Agra News: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन आगरी द्वारा लेखिका भावना वरदान को दस लाख मानहानि की धमकी
आगरा के ही कवि पवन आगरी ने संस्था के नाम से ताज लिटरेचर लेकर उसमें फेस्ट लिखकर एक कार्यक्रम का आयोजन करने की घोषणा की जिस पर आगरा के लेखको और समाजसेवियों ने ...

सार-
- लेखिका भावना वरदान शर्मा द्वारा मानसिक उत्पीड़न के आरोप के बाद लेखिका के समर्थन में उतरे हजारों आगरावासी एवं सामाजिक संगठन
- आगरा के साहित्यिक मंडल में संस्था के नाम चोरी की घटना से सोशल मीडिया पर मचा बवाल
- कवि पवन आगरी द्वारा ताज लिटरेचर क्लब के नाम को ताज लिटरेचर फेस्ट लिखने पर लोगों ने जताई आपत्ति
By INA News Agra.
मामला आगरा का है जहां लेखिका भावना वरदान शर्मा द्वारा ताज लिटरेचर क्लब नामक संस्था पिछले एक दशक से संचालित है। हाल ही में आगरा के ही कवि पवन आगरी ने संस्था के नाम से ताज लिटरेचर लेकर उसमें फेस्ट लिखकर एक कार्यक्रम का आयोजन करने की घोषणा की जिस पर आगरा के लेखको और समाजसेवियों ने कड़ा विरोध जताया। संस्था के सचिव ब्रजेश अग्रवाल ने कहा ताज लिटरेचर क्लब उत्तर प्रदेश की अग्रणी साहित्यिक संस्था है, जिसके द्वारा विगत 10 वर्षों से आगरा में काव्य गोष्ठी , पुस्तक विमोचन एवं अन्य साहित्यिक कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए जाते रहे हैं। संस्था ने देश भर के हिंदी लेखकों और कवियों को एक सशक्त मंच प्रदान किया है और आगरा के साहित्यिक मंडल से जोड़ा है। संस्था द्वारा देश के सुप्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों का विमोचन भी किया गया है।
संस्था सुप्रसिद्ध कवियों के साथ-साथ नवोदित हस्ताक्षरों को भी लगातार आमंत्रित करती रही है और युवाओं को हिंदी साहित्य से जोड़ने का कार्य कर रही है। ऐसे में पवन आगरी द्वारा संस्था के नाम का प्रयोग करके व्यावसायिक लाभ के लिए कार्यक्रम आयोजित करने से संस्था की छवि धूमिल हो रही है। यदि इसे रोका नहीं गया तो संस्था की कार्यकारिणी समिति द्वारा आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी। महासचिव सुरेश शर्मा ने कहा संस्था से देश भर के कवि एवं लेखक जुड़े हुए हैं। नाम चोरी की घटना से पूरा साहित्यिक जगत स्तब्ध है।
संस्था से जुड़े साहित्यकारों के सम्मान के लिए हम यह लड़ाई अवश्य लड़ेंगे। वरिष्ठ सांस्कृतिककर्मी अलका सिंह शर्मा नटराजंली ,कहा ताज लिटरेचर क्लब हिंदी साहित्य के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है जिसकी सफलता से पवन आगरी जैसे लोग विचलित होकर इसकी कॉपी करने पर तुले हुए हैं जो एक बहुत ही शर्मनाक बात है। साहित्यकारों को इस तरह के कार्यों से बचना चाहिए और अपनी गरिमा के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए।
इस घटना पर आगरा के वरिष्ठ समाज सेवी बृजेश पंडित , पंडित अपूर्व शर्मा, ब्रजभाषा साहित्यकार डॉ राम प्रकाश चतुर्वेदी,गौरव शर्मा, लालाराम तेगोरिया, ,रोहित कत्याल, , इंदिरा सारस्वत, मधु शर्मा, रजनी चाहर, विनीता जादौन, सिंधू द्ववेदी, रचना माहौर, गुंजन पलवार, शिवा पंडित एवं अन्य साहित्यिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध एवं तीखी प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। इस घटना के विरुद्ध आगरा के अनेकों साहित्यिक एवं सामाजिक संगठन एकजुट हैं। सोशल मीडिया एवं आगरा के व्हाट्सएप ग्रुपों में लगातार बहस छिड़ी हुई है।
संस्था की संस्थापिका भावना वरदान शर्मा ने कहा पवन आगरी द्वारा मेरे विरुद्ध अनर्गल शब्दों का प्रयोग किया गया जिस पर आगरा वासियों ने आपत्ति जताई है। मैं शहरवासियों के प्रेम से अभीभूत हूं। जब आप ईमानदारी से अपना कार्य करते हैं तो अवश्य ही समाज में सम्मान प्राप्त करते हैं। हम हर प्रकार की कानूनी प्रक्रिया के लिए तैयार हैं। साहित्य के क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं को रोकना आवश्यक है जिससे भविष्य में कोई दोबारा ऐसा ना करें।
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