Operation Sindoor: भारत के शौर्य का प्रतीक, पाक के खिलाफ कार्रवाई में पूरा भारत एक साथ, विपक्ष ने भी की पीएम मोदी की एकजुट समर्थन।
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक और साहसिक हवाई हमले कर दुनिया ...

नई दिल्ली: भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक और साहसिक हवाई हमले कर दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया है। इस ऑपरेशन को पहलगाम आतंकी हमले का जवाब माना जा रहा है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत किया है, बल्कि देश के 'सॉफ्ट नेशन' होने के दाग को मिटाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम उठाया है। इस मौके पर विपक्षी दलों के नेताओं ने भी एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सशस्त्र बलों का समर्थन किया है, जो राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया है।
- ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई रणनीति और सॉफ्ट नेशन की छवि पर प्रहार
'ऑपरेशन सिंदूर' 6 मई 2025 की देर रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच शुरू हुआ, जिसमें भारतीय वायुसेना ने राफेल, सुखोई-30, और स्वदेशी ड्रोन्स का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्यालय, लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके शिविर, और कोटली व मुजफ्फराबाद के प्रशिक्षण शिविर शामिल थे। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला "केंद्रित, सटीक और गैर-उकसावे वाला" था, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना था।
इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक चतुराई को प्रदर्शित किया। पहलगाम हमले के बाद, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे, भारत ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई कर दुनिया को संदेश दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं रहेगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर ने उनके ढांचे को तहस-नहस कर दिया।"
ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं चुना, जो पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों की विधवाओं के दुख और भारत की प्रतिशोध की भावना को दर्शाता है। यह नाम न केवल भावनात्मक रूप से शक्तिशाली है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगा। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने लिखा, "ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के सॉफ्ट नेशन होने के धब्बे को मिटा दिया। अब दुनिया जानती है कि भारत जवाब देना जानता है।"
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर त्वरित कार्रवाई की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और यूएई को ऑपरेशन की जानकारी दी, ताकि पाकिस्तान की 'पीड़ित' बनने की कोशिश नाकाम हो। यह कदम भारत की वैश्विक छवि को एक मजबूत और जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में पेश करने में सफल रहा।
- विपक्ष की एकजुटता: राष्ट्रीय एकता का ऐतिहासिक प्रदर्शन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की राजनीति में एक दुर्लभ एकता देखने को मिली। आम तौर पर सरकार की आलोचना करने वाले विपक्षी नेताओं ने इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और सशस्त्र बलों की जमकर तारीफ की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर लिखा, "हम अपनी सेना के साहस और संकल्प की सराहना करते हैं। पहलगाम हमले के बाद से कांग्रेस सरकार और सेना के साथ खड़ी थी। राष्ट्रीय एकता और हित सर्वोपरि हैं।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ऑपरेशन की तारीफ करते हुए X पर पोस्ट किया, "हमारी सेना पर गर्व है। जय हिंद!" पूर्व राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "पहलगाम हमले के बाद पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है। पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।"
बसपा प्रमुख मायावती ने ऑपरेशन को "गौरवमय और सराहनीय" करार दिया, जबकि शिव सेना, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भी इसे भारत की ताकत का प्रतीक बताया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "विजुअल प्रूफ मौजूद हैं, कोई इस हमले पर सवाल नहीं उठा सकता। ऑपरेशन सिंदूर भारत की जवाबी ताकत का प्रतीक है।"
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विपक्ष की यह एकजुटता न केवल राष्ट्रीय एकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का राजनीतिक नेतृत्व एकसाथ खड़ा है। X पर कई यूजर्स ने इस एकता की तारीफ की, एक यूजर ने लिखा, "जब बात देश की आती है, तो कांग्रेस, बीएसपी, शिव सेना सब एक हैं। यह है असली भारत!"
'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत को एक मजबूत, आत्मविश्वास से भरे और निर्णायक राष्ट्र के रूप में पेश किया है। इसने न केवल आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को गहरा झटका दिया, बल्कि पाकिस्तान को भी साफ संदेश दिया कि भारत अब चुप नहीं रहेगा। मसूद अजहर के परिवार और उनके सहयोगियों की मौत ने आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ दी है।
हालांकि, इस ऑपरेशन ने क्षेत्रीय तनाव को भी बढ़ा दिया है। पाकिस्तान ने इसे "युद्ध जैसा कदम" करार दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। सीमा पर गोलीबारी और नागरिकों की मौत ने स्थिति को और जटिल कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका और चीन, ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के सॉफ्ट नेशन होने की छवि को निश्चित रूप से चुनौती दी है। लेकिन भविष्य में भारत को कूटनीतिक, सैन्य, और आर्थिक स्तर पर अपनी स्थिति को और मजबूत करना होगा। विपक्ष और सरकार की एकता इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो यह दर्शाता है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो भारत एकजुट और अडिग है।
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