में पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हैं। इसलिए उनके लिए भारत सरकार एक बाहरी व्यक्ति है, लेकिन पाकिस्तान नहीं है।

ये है पूरा मामला...

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कश्मीरी पंडितों को पाकिस्तान से आया शरणार्थी बता दिया। हालांकि, उन्होंने तुरंत ही अपनी गलती सुधारी और कहा कि वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से देश में आने वाले शरणार्थियों की बात कर रहे थे। जम्मू में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, पीओके से रिफ्यूजी आए, उनसे मनमोहन सिंह ने वादा किया। वो वादा पूरा किया जाएगा। सॉरी कश्मीरी पंडितों से मनमोहन सिंह ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा। कश्मीरी पंडितों की ‘घर वापसी’ हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर के चुनावों में एक अहम मुद्दा रही है। बता दें कि साल 1990 में आतंकी घटनाओं के बाद बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित अपना घर छोड़कर घाटी से पलायन कर गए थे। तब से कई चुनाव हुए, जिनमें कश्मीरी पंडितों की वापसी का भरोसा दिलाया गया, लेकिन अब तक यह मुमकिन नहीं हो सका है।

रैली में राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए काम करने का संकल्प दोहराते हुए कहा, भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि हमने किसी राज्य का दर्जा छीन लिया हो और उस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया हो। उन्होंने रैली में कहा, “ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था और मैं आपको गारंटी देता हूं कि अगर भाजपा (चुनाव के बाद) राज्य का दर्जा बहाल नहीं करती है, तो हम – ‘इंडिया’ गठबंधन, जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लोकसभा, राज्यसभा में अपनी पूरी ताकत लगाएंगे और यहां तक ​​कि सड़कों पर भी उतरेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के माध्यम से ‘बाहरी लोगों’ को फायदा पहुंचाने के लिए जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया। राहुल ने कहा, “जब तक उपराज्यपाल हैं, बाहरी लोगों को फायदा मिलेगा और स्थानीय लोगों को नजरअंदाज किया जाता रहेगा। यही वजह है कि जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया। वे चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर को बाहरी लोग चलाए न कि स्थानीय लोग। उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होना “आपका अधिकार और आपका भविष्य” है तथा जम्मू कश्मीर इसके बगैर आगे नहीं बढ़ सकता। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों में भी लघु और मध्यम उद्योगों पर व्यवस्थागत हमला किया गया। उन्होंने सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भी आलोचना करते हुए इसे ‘मेक इन अडाणी’ कार्यक्रम बताया और दावा किया कि इस नीति के तहत सभी ठेके कारोबारी समूह अडाणी को दिए जा रहे हैं।

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