Mau: प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग प्रकृति के खिलाफ- डा. हेमंत यादव

कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विशाल जायसवाल ने बताया कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा मनाया गया, जिसमें 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

Oct 2, 2024 - 23:16
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Mau: प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग प्रकृति के खिलाफ- डा. हेमंत यादव

Mau News INA.

भारत सरकार द्वारा संचालित स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती तथा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, डीसीएसके पीजी कॉलेज, जिला गंगा समिति, सामाजिक वानिकीय प्रभाग मऊ के संयुक्त तत्वावधान में डीसीएसके पीजी कॉलेज के सभागार में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 
समापन समारोह के अंतर्गत "आत्मनिर्भर भारत" पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें पलक पांडे ने प्रथम, अभिषेक कुमार भारती ने द्वितीय और विद्यांशु पांडे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, प्रो. शर्वेश पांडे ने स्वच्छता ही सेवा अभियान हेतु जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ मऊ बनाने के लिए केवल सिस्टम का ही नहीं, बल्कि समाज की भागीदारी भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

भाषण प्रतियोगिता के बाद, स्वयंसेवकों ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत एक रैली का आयोजन किया।
स्वच्छता ही सेवा रैली में 100 से अधिक स्वयंसेवकों और छात्रों ने भाग लिया। रैली को प्राचार्य डीसीएसके पीजी कॉलेज शर्वेश पांडे एवं डॉ. हेमंत यादव जिला परियोजना अधिकारी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में शामिल छात्रों और स्वयंसेवकों ने अपने पुराने कपड़ों से 200 थैलों का निर्माण किया और राहगीरों व दुकानदारों को नि:शुल्क वितरित किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी अपने घरेलू सामान की खरीदारी के लिए कपड़े के थैलों का ही प्रयोग करें। स्वयंसेवकों ने दुकानों पर खरीदारी कर रहे ग्राहकों को कपड़े के थैले भेंट किए और उनसे भविष्य में प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की।

कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विशाल जायसवाल ने बताया कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा मनाया गया, जिसमें 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। डॉ. हेमंत यादव ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग प्रकृति के खिलाफ है और हमें इस बुरी आदत से समाज को बचाना होगा। इसके लिए हमें फिर से झोला लेकर चलने की आदत को बढ़ावा देना होगा, जैसा कि पहले किया जाता था। क्योंकि मानव एक सामाजिक प्राणी है और जब कोई व्यक्ति कोई श्रेष्ठ कार्य करता है, तो अन्य लोग उसका अनुसरण करते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य भी यही है—"मैं नहीं, आप"। हम अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए काम करते हैं।

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